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जबलपुर में लोगों ने अनोखे तरीके से मनाया रक्षाबंधन, पेड़ों को राखी बांध बचाने की लगाई गुहार - jabalpur women tied rakhi on trees

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Aug 19, 2024, 9:29 AM IST

जबलपुर की महिलाओं ने रक्षाबंधन के मौके पर अपने भाइयों के साथ-साथ पेड़ों को भी राखी बांध रही हैं. बहनों का यह अनोखा प्रदर्शन पूरे शहर में चर्चा का विषय बना हुआ है. वहीं शहर के बीचो-बीच बने जंगल को बचाने लिए आम लोग सरकार से गुहार लगा रहे हैं.

JABALPUR WOMEN TIED RAKHI ON TREES
रक्षाबंधन पर महिलाओं ने पेड़ों को बांधी राखी (ETV Bharat)

जबलपुर: रक्षाबंधन के मौके पर कुछ अनोखा ही देखने को मिल रहा है. जबलपुर वासी भाई बहनों की तरह ही पेड़ पौधों को भी राखियां बांध रहे हैं. इनमें सबसे अनोखा कार्यक्रम जबलपुर के टेलीकॉम फैक्ट्री में हुआ. जहां टेलीकॉम फैक्ट्री के भीतर बने जंगल को बचाने के लिए लोगों ने पेड़ पौधों को राखियां बांधी और सरकार से अपील की है, कि वे इस टेलीकॉम फैक्ट्री को ना बेचें, क्योंकि इसके ठीक बीच में एक प्राकृतिक जंगल है. जिसे बचाना जबलपुर के पर्यावरण के लिए बहुत जरूरी है.

पेड़ों को राखी बांधकर लोगों ने जंगल बचाने की लगाई गुहार (ETV Bharat)

बंद फैक्ट्री को बेचने की तैयारी में BSNL

जबलपुर के राइट टाउन में एक टेलीकॉम फैक्ट्री है. यह फैक्ट्री फिलहाल बंद हो चुकी है. इस फैक्ट्री में लगभग 70 एकड़ जमीन का भूभाग है. फैक्ट्री के बंद होने की वजह से इस पूरे क्षेत्र में बड़ी तादाद में पेड़ पौधे उग गए हैं और एक प्राकृतिक जंगल जैसा वातावरण बन गया है. देश भर में बीएसएनल अपनी पुरानी संपत्तियों को बेच रहा है. इसी सिलसिले में जबलपुर की इस टेलीकॉम फैक्ट्री को भी बेचने की प्रक्रिया शुरू की गई है.

जगंल को बचाने के लिए चलाया जा रहा आंदोलन

जबलपुर के आम लोगों का कहना है कि "जबलपुर के ठीक बीचो-बीच बनी इस फैक्ट्री को ना बेचा जाए, क्योंकि जबलपुर में जिस स्थान पर यह फैक्ट्री है, उसके आसपास कोई घना जंगल नहीं है और पेड़ों की वजह से इस पूरे क्षेत्र में आवो हवा अच्छी है. आम लोगों ने इसे ऑक्सीजन टैंक का नाम लेकर एक आंदोलन चलाया है."

लोगों को पेड़ों को बचाने की खाई कसम

इसी आंदोलन के तहत जबलपुर के सैकड़ों लोगों ने रक्षाबंधन के मौके पर यहां पहुंचकर पेड़ों को राखी बांधी. डॉक्टर पवन स्थापक का कहना है कि "सरकार को अपना फैसला वापस लेना चाहिए और इस स्थान को किसी पार्क की तरह ही विकसित करना चाहिए. यहां कांक्रीट का जंगल खड़ा नहीं होने देना चाहिए, इसीलिए आम लोगों ने यहां आकर रक्षाबंधन के मौके पर पेड़ों को बचाने के लिए कसम ली है और पेड़ पौधों में राखी बांधी है."

यहां पढ़ें...

इंदौर में पौधारोपण का वर्ल्ड रिकॉर्ड, सीएम मोहन यादव ने की महा अभियान की शुरुआत, 51 लाख पेड़ लगने शुरू

नीम लगाओ पर्यावरण बचाओ, लाखों इनाम पाओ, डेढ़ साल करनी होगी देखभाल फिर आप हो जाएंगे मालामाल

पर्यावरण की रक्षा के लिए लोग पेडों को बांध रहे राखी

रक्षाबंधन के मौके पर बीएसएनएल की इस फैक्ट्री के पेड़ पौधों के अलावा तिलवारा घाट के आसपास के जंगल में और उद्यान में भी लोगों ने पेड़ पौधों को राखी बांधी. पेड़ पौधों को राखी बांधना और उन्हें बचाकर पर्यावरण की रक्षा करना जबलपुर में एक नई किस्म का चलन है. यदि पेड़ पौधों को बचाने की प्रक्रिया धर्म और आस्था के साथ जुड़ जाए तो हमारे आसपास की प्रकृति को कोई नष्ट नहीं कर पाएगा. क्योंकि हमारा समाज धार्मिक मान्यताओं और आस्थाओं की रक्षा के लिए हमेशा सतर्क रहता है.

जबलपुर: रक्षाबंधन के मौके पर कुछ अनोखा ही देखने को मिल रहा है. जबलपुर वासी भाई बहनों की तरह ही पेड़ पौधों को भी राखियां बांध रहे हैं. इनमें सबसे अनोखा कार्यक्रम जबलपुर के टेलीकॉम फैक्ट्री में हुआ. जहां टेलीकॉम फैक्ट्री के भीतर बने जंगल को बचाने के लिए लोगों ने पेड़ पौधों को राखियां बांधी और सरकार से अपील की है, कि वे इस टेलीकॉम फैक्ट्री को ना बेचें, क्योंकि इसके ठीक बीच में एक प्राकृतिक जंगल है. जिसे बचाना जबलपुर के पर्यावरण के लिए बहुत जरूरी है.

पेड़ों को राखी बांधकर लोगों ने जंगल बचाने की लगाई गुहार (ETV Bharat)

बंद फैक्ट्री को बेचने की तैयारी में BSNL

जबलपुर के राइट टाउन में एक टेलीकॉम फैक्ट्री है. यह फैक्ट्री फिलहाल बंद हो चुकी है. इस फैक्ट्री में लगभग 70 एकड़ जमीन का भूभाग है. फैक्ट्री के बंद होने की वजह से इस पूरे क्षेत्र में बड़ी तादाद में पेड़ पौधे उग गए हैं और एक प्राकृतिक जंगल जैसा वातावरण बन गया है. देश भर में बीएसएनल अपनी पुरानी संपत्तियों को बेच रहा है. इसी सिलसिले में जबलपुर की इस टेलीकॉम फैक्ट्री को भी बेचने की प्रक्रिया शुरू की गई है.

जगंल को बचाने के लिए चलाया जा रहा आंदोलन

जबलपुर के आम लोगों का कहना है कि "जबलपुर के ठीक बीचो-बीच बनी इस फैक्ट्री को ना बेचा जाए, क्योंकि जबलपुर में जिस स्थान पर यह फैक्ट्री है, उसके आसपास कोई घना जंगल नहीं है और पेड़ों की वजह से इस पूरे क्षेत्र में आवो हवा अच्छी है. आम लोगों ने इसे ऑक्सीजन टैंक का नाम लेकर एक आंदोलन चलाया है."

लोगों को पेड़ों को बचाने की खाई कसम

इसी आंदोलन के तहत जबलपुर के सैकड़ों लोगों ने रक्षाबंधन के मौके पर यहां पहुंचकर पेड़ों को राखी बांधी. डॉक्टर पवन स्थापक का कहना है कि "सरकार को अपना फैसला वापस लेना चाहिए और इस स्थान को किसी पार्क की तरह ही विकसित करना चाहिए. यहां कांक्रीट का जंगल खड़ा नहीं होने देना चाहिए, इसीलिए आम लोगों ने यहां आकर रक्षाबंधन के मौके पर पेड़ों को बचाने के लिए कसम ली है और पेड़ पौधों में राखी बांधी है."

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रक्षाबंधन के मौके पर बीएसएनएल की इस फैक्ट्री के पेड़ पौधों के अलावा तिलवारा घाट के आसपास के जंगल में और उद्यान में भी लोगों ने पेड़ पौधों को राखी बांधी. पेड़ पौधों को राखी बांधना और उन्हें बचाकर पर्यावरण की रक्षा करना जबलपुर में एक नई किस्म का चलन है. यदि पेड़ पौधों को बचाने की प्रक्रिया धर्म और आस्था के साथ जुड़ जाए तो हमारे आसपास की प्रकृति को कोई नष्ट नहीं कर पाएगा. क्योंकि हमारा समाज धार्मिक मान्यताओं और आस्थाओं की रक्षा के लिए हमेशा सतर्क रहता है.

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