जबलपुर। मानहानि के मामले में पूर्व सीएम शिवराज,वीडी शर्मा और भूपेन्द्र सिंह को 7 जून तक पेशी में व्यक्तिगत रूप से पेश होने से छूट मिल गई है. भाजपा नेताओं ने लोकसभा चुनाव के चलते पेशी में आने से छूट मांगी थी.कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील विवेक तन्खा ने स्पेशल कोर्ट में भाजपा नेताओं के खिलाफ मानहानि का मामला दायर किया था.
7 जून तक पेशी से छूट
याचिकाकर्ता के वकील शिव कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि सांसदों और विधायकों से संबंधित मामलों की सुनवाई करने वाली एमपी एमएलए की विशेष अदालत के न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी विश्वेश्वरी मिश्रा ने ये छूट संबंधी आदेश दिया है. उन्होंने कोर्ट को बताया कि शिवराज सिंह चौहान विदिशा से और वीडी शर्मा खजुराहो से लोकसभा सीट के लिए बीजेपी के उम्मीदवार है. एमपी में 19 अप्रैल से 13 मई के बीच चार चरणों में मतदान है. इसके चलते उन्होंने कोर्ट से पेशी में छूट का निवेदन किया था जिसे कोर्ट ने स्वीकार करते हुए याचिकाकर्ताओं को पेशी से 7 जून तक छूट दे दी है. बता दें कि मानहानि के मामलों में उत्तरदाताओं को व्यक्तिगत रूप से अदालत की सुनवाई में शामिल होना पड़ता है.
हाईकोर्ट ने अंतरिम राहत देने से किया था इंकार
विशेष कोर्ट में मानहानि का प्रकरण दर्ज किये जाने के खिलाफ पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और विधायक भूपेंद्र सिंह ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. 21 मार्च को हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए याचिकाकर्ताओं को अंतरिम राहत प्रदान करने से इंकार कर दिया था और याचिकाकर्ताओं को व्यक्तिगत रूप से पेशी में उपस्थिती से छूट के लिए संबंधित न्यायालय के समक्ष आवेदन करने के आदेश दिए थे.
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विवेक तन्खा ने दायर किया है मानहानि का मामला
बता दें कि यह मामला राज्यसभा सदस्य विवेक तन्खा ने दायर किया है. उन्होंने कोर्ट में दायर परिवाद में बताया है कि सुप्रीम कोर्ट में ओबीसी आरक्षण से संबंधित उन्होंने कोई बात नहीं कही थी. सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव में ओबीसी आरक्षण पर रोक लगा दी तो भाजपा नेताओं ने इसका आरोप मेरे ऊपर लगाकर मेरी छवि धूमिल कर दी. इसके चलते विवेक तन्खा ने कोर्ट में 10 करोड़ की मानहानि का मुकदमा भाजपा नेताओं पर दायर किया है. सुनवाई के बाद विशेष कोर्ट ने 19 जनवरी को मानहानि का मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया था.