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मध्य प्रदेश की सबसे बड़ी मटर मंडी की बदली गई जगह, अब नहीं जाना पड़ेगा विजयनगर

जबलपुर मटर मंडी की जगह अब बदल दी गई है. विजयनगर कृषि उपज मंडी की बजाए बाईपास में एक नए स्थान पर बनेगी.

PEA MARKET MANDI LOCATION CHANGED
जबलपुर मटर मंडी की बदली जगह (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : 3 hours ago

जबलपुर: मध्य प्रदेश की सबसे बड़ी मटर की मंडी में इस बार बड़ी तब्दीली की गई है. जबलपुर की मटर की मंडी अब शहर के विजयनगर कृषि उपज मंडी की बजाए बाईपास में एक नए स्थान पर बनाई जाएगी. जनप्रतिनिधियों और प्रशासन का कहना है कि इससे किसानों, व्यापारियों और आम जनता को फायदा होगा.

40000 हेक्टेयर जमीन पर मटर

जबलपुर में लगभग 40000 हेक्टेयर जमीन पर मटर लगाया जाता है. मटर का इस्तेमाल ज्यादातर सब्जी के रूप में होता है. मटर का पूरा दम उसके ताजापन पर निर्भर करता है. जबलपुर जिले में सीजन पर लाखों क्विंटल मटर एक साथ मंडियों में पहुंचता है, इस मटर को उतनी ही तेजी से देश के दूसरे इलाकों के बाजारों में पहुंचाया जाता है.

सबसे बड़ी मटर मंडी की बदली गई जगह (ETV Bharat)

पिछले साल खराब हुआ था मटर

जबलपुर में मटर बेचने के लिए दो मंडियां बनाई जाती हैं, इनमें एक जबलपुर बनती है और दूसरी सहजपुर में लेकिन जबलपुर शहर के भीतर जो मंडी बनती है वह घनी आबादी के बीच में बनाई जाती है. इसलिए सीजन पर इससे आम आदमियों के साथ ही साथ मटर व्यापारियों और किसानों को भी बहुत अधिक परेशानी का सामना करना पड़ता है. पिछले साल एक छोटे से विवाद की वजह से लाखों क्विंटल मटर बर्बाद हो गया था.

बाईपास के पास एक नई मटर मंडी

इस वर्ष किसानों ने मांग की थी कि जबलपुर की मटर मंडी शहर से बाहर की जाए. जबलपुर कलेक्टर दीपक कुमार सक्सेना, पूर्व कैबिनेट मंत्री अजय विश्नोई के साथ दूसरे जनप्रतिनिधियों और किसानों ने मिलकर जबलपुर शहर के बाहर बाईपास के पास एक नई मटर मंडी स्थापित की है. विधायक अजय विश्नोई का कहना है कि "इस नई मटर मंडी के बनने के बाद न केवल किसानों को फायदा होगा बल्कि व्यापारियों को भी आसानी से अपने माल को ट्रांसपोर्ट करने की व्यवस्था मिल जाएगी और शहर वालों को ट्रैफिक जाम से छुटकारा मिलेगा."

ये भी पढ़ें:

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जबलपुर में सड़ रही हजारों टन हरी मटर, किसानों ने मंडी में जाम लगाकर किया आंदोलन

मटर मंडी शहर से बाहर करने की मांग पुरानी

इस समस्या को लेकर भारतीय किसान संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख राघवेन्द्र सिंह पटेल ने किसान प्रतिनिधि मंडल के साथ सीएम हाउस में मुलाकात की थी. यहां आयोजित किसान मंच की बैठक में मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव और मुख्य सचिव अनुराग जैन को अवगत कराया था. भारतीय किसान संघ महाकौशल प्रांत के प्रतिनिधि मंडल ने मुख्यमंत्री से मटर मंडी शहर से अन्यत्र स्थानांतरित करने की मांग का ज्ञापन पत्र भी सौंपा था.

जबलपुर: मध्य प्रदेश की सबसे बड़ी मटर की मंडी में इस बार बड़ी तब्दीली की गई है. जबलपुर की मटर की मंडी अब शहर के विजयनगर कृषि उपज मंडी की बजाए बाईपास में एक नए स्थान पर बनाई जाएगी. जनप्रतिनिधियों और प्रशासन का कहना है कि इससे किसानों, व्यापारियों और आम जनता को फायदा होगा.

40000 हेक्टेयर जमीन पर मटर

जबलपुर में लगभग 40000 हेक्टेयर जमीन पर मटर लगाया जाता है. मटर का इस्तेमाल ज्यादातर सब्जी के रूप में होता है. मटर का पूरा दम उसके ताजापन पर निर्भर करता है. जबलपुर जिले में सीजन पर लाखों क्विंटल मटर एक साथ मंडियों में पहुंचता है, इस मटर को उतनी ही तेजी से देश के दूसरे इलाकों के बाजारों में पहुंचाया जाता है.

सबसे बड़ी मटर मंडी की बदली गई जगह (ETV Bharat)

पिछले साल खराब हुआ था मटर

जबलपुर में मटर बेचने के लिए दो मंडियां बनाई जाती हैं, इनमें एक जबलपुर बनती है और दूसरी सहजपुर में लेकिन जबलपुर शहर के भीतर जो मंडी बनती है वह घनी आबादी के बीच में बनाई जाती है. इसलिए सीजन पर इससे आम आदमियों के साथ ही साथ मटर व्यापारियों और किसानों को भी बहुत अधिक परेशानी का सामना करना पड़ता है. पिछले साल एक छोटे से विवाद की वजह से लाखों क्विंटल मटर बर्बाद हो गया था.

बाईपास के पास एक नई मटर मंडी

इस वर्ष किसानों ने मांग की थी कि जबलपुर की मटर मंडी शहर से बाहर की जाए. जबलपुर कलेक्टर दीपक कुमार सक्सेना, पूर्व कैबिनेट मंत्री अजय विश्नोई के साथ दूसरे जनप्रतिनिधियों और किसानों ने मिलकर जबलपुर शहर के बाहर बाईपास के पास एक नई मटर मंडी स्थापित की है. विधायक अजय विश्नोई का कहना है कि "इस नई मटर मंडी के बनने के बाद न केवल किसानों को फायदा होगा बल्कि व्यापारियों को भी आसानी से अपने माल को ट्रांसपोर्ट करने की व्यवस्था मिल जाएगी और शहर वालों को ट्रैफिक जाम से छुटकारा मिलेगा."

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मटर मंडी शहर से बाहर करने की मांग पुरानी

इस समस्या को लेकर भारतीय किसान संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख राघवेन्द्र सिंह पटेल ने किसान प्रतिनिधि मंडल के साथ सीएम हाउस में मुलाकात की थी. यहां आयोजित किसान मंच की बैठक में मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव और मुख्य सचिव अनुराग जैन को अवगत कराया था. भारतीय किसान संघ महाकौशल प्रांत के प्रतिनिधि मंडल ने मुख्यमंत्री से मटर मंडी शहर से अन्यत्र स्थानांतरित करने की मांग का ज्ञापन पत्र भी सौंपा था.

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