बालाघाट: प्रदेश के मुखिया डॉ. मोहन यादव ने सोमवार की रात अधिकारियों की ऑनलाइन समीक्षा बैठक ली. उन्होंने बैठक में कई अधिकारियों की जमकर क्लास लगाई. वहीं, कई अधिकारियों की अच्छे काम के लिए सराहना भी की. सीएम ने 11 कर्मचारियों को निलंबित भी करने का आदेश दिया.
बालाघाट कलेक्टर को लगाई फटकार
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान बालाघाट कलेक्टर को बीच में बैठा न देख फटकार लगा दी. दरअसल, वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान पहले आईजी संजय कुमार, डीआईजी मुकेश श्रीवास्तव और उनके बाद बालाघाट कलेक्टर मृणाल मीणा बैठे थे. सीएम ने बालाघाट कलेक्टर से पूछा कि, यह बीच में कौन बैठा है. कलेक्टर ने कहा, ये आईजी हैं. इस पर सीएम ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा, इन्हें यहां से उठाओ, आप बीच में बैठो. प्रशासनिक मुखिया आप हो, आपको बीच में बैठना चाहिए.
खंडवा कलेक्टर की बात सुन सभी हैरान
इस दौरान सीएम ने अलीराजपुर कलेक्टर को भी जमकर फटकार लगाई और कहा कि, 'ज्यादा मत बोलो, जितना बोलोगे उतना फंसोगे.' आपको बता दें कि, एक विकलांग व्यक्ति के मामले के संबंध में अलीराजपुर कलेक्टर ने सीएम को समझाने की कोशिश की थी, लेकिन बीच में ही रोककर सीएम ने जमकर फटकार लगा दी. मुख्यमंत्री ने वीसी के दौरान अशोकनगर कलेक्टर को भी समय से छात्रवृत्ति न बंटने को लेकर फटकार लगाई. कांफ्रेंस में उस दौरान सभी हैरान हो गए जब पॉक्सो एक्ट में गुजरात से लाई नाबालिग पीड़िता के बारे में बताते हुए खंडवा कलेक्टर अनूप कुमार ने लड़की का नाम बोल दिया.
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अच्छे अधिकारियों की तारीफ की
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने जन समस्या निवारण में अच्छा काम करने वाले अधिकारियों की सराहना भी की. उन्होंने कटनी, विदिशा, सीहोर, सिंगरौली और सागर जिलों की सराहना की. डॉ. यादव ने कहा, "हम सब जनता के प्रति जवाबदेह हैं, हमारा दायित्व तभी पूरा होता है जब हम अपने कर्तव्य का समय रहते निर्वहन करें. शासकीय कार्यों में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी."