इंदौर। मध्यप्रदेश के नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय सिर्फ मंत्री या भाजपा के वरिष्ठ नेता ही नहीं बल्कि वह इंदौर के एक किराना व्यवसायी भी हैं, जो हर साल अपने पिता द्वारा खोली गई किराने की दुकान का ऋण उतारने दीपावली पर दुकान संभालते हैं. मंगलवार को विजयवर्गीय धनतेरस के दिन अपनी नंदा नगर स्थित दुकान पर पहुंचे और ग्राहकों को सामान दिया. विजयवर्गीय का कहना है "ये ग्राहक नहीं बल्कि हमारे परिवार के सदस्य हैं. इन लोगों से हमारा पुराना रिश्ता है."
68 साल पहले कैलाश के पिता ने खोली थी दुकान
दरअसल, 68 साल पहले नंदा नगर में रहते हुए मिल मजदूर शंकर दयाल विजयवर्गीय द्वारा गली नंबर 9 में यह दुकान खोली गई. उस जमाने में कॉलोनी के लोग यहां से किराना सामान खरीदते थे. धीरे-धीरे ये दुकान अच्छी चल पड़ी. इसी के दुकान के साथ विजयवर्गीय का परिवार भी समृद्धि के शिखर पर पहुंचा लेकिन खुद विजयवर्गीय का मानना है "जिस दुकान की बदौलत उनका घर चलता है, उस दुकान का परिवार पर ऋण है, जिसे उतारने के लिए वह हर साल धनतेरस रूप चौदस और दीपावली पर अपने नंदा नगर स्थित पैतृक मोहल्ले में पहुंचकर अपनी दुकान खुद संभालते हैं."
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तीसरी पीढ़ी के ग्राहक दुकान पर आते हैं
विजयवर्गीय बताते हैं "न केवल वे बल्कि उनकी दुकान पर अब भी तीसरी पीढ़ी के स्थाई ग्राहक आते हैं, जो अब उनके परिवार की तरह ही हैं. दुकान पर आने वाले ग्राहक हम पर भरोसा करते हैं. लोग भी इस अवसर का इंतजार करते हैं कि दीपावली पर्व पर कैलाश विजयवर्गीय के हाथों सामग्री खरीदेंगे." उन्होंने कहा इस बार दीपावली पर खासा उत्साह है लोग लोकल फॉर वोकल के नारे के अनुरूप भारतीय और स्थानीय सामग्री ही खरीद रहे हैं, जो काफी सुखद संकेत हैं.