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'कनाडा के बाद क्या अमेरिका ने भी इंडियन डिप्लोमेट को कर दिया बाहर', विदेश मंत्रालय ने दिया ये जवाब

अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने भारतीय राजनयिकों के खिलाफ किसी भी कार्रवाई के दावों का खंडन किया है.

US ने भारतीय डिप्लोमैट्स को नहीं किया निष्कासित
US ने भारतीय डिप्लोमैट्स को नहीं किया निष्कासित (सांकेतिक तस्वीर)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 30, 2024, 5:03 PM IST

वॉशिंगटन: अमेरिकी विदेश विभाग ने हाल ही में आई उन रिपोर्टों को खारिज कर दिया है, जिनमें दावा किया गया था कि भारत और कनाडा के बीच बढ़ते राजनयिक तनाव के जवाब में वाशिंगटन भारतीय राजनयिकों को निष्कासित करने पर विचार कर रहा है.

खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या की जांच में कनाडा की ओर से भारत के उच्चायुक्त संजय वर्मा और कई अन्य भारतीय राजनयिकों को 'पर्सन ऑफ इंटरेस्ट' के रूप में नामित किए जाने के बाद ये अफवाहें फैलीं थीं.

एक प्रेस ब्रीफिंग में विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने मंगलवार को भारतीय राजनयिकों के खिलाफ किसी भी कार्रवाई के दावों का खंडन किया है. मिलर ने अटकलों के बीच अमेरिका के रुख को स्पष्ट करते हुए कहा, "मुझे इस रिपोर्ट की जानकारी नहीं है कि हमने भारतीय राजनयिकों को निष्कासित किया है... मुझे ऐसे किसी निष्कासन की जानकारी नहीं है."

इस महीने की शुरुआत में भारत ने कनाडा के अधिकारियों ने पर्सन ऑफ इंटरेस्ट के रूप में लेबल किए जाने के जवाब में कनाडा से अपने छह राजनयिकों को वापस बुला लिया था. तब से कूटनीतिक विवाद और बढ़ गया है. भारत ने भी नई दिल्ली से छह कनाडाई राजनयिकों को निष्कासित करके जवाबी कार्रवाई की है.

विकास यादव मामले पर अमेरिका की प्रतिक्रिया
इस बीच अमेरिकी विदेश विभाग ने विकास यादव के मामले पर भी सवाल उठाए, जो एक पूर्व रॉ अधिकारी हैं, जिनका नाम हाल ही में अमेरिकी अधिकारियों ने खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नून की अमेरिकी धरती पर हत्या की साजिश में लिया था.

यादव के संभावित प्रत्यर्पण के बारे में पूछे जाने पर मिलर ने स्पष्ट किया कि प्रत्यर्पण के फैसले अमेरिकी न्याय विभाग (DOJ) के अधीन आते हैं. उन्होंने कहा, "जब प्रत्यर्पण की बात आती है तो मैं आपको न्याय विभाग के पास भेजूंगा. यह एक कानूनी मामला है, जिसे हम डीओजे के पास भेजते हैं."

उन्होंने कहा कि अमेरिका ने इस मुद्दे पर भारत सरकार के साथ खुली चर्चा की है. मिलर ने खुलासा किया कि एक भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने दो सप्ताह पहले अपनी जांच की प्रगति पर चर्चा करने के लिए अमेरिका का दौरा किया था.

यादव वॉन्टेड के रूप में सूचीबद्ध
उन्होंने कहा कि वाशिंगटन वास्तविक जवाबदेही की उम्मीद करता है. उन्होंने बताया कि एफबीआई ने हाल ही में नाकाम हत्या की साजिश के सिलसिले में यादव को वॉन्टेड के रूप में सूचीबद्ध किया है. विदेश मंत्रालय ने पुष्टि की है कि अभियोग में नामित यादव अब भारत सरकार के भीतर किसी भी आधिकारिक पद पर नहीं है.

यह भी पढ़ें- कनाडाई अधिकारियों ने निज्जर मामले की जानकारी वाशिंगटन पोस्ट को लीक करने की बात स्वीकारी

वॉशिंगटन: अमेरिकी विदेश विभाग ने हाल ही में आई उन रिपोर्टों को खारिज कर दिया है, जिनमें दावा किया गया था कि भारत और कनाडा के बीच बढ़ते राजनयिक तनाव के जवाब में वाशिंगटन भारतीय राजनयिकों को निष्कासित करने पर विचार कर रहा है.

खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या की जांच में कनाडा की ओर से भारत के उच्चायुक्त संजय वर्मा और कई अन्य भारतीय राजनयिकों को 'पर्सन ऑफ इंटरेस्ट' के रूप में नामित किए जाने के बाद ये अफवाहें फैलीं थीं.

एक प्रेस ब्रीफिंग में विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने मंगलवार को भारतीय राजनयिकों के खिलाफ किसी भी कार्रवाई के दावों का खंडन किया है. मिलर ने अटकलों के बीच अमेरिका के रुख को स्पष्ट करते हुए कहा, "मुझे इस रिपोर्ट की जानकारी नहीं है कि हमने भारतीय राजनयिकों को निष्कासित किया है... मुझे ऐसे किसी निष्कासन की जानकारी नहीं है."

इस महीने की शुरुआत में भारत ने कनाडा के अधिकारियों ने पर्सन ऑफ इंटरेस्ट के रूप में लेबल किए जाने के जवाब में कनाडा से अपने छह राजनयिकों को वापस बुला लिया था. तब से कूटनीतिक विवाद और बढ़ गया है. भारत ने भी नई दिल्ली से छह कनाडाई राजनयिकों को निष्कासित करके जवाबी कार्रवाई की है.

विकास यादव मामले पर अमेरिका की प्रतिक्रिया
इस बीच अमेरिकी विदेश विभाग ने विकास यादव के मामले पर भी सवाल उठाए, जो एक पूर्व रॉ अधिकारी हैं, जिनका नाम हाल ही में अमेरिकी अधिकारियों ने खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नून की अमेरिकी धरती पर हत्या की साजिश में लिया था.

यादव के संभावित प्रत्यर्पण के बारे में पूछे जाने पर मिलर ने स्पष्ट किया कि प्रत्यर्पण के फैसले अमेरिकी न्याय विभाग (DOJ) के अधीन आते हैं. उन्होंने कहा, "जब प्रत्यर्पण की बात आती है तो मैं आपको न्याय विभाग के पास भेजूंगा. यह एक कानूनी मामला है, जिसे हम डीओजे के पास भेजते हैं."

उन्होंने कहा कि अमेरिका ने इस मुद्दे पर भारत सरकार के साथ खुली चर्चा की है. मिलर ने खुलासा किया कि एक भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने दो सप्ताह पहले अपनी जांच की प्रगति पर चर्चा करने के लिए अमेरिका का दौरा किया था.

यादव वॉन्टेड के रूप में सूचीबद्ध
उन्होंने कहा कि वाशिंगटन वास्तविक जवाबदेही की उम्मीद करता है. उन्होंने बताया कि एफबीआई ने हाल ही में नाकाम हत्या की साजिश के सिलसिले में यादव को वॉन्टेड के रूप में सूचीबद्ध किया है. विदेश मंत्रालय ने पुष्टि की है कि अभियोग में नामित यादव अब भारत सरकार के भीतर किसी भी आधिकारिक पद पर नहीं है.

यह भी पढ़ें- कनाडाई अधिकारियों ने निज्जर मामले की जानकारी वाशिंगटन पोस्ट को लीक करने की बात स्वीकारी

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