जबलपुर। शहर में जिस कबाड़ी के गोदाम में विस्फोट वो शमीम कबाड़ी जबलपुर का हिस्ट्रीशीटर बदमाश है. इसने लगभग डेढ़ किलोमीटर लंबी रेलवे की पटरियां बेची थीं. यह मामला अभी भी कोर्ट में चल रहा है वहीं एक दूसरे मामले में शमीम ने आईपीएस अधिकारी जी जनार्दन को फोन पर धमकी दी थी. यह बदमाश इसके अलावा भी चोरी के कई सामानों को बेचने के मामलों में जमानत पर रिहा है. सबसे गंभीर बात यह है कि शमीम के खिलाफ गैर कानूनी तरीके से ट्रकों को स्क्रैप करने के मुकदमे भी चल रहे हैं और उसके बाद भी उसे जबलपुर में स्क्रैप सेंटर खोलने का लाइसेंस मिल गया. यह जबलपुर का एकमात्र स्क्रैप सेंटर है.
शमीम ने चुराईं रेलवे पटरियां
जबलपुर के शमीम कबाड़ी का अपराध से पुराना नाता रहा है. 2017 में कटनी के मुड़वारा रेलवे स्टेशन के पास लगभग डेढ़ किलोमीटर की रेलवे लाइन की चोरी हो गई. इस मामले में जब जांच शुरू हुई तो पता चला की जबलपुर के शमीम कबाड़ी ने ही इस रेलवे लाइन को चुराया है और रेल की पटरियां शमीम के पास से बरामद हुई. इसके बाद शमीम कई दिनों तक फरार रहा, ऐसी भी सूचना आई कि वह देश छोड़कर चला गया लेकिन बाद में उसे गिरफ्तार किया गया. जब उसे कोर्ट में पेश किया गया तो वह एंबुलेंस से कोर्ट पहुंचा था और मेडिकल ग्राउंड पर फिलहाल इस मामले में जमानत पर है.
शहडोल रेंज एडीजी को दी थी धमकी
कबाड़ के मामले में शमीम छोटा-मोटा खिलाड़ी नहीं है. जबलपुर में कोई भी चोरी का माल इसके यहां बिक जाता है और यह खरीद कर उसे स्क्रैप में बेच देता है. ऐसे ही एक मामले में एक ट्रक में पुराने ट्रकों के कल पुर्जे भरे हुए थे और यह ट्रक रायपुर जा रहा था तभी शहडोल पुलिस ने रोक लिया. जब पूछताछ की गई तो पता लगा कि यह माल जबलपुर के कबाड़ कारोबारी शमीम का है. शमीम ने इस ट्रक को छुड़वाने के लिए शहडोल रेंज के आईजी जी जनार्दन को फोन लगाया और फोन पर धमकी दी कि हमारा ट्रक छोड़ दो नहीं तो हम आपको बदनाम कर देंगे कि आप कबाड़ के अवैध कारोबार में पैसे मांगते हैं. आईपीएस अधिकारी को धमकाने के बाद शमीम के बुरे दिन शुरू हो गए. उसके ठिकानों पर पुलिस ने छापामार कार्रवाई की और कई पुराने ट्रकों को उसकी गोदाम से बरामद किया गया.
पहले भी चल चुका है बुलडोजर
पुलिस ने इस मामले में भी शमीम के खिलाफ मामला दर्ज किया था क्योंकि आरटीओ में दर्ज किसी भी वाहन को सीधे तोड़ा नहीं जा सकता. इसके लिए आरटीओ की परमिशन लेना जरूरी होता है, लेकिन यहां मौजूद ट्रकों को तोड़ने में आरटीओ की अनुमति नहीं ली गई थी. इस मामले में भी जबलपुर के आधारताल थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था. इसके बाद शमीम के एक आलीशान बंगले के ऊपर बुलडोजर चला कर उसे गिराया गया था.
केंद्र सरकार ने दिया स्क्रैप का लाइसेंस
शमीम कबाड़ी के लड़के को 15 साल से ज्यादा पुरानी गाड़ियों को स्क्रैप करने का लाइसेंस मिला है. जबलपुर में यह एकमात्र सेंटर खोला गया और वह भी शमीम के पास था. जबलपुर आरटीओ जितेंद्र कुमार रघुवंशी का कहना है कि शमीम ने यह आवेदन ऑनलाइन किया था. ऑनलाइन उसने जो अनुमति पाई थी उसके आधार पर उसे स्क्रैप सेंटर खोलने का अधिकार मिल गया था. स्क्रैप सेंटर के लाइसेंस को केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्रालय के द्वारा जारी किया जाता है हालांकि इसमें एक आवेदन ट्रांसपोर्ट कमिश्नर के पास भी जाता है. अब सवाल यहां यह खड़ा होता है कि जब शमीम के ऊपर पहले ही गैर कानूनी तरीके से ट्रकों को काटने के मुकदमे चल रहे थे तब फिर उसे इस स्क्रैप सेंटर का लाइसेंस कैसे मिल गया.
सभी मामलों में जमानत पर है शमीम
शमीम के खिलाफ जो मामले हैं उनको सुनकर इस बात का सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि ऐसा आरोपी जेल में होगा लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि शमीम किसी भी मामले में फरार नहीं है. उसे सभी मामलों में जमानत मिली हुई है. अब इसके बाद उसकी गोदाम में एक बम फट गया, देखना है कि इस घटना के बाद भी क्या यह आरोपी जेल में रहेगा या जेल के बाहर.