जबलपुर। साल 2001 में अब्दुल करीम तेलिगी को पुलिस ने पकड़ा था. तेलगी ने फर्जी स्टांप छापकर सरकार को 20 हजार करोड़ से ज्यादा का चूना लगाया था. जबलपुर में भी कुछ इसी तरह का मामला सामने आया है. पुलिस में सुमित काले नामक युवक ने शिकायत की थी. शिकायत में लिखा कि उसने कोई लोन नहीं लिया. लेकिन बैंक वाले उससे लोन की रकम मांग रहे हैं. मामले की जांच एसटीएफ ने शुरू की.
बैंक कर्मियों सहित 9 लोग दबोचे
जबलपुर एसटीएफ पुलिस ने एक गैंग को पकड़ा है. गैंग एक बैंक मैनेजर सहित कुछ बैंक के कर्मचारी, प्रॉपर्टी के दलाल, फोटोशॉप के मास्टरमांड शामिल हैं. ऐसे 9 लोगों को एसटीएफ ने हिरासत में लिया है. इस गैंग का एक सदस्य प्रवीण पांडे फर्जी आधार कार्ड और फर्जी पहचान पत्र के आधार पर बैंक में अकाउंट खुलवाता था. यह अकाउंट अलग-अलग लोगों के नाम पर होते थे. इसी के साथ शुरू होता था सिलसिला बैंक लोन का. अकाउंट में रजिस्ट्री के फर्जी कागज लगाए जाते थे.
रजिस्ट्री के फर्जी कागजात कराए तैयार
रजिस्ट्री के फर्जी कागज को तैयार करने में कलेक्ट्रेट के एक दलाल की मदद ली जाती थी, जो अपने एक साथी के साथ फोटोशॉप एडिटिंग सॉफ्टवेयर की मदद से फर्जी स्टांप तैयार करते थे. फर्जी सील के आधार पर कागज तैयार हो जाता था. इसके बाद रजिस्ट्री के पेपर बैंक में दिए जाते थे. बैंक मैं भी कुछ कर्मचारी और मैनेजर इस गैंग में बारबरी के हिस्सेदार थे, जो लोन पास कर देते थे. एसटीएफ का दावा है कि इस गैंग ने चार करोड़ से ज्यादा के लोन बैंकों से फाइनेंस करवाए हैं.
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करीब 50 और लोग एसटीएफ की रडार पर
इस मामले में जना बैंक और हिंदूजा हाउसिंग फाइनेंस कंपनी के अधिकारियों को भी हिरासत में लिया गया है. इसमें एक्सिस बैंक का एक पूर्व बैंक मैनेजर भी शामिल है. एसटीएफ ने विकास, पुनीत अनवर खान, लकी प्रजापति, अनीश अहमद, राजेश डहरिया, अनुभव दुबे और प्रवीण पांडे को हिरासत में लिया है. एसटीएफ के डीएसपी संतोष तिवारी ने बताया "इस मामले में अभी भी लगभग 40 से 45 लोगों को हिरासत में लिया जा सकता है. जबलपुर एसटीएफ पुलिस ने 15 फर्जी रजिस्ट्री के साथ सेल साइन कंप्यूटर बैंक अकाउंट आधार कार्ड भी जब्त किए हैं."