हल्द्वानी: गौलापार में करोड़ों रुपए की लागत से बनाए गए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम को गौला नदी के कटाव से बचाने की कवायद शुरू हो गई है. पिछले दिनों हुई भारी बारिश और गौला नदी के भूकटाव के चपेट में आने से स्टेडियम को खतरा पैदा हो गया. नदी ने स्टेडियम के चारदीवारी के पास 200 मीटर भूकटाव किया है. स्टेडियम की सुरक्षा दीवार को रोकने के लिए सिंचाई विभाग ने अस्थाई रूप से कार्य तो कर रहा है, लेकिन दीर्घकालीन योजना के तहत सिंचाई विभाग अब स्टेडियम के नदी के किनारे वाले हिस्से में 500 मीटर आरसीसी सपोर्ट दीवार बनाने जा रहा है. जिसमें करीब 178 करोड़ का बजट खर्च किया जाएगा.
मुख्य अभियंता सिंचाई विभाग संजय शुक्ला ने बताया कि पिछले दिनों हुई भारी बारिश के चलते गौला नदी ने अपना रुख अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम की ओर मोड़ दिया था. जिसके चलते स्टेडियम को खतरा पैदा हो गया है. स्टेडियम को बचाने के लिए सिंचाई विभाग ने अस्थाई तौर पर नदी को करीब 500 मीटर में चैनेलाइज किया. जिससे नदी का पानी स्टेडियम की तरफ नहीं आए, इसके अलावा टेंपरेरी दीवार बनाकर भूकटाव को रोकने का काम किया जा रहा है.
दीर्घकालीन योजना के तहत अब स्टेडियम को बचाने की कवायद की जा रही है.स्टेडियम के नदी वाले हिस्से में करीब 500 मीटर आरसीसी बाउंड्री वॉल बनाई जाएगी. जिससे भविष्य में स्टेडियम को पहुंचने वाला नुकसान को रोका जा सके. इसके लिए डीपीआर तैयार कर शासन से बजट की कार्रवाई की जा रही है. बताया जा रहा है कि अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम की जमीन का 750 मीटर का हिस्सा गौला नदी से लगा हुआ है. पिछले दो साल से नदी से हो रहे भूकटाव के कारण स्टेडियम को नुकसान पहुंच रहा है.
इसी साल 8 जुलाई को भारी बारिश के चलते स्टेडियम के किनारे का 200 मीटर का हिस्सा नदी में समा गया. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्थलीय निरीक्षण कर स्टेडियम को बचाने के लिए फेज टू के तहत प्रस्ताव बनाने के निर्देश दिए थे. सिंचाई विभाग की ओर से फेज टू का भी प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है. ताकि स्टेडियम सुरक्षित रहे.
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