नई दिल्ली: सफलता की सीढ़ियां चढ़नी ठान ली, तो ऐसी कोई ताकत नहीं है, जो किसी को रोक ले. यह कहानी है IPS नित्या राधाकृष्णन की. तमिलनाडु के एक छोटे से गांव की रहने वाली नित्या एक बच्चे की मां बनने के बाद संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की तैयारी करनी शुरू की. तीन वर्षों के निरंतर प्रयास के बाद चौथे वर्ष में उन्होंने सफलता हासिल की. इस बीच उनके सामने कई उतार चढ़ाव आए, लेकिन वो हार नहीं मानी. आज वो देशभर की महिलाओं के लिए मिशाल हैं.
उन्होंने वेल्लोर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (वीआईटी) डीम्ड यूनिवर्सिटी, वेल्लोर से बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग पूरा किया. उसके बाद इंफोसिस में 4 साल तक सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में भी काम किया. दिल्ली पुलिस में सहायक पुलिस आयुक्त (ACP) नित्या राधाकृष्णन से 'ETV भारत' ने बात की, वो अभी प्रीत विहार (पूर्वी जिले) में तैनात हैं.
सवाल: आपने UPSC तैयारी करनी कब शुरू की?
जवाब: मैंने 2019 में योजना बनाई कि UPSC की परीक्षा देनी है. इसमें मेरी पहली प्राथमिकता IAS बनने की थी. मेरी ग्रेजुएशन बीटेक में है. कुछ वर्षों तक IT के क्षेत्र में काम किया. इसके बाद शादी हो गई. फिर एक बच्चा हुआ. उसके बाद मैंने UPSC की तैयारी करनी शुरू की. मेरा हमेशा से फील्ड जॉब करने का मन था. मुझे लोगों से मिलना, बात करना और समाजसेवा करनी पसंद है.
सवाल: जब आप तैयारी कर रही थीं तो आपका बच्चा छोटा था? इस दौरान पढ़ने का समय कब मिलता था?
जवाब: वो बहुत कठिन समय था. आज सोच कर भी डर लगता है कि ना जाने कैसे मैंने वो सब किया. उस समय परिवार की पूरी जिम्मेदारी पति पर आ गई थी. क्योंकि, मैंने नौकरी छोड़ दी थी. इसलिए घर का सारा काम खुद ही करती थी. एक महिला होने के नाते आप भी जानती होंगी कि घर में कितने काम होते हैं. कपड़े, बर्तन, सफाई, डस्टिंग आदि. इन सबके बीच बच्चे को भी देखना होता है. तीन वर्षों के लगातार प्रयास के बाद चौथे बर्ष मैंने UPSC की परीक्षा पास की.
सवाल: UPSC की तैयारी के दौरान परिवार का कैसा सपोर्ट रहा?
जवाब: सभी का बहुत अच्छा सपोर्ट रहा. सबसे ज्यादा पति का, उनका नाम गोपालकृष्णन है. जब 3 बार परीक्षा देने के बाद भी सफल नहीं हुई, तो मैंने अगला अटेंप्ट छोड़ने का विचार किया. सोचा ये क्या पागलपन है? इतनी मेहनत करने के बाद भी एग्जाम क्रेक नहीं हो रहा. उस समय मेरे पति ने मुझे कहा, अगर तुम घर में खाली बैठोगी, तो खुद तो पागल होगी. साथ में सभी को पागल कर दोगी. उनकी इस बात ने मुझे ताकत दी और उसी वर्ष मैंने सफलता हासिल की.
सवाल: बहुत से छात्र UPSC की परीक्षा देती हैं, इसमें कई सफल नहीं हो पाते, उनको आप का संदेश देंगी?
जवाब: जी हां, वर्तमान में करीब 10 लाख विद्यार्थी हर वर्ष UPSC की परीक्षा देते हैं. बहुत कम बच्चे परीक्षा पास कर पाते हैं. जो असफल होते हैं, उनको समझने की जरूरत है. IAS और IPS कोई जीवन नहीं है. यह भी एक नौकरी है. मैं भी एक IPS हूं. इसलिए नहीं कि मुझे सामाजिक हैसियत दिखानी है, बल्कि इसलिए क्योंकि मुझे फील्ड वर्क पसंद है. मैं ये कहना चाहती हूं कि आप वही करें, जो आपको सच में पसंद हो. UPSC जीवन का एक छोटा सा हिस्सा है. अगर, आपको लगता है कि आप UPSC की परीक्षा नहीं पास कर पाएंगे, तो किसी और फील्ड में भविष्य तलाशिए और उसमें सफलता को हासिल करें.
सवाल: आपके परिवार में कितने लोग हैं?
सवाल: मेरे परिवार में चार लोग हैं. मेरे पिता किसान हैं और आज भी गांव में ही रहते हैं. मां गांव के स्कूल में टीचर हैं. जब मैंने UPSC की तैयारी शुरू की, तो इनका काफी सपोर्ट मिला. उनको मालूम है कि मैं एक सशक्त महिला हूं. मेरी एक छोटी बहन भी है.
सवाल: आपकी दिल्ली के प्रीत विहार थाने में पोस्टिंग हुई हैं, राजधानी में महिला सुरक्षा अहम मुद्दा है इसे आप कैसे देखती हैं?
जवाब: दिल्ली महिला आयोग का कहना है कि दिल्ली में महिलाएं सुरक्षित नहीं और सबसे ज्यादा घरेलू हिंसा के मामले सामने आते हैं. लेकिन इसमें सोचने कि बात यह है कि अब घरेलू हिंसा की शिकार हुई महिलाएं FIR दर्ज करवा रही हैं. इसका मतलब है दिल्ली की महिलाओं का भरोसा बढ़ा है कि पुलिस इंसाफ दिलाएगी. दिल्ली पुलिस को जब भी महिला हिंसा की जानकारी मिलती है, तो तुरंत FIR दर्ज कर के आगे की जांच शुरू की जाती है. जहां तक महिलाओं के साथ होने वाली हिंसा की बात है, तो इसके लिए सबसे पहले समाज को समझने की जरूरत है. खास तौर पर घरेलू शिक्षा के दौरान लड़कों को समझाने की जरूरत है कि महिलाओं का सम्मान करना चाहिए. बच्चियों के साथ सही बर्ताव करना है. यह जागरूकता परिवार से शुरू हो सकती है.