पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 2005 में जब बिहार की सत्ता में आए थे तो, उनका बिहार के लोगों से पहला वादा था कि बिहार में वह गुड़ गवर्नेंस लाएंगे. उन्होंने इसको लेकर एक टीम भी बनाई थी. बिहार को अपराध मुक्त करने के लिए नीतीश कुमार ने चुन-चुनकर आईपीएस अधिकारियों को बिहार बुलाया था. जिसमें बिहार कैडर के चर्चित और तेज-तर्रार आईपीएस अधिकारी जिनके नाम से अपराधी खौफ खाते थे वह थे कुंदन कृष्णन.
कुंदन कृष्णन फिर लौट रहे बिहार : पिछले कई सालों से कुंदन कृष्णन केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर थे. वह एक बार फिर से केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से बिहार लौट रहे हैं. गृह मंत्रालय ने उनकी सेवा बिहार कैडर को वापस कर दी है. गृह मंत्रालय की तरफ से इसकी अधिसूचना भी जारी कर दी गई है. कुंदन कृष्णन मई 2021 से केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर थे. वर्तमान में वे केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) में एडीजी के पद पर कार्यरत थे.
कुंदन कृष्णन को मिलेगी अहम जिम्मेदारी : बिहार कैडर में कुंदन कृष्णन की वापसी के बाद यह तय माना जा रहा है कि उन्हें बड़ी जिम्मेवारी बिहार सरकार देगी. वह केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने से पहले बिहार के एडीजी मुख्यालय रह चुके हैं. इसलिए अब कुंदन कृष्णन की बिहार वापसी के बाद पुलिस मुख्यालय में बड़े पद की जिम्मेदारी दी जाएगी. बिहार में पिछले कुछ दिनों में बढ़ी आपराधिक घटना को देखते हुए कुंदन कृष्णन की बिहार वापसी बहुत ही महत्वपूर्ण मानी जा रही है.
'गुड़ गवर्नेंस के लिए कुंदन को बुलाया गया' : कुंदन कृष्णन के बिहार कैडर में वापसी पर वरिष्ठ पत्रकार सुनील पांडेय का कहना है कि 2025 में बिहार विधानसभा का चुनाव होने वाला है. विपक्ष कानून व्यवस्था पर नीतीश कुमार की सरकार पर सवाल उठा रहा है. चुंकी नीतीश कुमार की गिनती सुशासन बाबू के रूप में होती है. इसीलिए विधानसभा चुनाव से पहले नीतीश कुमार कानून व्यवस्था को फिर से चुस्त-दुरुस्त बनाने की तैयारी कर रहे हैं.
''पिछले कुछ वर्षों में बिहार में कानून व्यवस्था पर सवाल उठने लगे हैं. कानून व्यवस्था को चुस्त दुरुस्त करने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने डीजीपी के रूप में आरएस भट्टी को लाया था लेकिन, वह सफल नहीं हो पाए थे. अब 3 वर्षों के लिए केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर गए कुंदन कृष्णन को फिर से बिहार वापस बुलाया गया है. आगे-आगे देखिए होता है क्या?''- सुनील पांडेय, वरिष्ठ पत्रकार
1994 बैच के IPS अधिकारी : 1994 बैच के बिहार कैडर के आईपीएस अधिकारी कुंदन कृष्णन मूल रूप से बिहार के नालंदा जिले के रहने वाले हैं. कुंदन कृष्णन को अपराधियों के खिलाफ तुरंत एक्शन लेने वाले पुलिस अफसर के रूप में जाना जाता है. पटना के अलावे अन्य जिलों में SP रहते हुए कुंदन कृष्णन ने अपराधियों के खिलाफ की गई कार्रवाई के लिए आज भी जाने जाते हैं.
'अपराधी जिला छोड़कर बाहर चले जाते' : कुंदन कृष्णन के बारे में कहा जाता है कि जहां भी कुंदन कृष्णन की पोस्टिंग होती थी अपराधी जिला छोड़कर बाहर चले जाते थे. 2005 में जब नीतीश कुमार के हाथ में बिहार की सत्ता आई थी तो उस समय अपराधियों और बाहुबली के खिलाफ कार्रवाई में कुंदन कृष्णन का अहम रोल रहा.
जेल में अपराधियों से भिड़े थे कुंदन : 2002 में छपरा जेल कांड अभी भी लोगों के जेहन में है. छपरा जेल में कैद 1500 से अधिक कैदियों ने जेल पर कब्जा कर लिया था. अपराधियों के सामने जेल प्रशासन के लोग बेबस नजर आ रहे थे. उस समय कुंदन कृष्णन सारण जिले के एसपी थे. कैदियों के उत्पात की जानकारी मिलते ही वह कैदियों से लोहा लेने के लिए खुद AK-47 लेकर वहां पहुंच गए. उस पुलिस कार्रवाई में पांच कैदी मारे गए थे.
एक बाहुबली की गिरफ्तारी ने बटोरी थी सुर्खियां : पटना में एसपी रहने के दौरान कुंदन कृष्णन का एक बाहुबली नेता से आमना-सामना भी हुआ था. 2006 में उक्त बाहुबली को देहरादून कोर्ट में पेश होना था. देहरादून में पेशी होने के बाद उन्हें सहरसा जेल जाना था लेकिन, वो सहरसा ना जाकर पटना आ गए थे.
बाहुबली को होटल से दबोचा : बाहुबली के पटना के एक होटल होटल में रुकने की खबर आई. पटना के SP कुंदन कृष्णन को इस बात की जानकारी मिली तो वो अपनी टीम के साथ उक्त बाहुबली को गिरफ्तार करने पहुंचे. बाहुबली के समर्थक पुलिस को गिरफ्तारी से रोक रहे थे. बावजूद इसके आईपीएस कुंदन कृष्णन नहीं माने और बाहुबली को गिरफ्तार कर लिया. इस दौरान दोनों के बीच बहस भी हुई लेकिन, फिर कुंदन कृष्णन ने बाहुबली को गिरफ्तार कर लिया और थाने ले जाकर वहां से जेल भेज भेजा था.
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