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पौष महीने में पितरों को मोक्ष दिलाएंगे पिंडदानी, पुनपुन में चल रहा है अंतरराष्ट्रीय पितृ पक्ष मेला - PITRU PAKSHA MELA 2024

ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व वाले पुनपुन में खरमास मेला चल रहा है. अब यहां एक महिने तक पिंडदानी अपने पितरों को मोक्ष दिलाएंगे.

Pitru Paksha Kharmas Mela
पुनपुन खरमास मेला (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : 3 hours ago

पटना: राजधानी पटना से सटे पुनपुन में पौष महिने का मिनी पितृ पक्ष मेला सोमवार से शुरू हो गया है. 16 दिसंबर से 14 जनवरी तक के लिए इस मेले का आयोजन किया गया है. मेले का उद्घाटन फुलवारी विधायक गोपाल रविदास ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया. पुनपुन में प्रत्येक वर्ष दो बार पितृपक्ष मेला का आयोजन जिला प्रशासन द्वारा किया जाता है.

पिंडदान का प्रथम द्वार है पुनपुन: विधायक गोपाल रविदास ने कहा कि पौष महीने के पितृ पक्ष को मिनी पितृपक्ष कहा जाता है, जो 14 जनवरी तक चलता है. यहां देश-विदेश से लोग आकर अपने पितरों की मुक्ति के लिए पिंडदान करते हैं. वहीं पुनपुन का कई ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व भी है. कहा जाता है कि भगवान राम ने माता जानकी और भाई लक्षमण के साथ अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए सबसे पहले पुनपुन नदी के घाट पर पिंड का तर्पण किया था. जिस वजह से इसे पिंडदान का प्रथम द्वार कहा जाता है.

पुनपुन खरमास मेला (ETV Bharat)

"पुनपुन के पावन धरती पर एक महीने का खरमास में लगाया आयोजन होता है, जहां पर हजारों की संख्या और विदेशी पिंडदान करने आते हैं. जिला प्रशासन द्वारा यह कार्यक्रम किया जाता है. सभी पिंडदानीयों को सभी सुविधाएं मिलेगी." - गोपाल रविदास, विधायक, फुलवारी

कितने दिन का होता है पिंडदान?: ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व को देखते हुए पर्यटन विभाग ने इसे अंतरराष्ट्रीय पितृपक्ष मेला की मान्यता दी है. हर साल जिला प्रशासन द्वारा यहां पर भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है और देश-विदेश से हजारों श्रद्धालु अपने पितरों का पिंडदान करने आते हैं. पंडा समिति के सचिव राकेश पंडित ने बताया कि इस मिनी पितृ पक्ष मेले में अधिकतर पिंडदानी एक या तीन दिन वाला पिंडदान का कर्मकांड करते हैं.

"मिनी पितृपक्ष 14 जनवरी तक चलेगा. मिनी पितृपक्ष में सभी सबसे ज्यादा मकर संक्रांति स्नान को लेकर उत्साह में हैं, पौष पितृ पक्ष में एक दिवसीय, तीन दिवसीय और सात दिवसीय पिंडदान की मान्यता होती है."- राकेश पांडे, सचिव, पंडित समिति

आपको मिलेगी सुरक्षा के साथ सभी व्यवस्था: एडीएम ने कहा कि ठंड के दिनों में मिनी पितृ पक्ष के आयोजन को लेकर जिला प्रशासन श्रद्धालुओं को सभी सुविधा मुहैया करा रही है. यहां पर रात गुजारने वालों के लिए सभी तरह की व्यवस्था की गई है. पुरुष और महिलाओं के लिए अलग से स्नानागार, शौचालय, बिजली, पानी और स्वच्छता का काफी निर्देश दिया गया है. सुरक्षा को लेकर सभी जगहों पर सीसीटीवी, पुलिस दंडाधिकारी कि प्रतिनियुक्ति की गई है.

"पुनपुन में आयोजित हो रहे मिनी पितृ पक्ष मेले को देखते हुए जिला प्रशासन द्वारा कई दिशा निर्देश दिए गए हैं. बाहर से आए सभी पिंडदानियों के लिए यहां सभी सुविधा दी गई है."- कोमल किरण, भूमि सुधार, उपसमाहर्ता, नोडल पदाधिकारी

पढ़ें-आज वैतरणी सरोवर पर तर्पण और गोदान का विधान, पिंडदान से 21 कुलों का होता है उद्धार - Pitru Paksha 2024 - PITRU PAKSHA 2024

पटना: राजधानी पटना से सटे पुनपुन में पौष महिने का मिनी पितृ पक्ष मेला सोमवार से शुरू हो गया है. 16 दिसंबर से 14 जनवरी तक के लिए इस मेले का आयोजन किया गया है. मेले का उद्घाटन फुलवारी विधायक गोपाल रविदास ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया. पुनपुन में प्रत्येक वर्ष दो बार पितृपक्ष मेला का आयोजन जिला प्रशासन द्वारा किया जाता है.

पिंडदान का प्रथम द्वार है पुनपुन: विधायक गोपाल रविदास ने कहा कि पौष महीने के पितृ पक्ष को मिनी पितृपक्ष कहा जाता है, जो 14 जनवरी तक चलता है. यहां देश-विदेश से लोग आकर अपने पितरों की मुक्ति के लिए पिंडदान करते हैं. वहीं पुनपुन का कई ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व भी है. कहा जाता है कि भगवान राम ने माता जानकी और भाई लक्षमण के साथ अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए सबसे पहले पुनपुन नदी के घाट पर पिंड का तर्पण किया था. जिस वजह से इसे पिंडदान का प्रथम द्वार कहा जाता है.

पुनपुन खरमास मेला (ETV Bharat)

"पुनपुन के पावन धरती पर एक महीने का खरमास में लगाया आयोजन होता है, जहां पर हजारों की संख्या और विदेशी पिंडदान करने आते हैं. जिला प्रशासन द्वारा यह कार्यक्रम किया जाता है. सभी पिंडदानीयों को सभी सुविधाएं मिलेगी." - गोपाल रविदास, विधायक, फुलवारी

कितने दिन का होता है पिंडदान?: ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व को देखते हुए पर्यटन विभाग ने इसे अंतरराष्ट्रीय पितृपक्ष मेला की मान्यता दी है. हर साल जिला प्रशासन द्वारा यहां पर भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है और देश-विदेश से हजारों श्रद्धालु अपने पितरों का पिंडदान करने आते हैं. पंडा समिति के सचिव राकेश पंडित ने बताया कि इस मिनी पितृ पक्ष मेले में अधिकतर पिंडदानी एक या तीन दिन वाला पिंडदान का कर्मकांड करते हैं.

"मिनी पितृपक्ष 14 जनवरी तक चलेगा. मिनी पितृपक्ष में सभी सबसे ज्यादा मकर संक्रांति स्नान को लेकर उत्साह में हैं, पौष पितृ पक्ष में एक दिवसीय, तीन दिवसीय और सात दिवसीय पिंडदान की मान्यता होती है."- राकेश पांडे, सचिव, पंडित समिति

आपको मिलेगी सुरक्षा के साथ सभी व्यवस्था: एडीएम ने कहा कि ठंड के दिनों में मिनी पितृ पक्ष के आयोजन को लेकर जिला प्रशासन श्रद्धालुओं को सभी सुविधा मुहैया करा रही है. यहां पर रात गुजारने वालों के लिए सभी तरह की व्यवस्था की गई है. पुरुष और महिलाओं के लिए अलग से स्नानागार, शौचालय, बिजली, पानी और स्वच्छता का काफी निर्देश दिया गया है. सुरक्षा को लेकर सभी जगहों पर सीसीटीवी, पुलिस दंडाधिकारी कि प्रतिनियुक्ति की गई है.

"पुनपुन में आयोजित हो रहे मिनी पितृ पक्ष मेले को देखते हुए जिला प्रशासन द्वारा कई दिशा निर्देश दिए गए हैं. बाहर से आए सभी पिंडदानियों के लिए यहां सभी सुविधा दी गई है."- कोमल किरण, भूमि सुधार, उपसमाहर्ता, नोडल पदाधिकारी

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