ETV Bharat / state

गजब! जमुई में केक काटकर मनाया बकरी का बर्थडे, बेटे की तरह कर रहे 'परवरिश' - PARENTS CELEBRATED GOAT BIRTHDAY

जमुई में एक परिवार बकरी का हर साल जन्मदिन मनाता है. जन्मदिन मनाने के लिए संगे-संबंधियों से लेकर दोस्तों को आमंत्रण भी भेजा जाता है.

जमुई में बकरी का जन्मदिन
जमुई में बकरी का जन्मदिन (ETV Bharat)
author img

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Dec 17, 2024, 4:57 PM IST

जमुई: अक्सर कहा जाता है कि अगर आप जानवरों को प्यार देते है तो वो बदले में आपको डबल प्यार देता. हम बात कर रहे हैं बिहार के जमुई की. जहां एक परिवार ऐसा भी है, जो अपनी बकरी का जन्मदिन मनाता है. लोगों को आमंत्रण दिया जाता है. केक काटा जाता है और मिठाई बांटकर हर साल इस बकरी का बर्थडे सेलिब्रेट किया जाता है. इतना ही नहीं इस बकरी के जन्मदिन पर जो गिफ्ट दिया जाता है.

जमुई में बकरी का जन्मदिन: आपको यह सुनकर आश्चर्य होगा, लेकिन यह कहानी सौ फीसदी सही है. यह कहानी है जमुई जिले के सदर प्रखंड क्षेत्र के बिठलपुर गांव के रहने वाले सिंटू सिंह और उनके परिवार की. जमुई नगर परिषद के वार्ड नंबर 17 के रहने वाले सिंटू सिंह और उनके परिवार हर साल अपनी बकरी का जन्मदिन मनाते हैं और बकरी को अपने बच्चे की तरह पालते हैं.

जमुई में केक काटकर बकरी का मनाया जन्मदिन (ETV Bharat)

पुत्र का जन्म और पत्नी बनी वार्ड पार्षद: सिंटू सिंह ने बताया कि उनके लिए 13 तारीख भी बहुत खास है, क्योंकि पुत्र का जन्म भी 13 तारीख को ही हुआ था. यही नहीं उनकी पत्नी अभिलाषा कुमारी, जो वर्तमान में वार्ड पार्षद हैं. उन्होंने भी इसी तारीख को चुनाव जीता था.

बकरी के साथ जुड़ी हैं बेटे की तमाम यादें: सिंटू सिंह ने बताया कि जुड़वा बेटे में से एक कुश सिंह अर्जुन का कोरोना काल के समय 2020 में मौत हो गई थी. जिसका जन्मदिन 13 दिसंबर को था. कुश अपने पिता सिंटू सिंह के ननिहाल से यह बकरी लेकर आया था और वह काफी पशु प्रेमी भी था. दूसरी तरफ बकरी की मौत के बाद उसके बच्चे को परिवार वालों ने बेटा समझकर ही पाला.

"बेटा कुश तो आज इस दुनिया में नहीं है, लेकिन उसकी याद आज भी ताजी है. जब से उसने घर में बकरी लाया था. तरक्की दर तरक्की होती रही. आज बकरी के बच्चे के बहाने सही बेटे की याद लोगों के जेहन में रह पाऐ." - सिंटू सिंह

केक काटकर बकरी का मनाया जन्मदिन
केक काटकर बकरी का मनाया जन्मदिन (ETV Bharat)

लक्ष्मी बनकर बकरी घर आयी: परिवार वालों का मानना है की घर में बकरी आने के बाद से ही समय बदला. गरीबी दूर हुई. पहले टीन शेड के मकान में रहते थे. अब पक्का मकान बन गया है. बकरी लक्ष्मी लेकर घर आयी. सिंटू सिंह बताया की पत्नी वार्ड पार्षद का चुनाव लड़ी और जीत गई. वह दिन भी 13 दिसंबर ही था.

"हमलोगों ने बकरी का नाम ' पुष्पांजलि ' रखा है. पिछले तीन साल से पूरा परिवार मिलकर इसका जन्मदिन मनाता आ रहा है. हमलोग गाने बजाने के साथ केक भी काटते है." -अंजली, सिंटू की बेटी

ये भी पढ़ें

Watch Video: औरंगाबाद में दो सिर और चार आंख वाली बकरी का जन्म, वायरल हो रहा वीडियो

असामान्य आंखों के साथ बकरी का जन्म, लोगों ने शुरू की पूजा-अर्चना

गजब! 36 साल बाद मिला इंसाफ, बकरी चोरी का था आरोप.. औरंगाबाद कोर्ट से 5 दोषमुक्त - Aurangabad Civil Court

जमुई: अक्सर कहा जाता है कि अगर आप जानवरों को प्यार देते है तो वो बदले में आपको डबल प्यार देता. हम बात कर रहे हैं बिहार के जमुई की. जहां एक परिवार ऐसा भी है, जो अपनी बकरी का जन्मदिन मनाता है. लोगों को आमंत्रण दिया जाता है. केक काटा जाता है और मिठाई बांटकर हर साल इस बकरी का बर्थडे सेलिब्रेट किया जाता है. इतना ही नहीं इस बकरी के जन्मदिन पर जो गिफ्ट दिया जाता है.

जमुई में बकरी का जन्मदिन: आपको यह सुनकर आश्चर्य होगा, लेकिन यह कहानी सौ फीसदी सही है. यह कहानी है जमुई जिले के सदर प्रखंड क्षेत्र के बिठलपुर गांव के रहने वाले सिंटू सिंह और उनके परिवार की. जमुई नगर परिषद के वार्ड नंबर 17 के रहने वाले सिंटू सिंह और उनके परिवार हर साल अपनी बकरी का जन्मदिन मनाते हैं और बकरी को अपने बच्चे की तरह पालते हैं.

जमुई में केक काटकर बकरी का मनाया जन्मदिन (ETV Bharat)

पुत्र का जन्म और पत्नी बनी वार्ड पार्षद: सिंटू सिंह ने बताया कि उनके लिए 13 तारीख भी बहुत खास है, क्योंकि पुत्र का जन्म भी 13 तारीख को ही हुआ था. यही नहीं उनकी पत्नी अभिलाषा कुमारी, जो वर्तमान में वार्ड पार्षद हैं. उन्होंने भी इसी तारीख को चुनाव जीता था.

बकरी के साथ जुड़ी हैं बेटे की तमाम यादें: सिंटू सिंह ने बताया कि जुड़वा बेटे में से एक कुश सिंह अर्जुन का कोरोना काल के समय 2020 में मौत हो गई थी. जिसका जन्मदिन 13 दिसंबर को था. कुश अपने पिता सिंटू सिंह के ननिहाल से यह बकरी लेकर आया था और वह काफी पशु प्रेमी भी था. दूसरी तरफ बकरी की मौत के बाद उसके बच्चे को परिवार वालों ने बेटा समझकर ही पाला.

"बेटा कुश तो आज इस दुनिया में नहीं है, लेकिन उसकी याद आज भी ताजी है. जब से उसने घर में बकरी लाया था. तरक्की दर तरक्की होती रही. आज बकरी के बच्चे के बहाने सही बेटे की याद लोगों के जेहन में रह पाऐ." - सिंटू सिंह

केक काटकर बकरी का मनाया जन्मदिन
केक काटकर बकरी का मनाया जन्मदिन (ETV Bharat)

लक्ष्मी बनकर बकरी घर आयी: परिवार वालों का मानना है की घर में बकरी आने के बाद से ही समय बदला. गरीबी दूर हुई. पहले टीन शेड के मकान में रहते थे. अब पक्का मकान बन गया है. बकरी लक्ष्मी लेकर घर आयी. सिंटू सिंह बताया की पत्नी वार्ड पार्षद का चुनाव लड़ी और जीत गई. वह दिन भी 13 दिसंबर ही था.

"हमलोगों ने बकरी का नाम ' पुष्पांजलि ' रखा है. पिछले तीन साल से पूरा परिवार मिलकर इसका जन्मदिन मनाता आ रहा है. हमलोग गाने बजाने के साथ केक भी काटते है." -अंजली, सिंटू की बेटी

ये भी पढ़ें

Watch Video: औरंगाबाद में दो सिर और चार आंख वाली बकरी का जन्म, वायरल हो रहा वीडियो

असामान्य आंखों के साथ बकरी का जन्म, लोगों ने शुरू की पूजा-अर्चना

गजब! 36 साल बाद मिला इंसाफ, बकरी चोरी का था आरोप.. औरंगाबाद कोर्ट से 5 दोषमुक्त - Aurangabad Civil Court

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.