इंदौर: देश में नेशनल हाईवे के ब्रिज अब गंतव्य स्थान की थीम और धार्मिक आस्था को ध्यान में रखते हुए बनाए जा सकेंगे. मध्य प्रदेश में सिंहस्थ की तैयारी के मद्देनजर नर्मदा नदी पर प्रदेश का पहला धार्मिक प्रतिमा वाला ब्रिज बनने जा रहा है. नेशनल हाईवे अथॉरिटी द्वारा बनाए जा रहे इस ब्रिज के दोनों ओर मां नर्मदा और मां अहिल्या की प्रतिमा स्थापित होगी, बल्कि ब्रिज से गुजरने पर यात्रियों को भगवान शिव, गणेश और मां नर्मदा के मंत्र गूंजते सुनाई देंगे.
80 करोड़ की लागत से बनेगा ब्रिज
दरअसल, देश के दो ज्योतिर्लिंग ओंकारेश्वर और महाकालेश्वर को जोड़ने के लिए मध्य प्रदेश में जो ओम सर्किट तैयार किया जा रहा है. उसके तहत खंडवा जिले में नर्मदा नदी के मोरटक्का पर करीब 1 किलोमीटर लंबाई का यह ब्रिज बनाया जा रहा है. 80 करोड़ की लागत से इंदौर और खंडवा को जोड़ने वाले इस ब्रिज के एक कोने पर माता अहिल्याबाई होल्कर की प्रतिमा होगी.
जबकि दूसरे पर नर्मदा माता की प्रतिमा स्थापित होने जा रही है. इतना ही नहीं ब्रिज के प्लेटफॉर्म से गुजरने पर श्रद्धालु ब्रिज के दोनों और देवी देवताओं की मूर्ति और म्यूरल ( म्यूरल का मतलब भित्ति या भित्ती चित्र होता है, यह दीवार पर बनाया गया चित्र होता है, यह सबसे पुरानी चित्रकलाओं में से एक होता है.) की पूजा अर्चना भी कर सकेंगे.
ब्रिज बनने से घट जाएगी ओंकारेश्वर की दूरी
ब्रिज के बन जाने से इंदौर और ओंकारेश्वर जाने के लिए फिलहाल 3 घंटे का समय लगता है. जहां अब देर से 2 घंटे में पहुंचा जा सकेगा. नेशनल हाईवे इंदौर के प्रोजेक्ट डायरेक्टर सुमेश बांझल बताते हैं कि, ''देश में धार्मिक आस्था को दर्शाने वाला पहला ब्रिज जल्द तैयार होने वाला है. जहां ब्रिज के दोनों ओर की एंट्री पर भव्य द्वार बनाए जा रहे हैं. इसके अलावा यहां एक टनल भी बनाई जा रही है, जो पूरी तरह से आध्यात्मिक डिजाइन पर आधारित होगी.''
ब्रिज की खासियत यह रहेगी कि ब्रिज के स्ट्रक्चर में पूरी थीम धार्मिक भावना का अनुरूप तैयार की गई है. इसके अलावा ब्रिज के स्ट्रक्चर में पौराणिक कथाओं और देवी देवताओं की प्रतिमा को उकेरा जा रहा है. शाम को नर्मदा नदी के प्रवाह क्षेत्र में जहां सूरज डूबता है. उस दौरान ब्रिज पर मंत्रोचार की ध्वनि और आकर्षक लाइटिंग होगी.
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उज्जैन सिंहस्थ 2028 को लेकर किया जा रहा तैयार
''रेलिंग के बाद भी देवी-देवताओं की मूर्तियां और म्यूरल लगाए जाएंगे. जिससे कि यहां से गुजरने वाले यात्री नर्मदा नदी के ब्रिज पर धार्मिक भावना संरचना और खास तरह के धार्मिक स्ट्रक्चर को देखते हुए आध्यात्मिक माहौल के साथ ब्रिज से गुजर सके.'' उन्होंने बताया उज्जैन सिंहस्थ 2028 की तैयारी के मद्देनजर इसे तैयार किया जा रहा है. जिसे मेला आयोजन के पूर्वी तैयार कर लिया जाएगा.