इंदौर। देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर की नगर निगम में एक और घोटाला खुल गया. खातीपुरा में संस्कार भवन निर्माण किए बिना ही नगर निगम ने ठेकेदार को 13 लख रुपए का भुगतान कर दिया. यह मामला नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष चिंटू चौकसे ने उजागर किया है. इसमें अब नगर निगम के कई अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध नजर आ रही है. इस मामले को सार्वजनिक करते हुए नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष चिंटू चौकसे ने कहा "नगर निगम ने बिना काम किए ही ठेकेदार को न सिर्फ कार्यपूर्णता का सर्टिफिकेट जारी कर दिया बल्कि पूरा पेमेंट भी दे दिया."
ग्वालियर की कंस्ट्रक्शन कंपनी को 13 लाख का भुगतान
नेता प्रतिपक्ष चिंटू चौकसे का कहना है "विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 2 में विधायक निधि से एक सामुदायिक भवन का निर्माण करने के लिए टेंडर 2021 में जारी किए गए. इस मामले में संस्कार भवन बनाने के लिए नगर निगम द्वारा ग्वालियर की कंस्ट्रक्शन कंपनी को 13 लाख में टेंडर दिया गया. बाद में भवन के निर्माण कार्य हुए बिना ही नगर निगम के तत्कालीन सब इंजीनियर मयंक पवार और जोनल अधिकारी चंद्रकांत कुरील समेत तत्कालीन सिटी इंजीनियर ने कार्यपूर्णता सर्टिफिकेट जारी करने के साथ ठेकेदार को राशि भुगतान भी कर दिया."
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संस्कार भवन का मौके पर नामोनिशान नहीं
नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष का कहना है "मौके पर ना तो कोई संस्कार भवन है और ना ही वहां इस तरह का निर्माण कार्य स्वीकृत होने की लोगों को जानकारी है. नेता प्रतिपक्ष ने आरोप है कि ठेकेदार ने गबन किया है और गबन की पूर्ण राशि एक विधायक की जेब में गई है. नगर निगम की भाजपा परिषद में भ्रष्टाचार चरम पर है. हर कार्य में कमीशनखोरी और भ्रष्टाचार को अंजाम दिया जा रहा है. इसमें अधिकारी अब विधायक निधि की राशि में भी विधायक की सहमति से गोलमाल करते नजर आ रहे हैं. इस मामले में आज ही निगमायुक्त हर्षिका सिंह से मिलकर कार्रवाई की मांग करेंगे."