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अक्षय कांति बम ने क्यों छोड़ी कांग्रेस, पहली बार किया बड़ा खुलासा, जीतू पटवारी पर लगाए आरोप - Akshay Kanti comment on Congress

इंदौर लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस के पूर्व प्रत्याशी अक्षय कांति बम ने नामांकन वापस लेने पर रविवार को बताया कि पार्टी के द्वारा उनके प्रचार में सहयोग नहीं मिल रहा था. इसलिए उन्हें चुनाव से बाहर होना पड़ा. बम ने कहा कि मैंने जीतू पटवारी से 3 बार बात करके असहयोग का मुद्दा उठाया था.

AKSHAY KANTI COMMENT ON CONGRESS
अक्षय कांति बम ने बताई कांग्रेस छोड़ने की बड़ी वजह (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : May 6, 2024, 9:46 AM IST

इंदौर, (पीटीआई)। लोकसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक पार्टियों की उठापटक जारी है. वहीं इंदौर लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस के पूर्व प्रत्याशी अक्षय कांति बम के द्वारा नामांकन फार्म वापस लेने से पार्टी को बड़ा झटका लगा है. इसी बीच रविवार को अक्षय कांति बम ने कहा कि पार्टी के द्वारा उनके प्रचार में सहयोग न किए जाने के कारण उन्हें चुनाव से बाहर होना पड़ा. साथ ही उन्होंने पीसीसी चीफ जीतू पटवारी पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं.

कांग्रेस पर लगाए बड़े आरोप

आपको बता दें कि अक्षय कांति 29 अप्रैल को अंतिम समय में अपना नामांकन वापस लेकर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए थे. इस वजह से कांग्रेस इंदौर सीट के चुनाव से बाहर हो गई. इस सीट पर कांग्रेस पिछले 35 सालों से जीत की कोशिश कर रही थी. रविवार को बीजेपी कार्यालय में बम ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि, "कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में चुने जाने के बाद मैंने वोट जुटाने के लिए कड़ी मेहनत की, लेकिन इतना बड़ा चुनाव पार्टी संगठन के सहयोग के बिना नहीं लड़ा जा सकता." उन्होंने आरोप लगाया कि "जब मैं कांग्रेस प्रत्याशी था, तब मेरे चुनावी कार्यक्रम स्थगित कर दिए गए थे और मेरी प्रचार सामग्री बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं तक नहीं पहुंच पाई थी".

बड़े नेताओं के साथ बैठकें करना चाहते थे बम

अक्षय कांति ने आगे दावा कि "चुनाव से बाहर होने से पहले मैंने मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी से तीन बार बात की थी और असहयोग का मुद्दा उठाया था. मैंने मध्य प्रदेश और दिल्ली के नेताओं को लिखा कि मैं (चुनाव प्रचार के लिए) कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की चुनावी बैठकें आयोजित करना चाहता हूं. इनमें से कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता दो घंटे तक इंदौर हवाई अड्डे पर मौजूद थे, लेकिन उनकी रैली आयोजित नहीं की गई". जब पत्रकारों ने अक्षय से उस नेता का नाम पूछा तो उन्होंने नाम बताने से इनकार कर दिया. कांग्रेस के द्वारा आलोचना किए जाने व भगोड़ा कहे जाने पर बम ने कहा, "गद्दार की परिभाषा क्या है? कांग्रेस ने स्थानीय नेता मोती सिंह को वैकल्पिक उम्मीदवार क्यों बनाया? इससे पता चलता है कि उन्हें मुझ पर भरोसा नहीं था."

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सुमित्रा महाजन की प्रतिक्रिया पर क्या बोले बम

बम ने कांग्रेस नेताओं के इस आरोप को खारिज किया कि उन्होंने हत्या के प्रयास के एक मुकदमे के कारण दबाव में आकर अपना नामांकन वापस लिया. उन्होंने कहा कि, "इंदौर सीट से मुझे कांग्रेस का उम्मीदवार घोषित किए जाने के बाद जानबूझकर इस तरह के मामले सामने लाए गए." इस दौरान अक्षय कांति ने भाजपा की वरिष्ठ नेता सुमित्रा महाजन की प्रतिक्रिया पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा, "ताई (सुमित्रा महाजन) न केवल इंदौर की नेता हैं, बल्कि वह देश की भी बड़ी नेता हैं. मैं उनके बयान पर टिप्पणी करने के लिए बहुत छोटा हूं," आपको बता दें कि सुमित्रा महाजन ने अंतिम समय में अक्षय कांति बम के द्वारा नामांकन फॉर्म वापस लेने पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए इसे अनुचित बताया था. उन्होंने यह भी कहा था कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में मतदाताओं को निर्णय लेने का अधिकार है.

इंदौर, (पीटीआई)। लोकसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक पार्टियों की उठापटक जारी है. वहीं इंदौर लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस के पूर्व प्रत्याशी अक्षय कांति बम के द्वारा नामांकन फार्म वापस लेने से पार्टी को बड़ा झटका लगा है. इसी बीच रविवार को अक्षय कांति बम ने कहा कि पार्टी के द्वारा उनके प्रचार में सहयोग न किए जाने के कारण उन्हें चुनाव से बाहर होना पड़ा. साथ ही उन्होंने पीसीसी चीफ जीतू पटवारी पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं.

कांग्रेस पर लगाए बड़े आरोप

आपको बता दें कि अक्षय कांति 29 अप्रैल को अंतिम समय में अपना नामांकन वापस लेकर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए थे. इस वजह से कांग्रेस इंदौर सीट के चुनाव से बाहर हो गई. इस सीट पर कांग्रेस पिछले 35 सालों से जीत की कोशिश कर रही थी. रविवार को बीजेपी कार्यालय में बम ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि, "कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में चुने जाने के बाद मैंने वोट जुटाने के लिए कड़ी मेहनत की, लेकिन इतना बड़ा चुनाव पार्टी संगठन के सहयोग के बिना नहीं लड़ा जा सकता." उन्होंने आरोप लगाया कि "जब मैं कांग्रेस प्रत्याशी था, तब मेरे चुनावी कार्यक्रम स्थगित कर दिए गए थे और मेरी प्रचार सामग्री बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं तक नहीं पहुंच पाई थी".

बड़े नेताओं के साथ बैठकें करना चाहते थे बम

अक्षय कांति ने आगे दावा कि "चुनाव से बाहर होने से पहले मैंने मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी से तीन बार बात की थी और असहयोग का मुद्दा उठाया था. मैंने मध्य प्रदेश और दिल्ली के नेताओं को लिखा कि मैं (चुनाव प्रचार के लिए) कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की चुनावी बैठकें आयोजित करना चाहता हूं. इनमें से कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता दो घंटे तक इंदौर हवाई अड्डे पर मौजूद थे, लेकिन उनकी रैली आयोजित नहीं की गई". जब पत्रकारों ने अक्षय से उस नेता का नाम पूछा तो उन्होंने नाम बताने से इनकार कर दिया. कांग्रेस के द्वारा आलोचना किए जाने व भगोड़ा कहे जाने पर बम ने कहा, "गद्दार की परिभाषा क्या है? कांग्रेस ने स्थानीय नेता मोती सिंह को वैकल्पिक उम्मीदवार क्यों बनाया? इससे पता चलता है कि उन्हें मुझ पर भरोसा नहीं था."

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सुमित्रा महाजन की प्रतिक्रिया पर क्या बोले बम

बम ने कांग्रेस नेताओं के इस आरोप को खारिज किया कि उन्होंने हत्या के प्रयास के एक मुकदमे के कारण दबाव में आकर अपना नामांकन वापस लिया. उन्होंने कहा कि, "इंदौर सीट से मुझे कांग्रेस का उम्मीदवार घोषित किए जाने के बाद जानबूझकर इस तरह के मामले सामने लाए गए." इस दौरान अक्षय कांति ने भाजपा की वरिष्ठ नेता सुमित्रा महाजन की प्रतिक्रिया पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा, "ताई (सुमित्रा महाजन) न केवल इंदौर की नेता हैं, बल्कि वह देश की भी बड़ी नेता हैं. मैं उनके बयान पर टिप्पणी करने के लिए बहुत छोटा हूं," आपको बता दें कि सुमित्रा महाजन ने अंतिम समय में अक्षय कांति बम के द्वारा नामांकन फॉर्म वापस लेने पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए इसे अनुचित बताया था. उन्होंने यह भी कहा था कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में मतदाताओं को निर्णय लेने का अधिकार है.

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