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कैंसर से लड़ने के लिए इंडियन कैंसर सोसाइटी की खास पहल, ‘राइज अगेंस्ट कैंसर मोबाइल एप्लीकेशन लॉन्च - इंडियन कैंसर सोसाइटी की खास पहल

Rise Against Cancer Mobile Application : 4 फरवरी को विश्व कैंसर दिवस के मौके पर इंडियन कैंसर सोसाइटी ने राइज अगेंस्ट कैंसर के तहत मोबाइल एप्लीकेशन लॉन्च किया. इससे बीमारी का जल्द पता लगाने और अविलंब इलाज शुरू करने में सुविधा होगी. ये कैंसर से संबंधित और सटीक जानकारी देगा.

राइज़ अगेंस्ट कैंसर मोबाइल एप्लीकेशन लॉन्च
राइज़ अगेंस्ट कैंसर मोबाइल एप्लीकेशन लॉन्च
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Feb 5, 2024, 5:36 PM IST

राइज़ अगेंस्ट कैंसर मोबाइल एप्लीकेशन लॉन्च

नई दिल्ली: कैंसर दिवस पर इंडियन कैंसर सोसाइटी ने राइज अगेंस्ट कैंसर के तहत विशेष पहल की है. इसके तहत रोहिणी स्थित राजीव गांधी कैंसर इंस्टीट्यूट एंड रिसर्च सेंटर में एक मोबाइल एप्लीकेशन लॉन्च किया गया. ये मोबाइल एप्लीकेशन बीमारी का जल्द पता लगाने और अविलंब इलाज शुरू करने के लिए जरूरी और सटीक जानकारी देगा.

4 फरवरी देशभर में विश्व कैंसर दिवस के रूप में मनाया गया. ऐसे में आज की बदलती टेक्नोलॉजी के बीच अब जरूरत है. इस गंभीर बीमारी से डटकर सामना कर राइज करने की. इसी को ध्यान में रखते हुए इस खास दिन के उपलक्ष्य पर लोगों में जागरुकता फैलाने के मकसद से इंडियन कैंसर सोसाइटी द्वारा एक विशेष पहल की गई है.

भारत में कैंसर से लड़ने के मकसद से मोबाइल ऐप ‘राइज अगेस्ट कैंसर’ लॉन्च किया गया. मोबाइल ऐप का मकसद कैंसर मुक्त भारत बनाने का है. इसके लिए जानकारी की कमी दूर करना और जागरुकता बढ़ाना जरूरी है. यह ऐप फिलहाल पांच भाषाओं - हिंदी, अंग्रेजी, कन्नड़, मराठी और बांग्ला में लॉन्च किया गया है. इससे कैंसर पीड़ितों और उनके परिवारजनों को पूरी जानकारी और सटीक मार्गदर्शन आसानी से मिल सकेगा.

इस अवसर पर इंडियन कैंसर सोसायटी के दिल्ली शाखा की अध्यक्ष ज्योत्सना गोविल ने कहा आईसीएस बहुत बारीकी से यह मोबाइल एप्लिकेशन तैयार करने में सफल रहा है. ‘राइज अगेंस्ट कैंसर’ ऐप की दूरदृष्टि कैंसर पीड़ितों को सक्षम बनाना है ताकि वे स्वास्थ्य के प्रति अपनी जिम्मेदारी समझें और पूरी करें. उन्होंने कहा कि ऐप वर्तमान में 5 भाषाओं में उपलब्ध है और फिलहाल 4 तरह के कैंसरों के बारे में जानकारी देता है.

लॉन्च के अवसर पर राजीव गांधी कैंसर इंस्टीट्यूट एंड रिसर्च सेंटर के सीईओ डीएस. नेगी ने कहा, ‘‘हम ने कैंसर से लड़ने की ठान रखी है और इसकी रोकथाम के लिए उपचार का महत्व समझते हैं. उन्होंने कहा कि यह ऐप कैंसर की रोकथाम के लिए जागरुकता और जानकारी बढ़ाने में कारगर साबित होगा. गौरतलब है कि कैंसर पूरी दुनिया के सामने एक गंभीर समस्या बनी हुई है. इसलिए आईसीएस की दिल्ली शाखा ने पहल करते हुए इसकी रोकथाम में मोबाइल टेक्नोलाॅजी का लाभ उठाने की ठानी है.

ग्लोबोकैन के आंकड़े कहते हैं कि हर साल लगभग 1.3 मिलियन लोगों में कैंसर का पता चलता है. सिर्फ वर्ष 2020 में लगभग 800 हजार लोगों ने इस बीमारी से दम तोड़ दिया. आंकड़ों की गंभीरता समझते हुए आईसीएस ने अगले एक दशक में कुल व्यस्क आबादी के 50 प्रतिशत लोगों तक इसे पहुंचाने का मिशन बनाया है.


ये भी पढ़ें : World Cancer Day 2024: देश में 2023 में 3.4 लाख से अधिक लोगों को हुआ सर्वाइकल कैंसर, जान लें बचाव के उपाय

दरअसल, अधिकतर मरीजों का इलाज कारगर हो सकता है. बशर्ते कैंसर का जल्द पता लगे, लेकिन जागरुकता कम और इस भयानक बीमारी के बारे में भ्रामक जानकारी अधिक है. उस पर एक और अफवाह है कि इसका इलाज बहुत महंगा है. इसलिए अक्सर लोगों की नियमित जांच और इलाज मुमकिन नहीं हो पाता है. उम्मीद जताई जा सकती है कि इस तरह अथक प्रयास से लोगों को ‘कैंसर से दो कदम आगे’ रहने का हौसला मिलेगा. कैंसर का जल्द पता चलेगा और इलाज भी जल्द शुरू होगा.

ये भी पढ़ें : कैंसर दिवस पर ही मिली थी कैंसर पीड़ित होने की रिपोर्ट, आज सामान्य जीवन जी रही धारणा

राइज़ अगेंस्ट कैंसर मोबाइल एप्लीकेशन लॉन्च

नई दिल्ली: कैंसर दिवस पर इंडियन कैंसर सोसाइटी ने राइज अगेंस्ट कैंसर के तहत विशेष पहल की है. इसके तहत रोहिणी स्थित राजीव गांधी कैंसर इंस्टीट्यूट एंड रिसर्च सेंटर में एक मोबाइल एप्लीकेशन लॉन्च किया गया. ये मोबाइल एप्लीकेशन बीमारी का जल्द पता लगाने और अविलंब इलाज शुरू करने के लिए जरूरी और सटीक जानकारी देगा.

4 फरवरी देशभर में विश्व कैंसर दिवस के रूप में मनाया गया. ऐसे में आज की बदलती टेक्नोलॉजी के बीच अब जरूरत है. इस गंभीर बीमारी से डटकर सामना कर राइज करने की. इसी को ध्यान में रखते हुए इस खास दिन के उपलक्ष्य पर लोगों में जागरुकता फैलाने के मकसद से इंडियन कैंसर सोसाइटी द्वारा एक विशेष पहल की गई है.

भारत में कैंसर से लड़ने के मकसद से मोबाइल ऐप ‘राइज अगेस्ट कैंसर’ लॉन्च किया गया. मोबाइल ऐप का मकसद कैंसर मुक्त भारत बनाने का है. इसके लिए जानकारी की कमी दूर करना और जागरुकता बढ़ाना जरूरी है. यह ऐप फिलहाल पांच भाषाओं - हिंदी, अंग्रेजी, कन्नड़, मराठी और बांग्ला में लॉन्च किया गया है. इससे कैंसर पीड़ितों और उनके परिवारजनों को पूरी जानकारी और सटीक मार्गदर्शन आसानी से मिल सकेगा.

इस अवसर पर इंडियन कैंसर सोसायटी के दिल्ली शाखा की अध्यक्ष ज्योत्सना गोविल ने कहा आईसीएस बहुत बारीकी से यह मोबाइल एप्लिकेशन तैयार करने में सफल रहा है. ‘राइज अगेंस्ट कैंसर’ ऐप की दूरदृष्टि कैंसर पीड़ितों को सक्षम बनाना है ताकि वे स्वास्थ्य के प्रति अपनी जिम्मेदारी समझें और पूरी करें. उन्होंने कहा कि ऐप वर्तमान में 5 भाषाओं में उपलब्ध है और फिलहाल 4 तरह के कैंसरों के बारे में जानकारी देता है.

लॉन्च के अवसर पर राजीव गांधी कैंसर इंस्टीट्यूट एंड रिसर्च सेंटर के सीईओ डीएस. नेगी ने कहा, ‘‘हम ने कैंसर से लड़ने की ठान रखी है और इसकी रोकथाम के लिए उपचार का महत्व समझते हैं. उन्होंने कहा कि यह ऐप कैंसर की रोकथाम के लिए जागरुकता और जानकारी बढ़ाने में कारगर साबित होगा. गौरतलब है कि कैंसर पूरी दुनिया के सामने एक गंभीर समस्या बनी हुई है. इसलिए आईसीएस की दिल्ली शाखा ने पहल करते हुए इसकी रोकथाम में मोबाइल टेक्नोलाॅजी का लाभ उठाने की ठानी है.

ग्लोबोकैन के आंकड़े कहते हैं कि हर साल लगभग 1.3 मिलियन लोगों में कैंसर का पता चलता है. सिर्फ वर्ष 2020 में लगभग 800 हजार लोगों ने इस बीमारी से दम तोड़ दिया. आंकड़ों की गंभीरता समझते हुए आईसीएस ने अगले एक दशक में कुल व्यस्क आबादी के 50 प्रतिशत लोगों तक इसे पहुंचाने का मिशन बनाया है.


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दरअसल, अधिकतर मरीजों का इलाज कारगर हो सकता है. बशर्ते कैंसर का जल्द पता लगे, लेकिन जागरुकता कम और इस भयानक बीमारी के बारे में भ्रामक जानकारी अधिक है. उस पर एक और अफवाह है कि इसका इलाज बहुत महंगा है. इसलिए अक्सर लोगों की नियमित जांच और इलाज मुमकिन नहीं हो पाता है. उम्मीद जताई जा सकती है कि इस तरह अथक प्रयास से लोगों को ‘कैंसर से दो कदम आगे’ रहने का हौसला मिलेगा. कैंसर का जल्द पता चलेगा और इलाज भी जल्द शुरू होगा.

ये भी पढ़ें : कैंसर दिवस पर ही मिली थी कैंसर पीड़ित होने की रिपोर्ट, आज सामान्य जीवन जी रही धारणा

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