नवादा: बिहार की नवादा लोकसभा सीट राष्ट्रीय जनता दल के लिए चुनौती बनती जा रही है, क्योंकि दो विधायकों ने राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के फैसले के खिलाफ लोकसभा चुनाव में बिगुल फूंक दिया है. यह दोनों विधायकों ने आरजेडी प्रत्याशी श्रवण कुशवाहा की बजाय निर्दलीय उम्मीदवार विनोद यादव को समर्थन देने की घोषणा कर चुके हैं. न सिर्फ इन्होंने अपना समर्थन दिया है, बल्कि दिन-रात एक कर उनको जिताने के लिए प्रचार भी कर रहे हैं.
कौन हैं दोनों विधायक?: निर्दलीय कैंडिडेट विनोद यादव को समर्थन करने वालों में पूर्व विधायक राजवल्लभ यादव की पत्नी विभा देवी के अलावे रजौली से विधायक प्रकाशवीर और गोविंदपुर से विधायक मोहम्मद कामरान शामिल हैं. इन दोनों को राजवल्लभ का करीबी माना जाता है. उनकी इच्छा से ही उन्हें 2020 के विधानसभा चुनाव में टिकट मिला था.
लोकसभा चुनाव में राजवल्लभ परिवार की अनदेखी: अब तक राजवल्लभ यादव की सहमति से ही नवादा में टिकट बंटवारा होता रहा है लेकिन इस बार लालू यादव और तेजस्वी यादव ने राजवल्लभ परिवार की बजाय कोइरी जाति से आने श्रवण कुशवाहा को मैदान में उतारा है. उनको विधान परिषद की स्थानीय निकाय के लिए टिकट दिया था लेकिन उनको मात मिली थी. उस समय भी राजवल्लभ के भतीजे अशोक यादव निर्दलीय लड़े और जीते भी थे.
बगावत पर क्या बोले आरजेडी प्रवक्ता?: राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने एक पत्र जारी कर कहा कि नवादा लोकसभा का चुनाव मतदान होने तक क्षेत्रीय प्रभारी के रूप में पूर्व विधायक शक्ति सिंह यादव नवादा में ही प्रवास करेंगे. विधायकों के बागी होने पर आरजेडी प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने कहा कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है. नवादा की जनता श्रवण कुशवाहा के साथ हैं. नवादा में लालटेन जलेगी.
नवादा में चतुष्कोणीय मुकाबले के आसार: नवादा लोकसभा सीट पर कुल 8 उम्मीदवार मैदान में हैं. बीजेपी से विवेक ठाकुर और आरजेडी से श्रवण कुशवाहा को टिकट मिला है. वहीं, भोजपुरी स्टार गुंजन सिंह भी निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ रहे हैं. पूर्व विधायक राजवल्लभ यादव के भाई विनोद यादव के निर्दलीय लड़ने के कारण राष्ट्रीय जनता दल को खामियाजा उठाना पड़ सकता है. प्रथम चरण के तहत यहां 19 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे.
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