ETV Bharat / state

Year Ender 2024: राजनीतिक, नक्सली और अफीम के लिए चर्चा में रही खूंटी - YEAR ENDER 2024 IN KHUNTI

साल 2024 में खूंटी राजनीतिक रूप से काफी चर्चा में रही. केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा लोकसभा चुनाव में हार गए.

YEAR ENDER 2024 IN KHUNTI
ग्राफिक्स (ईटीवी भारत)
author img

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Dec 31, 2024, 5:28 AM IST

खूंटी: साल 2024 गुजर गया, जिले के लिए कई राजनितिक घटनाक्रम यादगार रहा है, तो साथ में कई बड़े उलटफेर भी हुए. खूंटी जिला को कई राजनीतिक तोहफे मिले तो साल के आखिर में जाते-जाते कई बड़े नेताओं को जोर का झटका भी दिया, जिससे उबरने में उन्हें सालों लग जाएंगे. इसके अलावा जिला नक्सली घटनाओं से पहली बार बाहर रहा. कुछ घटनाओं को छोड़ दिया जाए तो खूंटी नक्सलमुक्त रहा, लेकिन राजनीतिक घटनाओं में खूंटी ने इतिहास रच दिया, जो सालों तक याद किया जाएगा.

खूंटी में हुए राजनीतिक घटनाक्रम

लोकसभा चुनाव 2024 में भाजपा के बने बनाए किले को इंडिया गठबंधन ने ताश के पत्ते की तरह ढेर कर दिया. भाजपा के दिग्गज नेता और पूर्व सांसद सह पद्मभूषण से सम्मानित कड़िया मुंडा खूंटी लोकसभा सीट पर 28 सालों तक सांसद रहे. 2019 में भाजपा ने अर्जुन मुंडा को टिकट दिया और कड़िया मुंडा ने उन्हें जीत दिलाने में सहयोग किया और अर्जुन मुंडा जीत गए. 2024 के लोकसभा चुनाव के दौरान भीतरघात का सामना करना पड़ा और अर्जुन मुंडा को बड़ा झटका लगा. इंडिया ब्लॉक से कालीचरण मुंडा ने उन्हें हराकर इतिहास रच दिया.

YEAR ENDER 2024 IN KHUNTI
ग्राफिक्स (ईटीवी भारत)

जिले में लोकसभा की तरह विधानसभा चुनाव का भी परिणाम रहा. खूंटी विधानसभा सीट पर ढाई दशक से विधायक रहे नीलकंठ सिंह मुंडा को एक ऐसे उम्मदीवार ने हरा दिया जिसकी जीत अप्रत्याशित थी. झामुमो ने टिकट बंटवारे से लेकर टिकट देकर वापस लेने तक के इस सफर में एक नया चेहरा को चुनावी मैदान में उतारा था. जिसका नाम हेमंत सोरेन भी नहीं जानते थे. नामांकन से एक दिन पहले देर शाम को रांची के नामकुम क्षेत्र के रहने वाले राम सूर्या मुंडा को चुनावी मैदान में उतारा गया. राम सूर्या मुंडा को टिकट देने से भाजपा के उम्मदीवार खासा उत्साहित थे और 50 हजार वोटों से जितने का दावा करते रहे.

विधानसभा में चुनाव परिणाम भी बिल्कुल उलटफेर भरा रहा. आखिर में नीलकंठ को सूर्या मुंडा से हार का सामना करना पड़ा. इस चुनाव परिणाम में एक तरह से नीलकंठ पर सूर्या मुंडा द्वारा ग्रहण लगाने जैसा काम किया गया. ऐसा ही परिणाम जिले के तोरपा विधानसभा सीट पर भी हुआ. जहां पर तीन बार से बीजेपी विधायक रहे कोचे मुंडा को झामुमो के सुदीप गुड़िया ने बड़े अंतर से हराकर कब्जा जमा लिया है.

नक्सलियों से मुक्त रही खूंटी

जिले में ऐसा पहली बार हुआ जब पूरा साल नक्सली घटनाओं से मुक्त रहा है. अपवाद में कुछ आगजनी की घटनाएं हुईं, लेकिन समय रहते आगजनी करने वाले पीएलएफआई के सदस्यों को सलाखों में भेजा गया है. कहा जा सकता है कि पुलिस के लिए साल 2024 बेहतर रहा. पूर्व में जहां खूंटी जिला नक्सल और उग्रवादी घटनाओं के कारण बदनाम रहता था, वहीं साल 2024 नक्सली घटनाओं से बाहर रहा है. इस वर्ष नक्सल हत्या नहीं के बराबर हुए हैं.

जिले में विगत दो माह के अंदर आगजनी और रंगदारी को लेकर पीएलएफआई द्वारा दो घटना को अंजाम दिया गया था. आगजनी की घटना में शामिल आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. 2024 में पीएलएफआई के कुल 27 नक्सली को गिरफ्तार किया गया है. जिसमें एरिया कमांडर हर्षिद गुड़िया, आंद्रियस कंडुलना उर्फ तुफानजी, हार्डकोर सदस्य राजेश तोपनो उर्फ मलिंगा शामिल है. वहीं कुल 6 हथियार समेत 428 कारतूस, छह बाइक और 35 मोबाइल जब्त किया गया. साथ ही तीन माओवादी सदस्य भी गिरफ्तार किए गए, जिसमें एक एरिया कमांडर बच्चन मुंडा शामिल है.

नक्सल की जगह अफीम बनी पुलिस के लिए चुनौतियां

जिले में भले ही नक्सल पुलिस के लिए इस साल चुनौती नहीं रहे, लेकिन जिले में अफीम की खेती पुलिस के लिए बड़ी चुनौती बनकर सामने है. विगत वर्ष की तुलना में इस वर्ष भी वृहद पैमाने पर अफीम की खेती लगाई गई है. गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष पुलिस अफीम के खिलाफ कार्रवाई का तरीका बदलते हुए खेतों को ट्रैक्टर से नष्ट कर रही है, साथ ही खेतों के मालिकों पर एफआईआर कर उन्हें जेल भेजने की तैयारी में है. अफीम के खिलाफ हुई कार्रवाई के दौरान इस साल पुलिस ने कुल 55 मामले दर्ज किए हैं. जिसमें 57 आरोपियों की गिरफ्तारी भी हुई है.

इस वर्ष खूंटी जिले में कुल 38.65 किलोग्राम अफीम जब्त किया गया है. वहीं दस हजार 756 किलो डोडा, 20.30 किलो गांजा और 2.47 किलो ब्राउन शुगर जब्त किया है. वहीं कुल 1873.92 एकड़ में लगी अफीम की फसल नष्ट किया जा चुका है. इसके साथ ही साल 2024 में भगवान बिरसा मुंडा के एक वंशज की सड़क हादसे में मौत हुई है. जिले में एक नाबालिग छात्रा से गैंगरेप की घटना ने शर्मशार किया तो जरियागड़ इलाके में एक प्रेमी ने अपनी प्रेमिका को कई टुकड़ों में काटकर हत्या कर सनसनी फैला दी थी.

ये भी पढ़ें- Year Ender 2024: जामताड़ा के लिए खट्टी मीठी यादों से भरपूर रहा साल, सियासी घटनाओं की रही चर्चा
Year Ender 2024: लातेहार में उतार-चढ़ाव से भरा रहा वर्ष, नक्सलियों के पतन से बूढ़ा पहाड़ में पहली बार फहरा झंडा

Year Ender 2024: कोडरमा में कई योजनाएं हुईं पूरी, तो कई रह गयी अधूरी, बिजली-थर्मल पावर प्लांट से लेकर जाने सियासत के बारे में

खूंटी: साल 2024 गुजर गया, जिले के लिए कई राजनितिक घटनाक्रम यादगार रहा है, तो साथ में कई बड़े उलटफेर भी हुए. खूंटी जिला को कई राजनीतिक तोहफे मिले तो साल के आखिर में जाते-जाते कई बड़े नेताओं को जोर का झटका भी दिया, जिससे उबरने में उन्हें सालों लग जाएंगे. इसके अलावा जिला नक्सली घटनाओं से पहली बार बाहर रहा. कुछ घटनाओं को छोड़ दिया जाए तो खूंटी नक्सलमुक्त रहा, लेकिन राजनीतिक घटनाओं में खूंटी ने इतिहास रच दिया, जो सालों तक याद किया जाएगा.

खूंटी में हुए राजनीतिक घटनाक्रम

लोकसभा चुनाव 2024 में भाजपा के बने बनाए किले को इंडिया गठबंधन ने ताश के पत्ते की तरह ढेर कर दिया. भाजपा के दिग्गज नेता और पूर्व सांसद सह पद्मभूषण से सम्मानित कड़िया मुंडा खूंटी लोकसभा सीट पर 28 सालों तक सांसद रहे. 2019 में भाजपा ने अर्जुन मुंडा को टिकट दिया और कड़िया मुंडा ने उन्हें जीत दिलाने में सहयोग किया और अर्जुन मुंडा जीत गए. 2024 के लोकसभा चुनाव के दौरान भीतरघात का सामना करना पड़ा और अर्जुन मुंडा को बड़ा झटका लगा. इंडिया ब्लॉक से कालीचरण मुंडा ने उन्हें हराकर इतिहास रच दिया.

YEAR ENDER 2024 IN KHUNTI
ग्राफिक्स (ईटीवी भारत)

जिले में लोकसभा की तरह विधानसभा चुनाव का भी परिणाम रहा. खूंटी विधानसभा सीट पर ढाई दशक से विधायक रहे नीलकंठ सिंह मुंडा को एक ऐसे उम्मदीवार ने हरा दिया जिसकी जीत अप्रत्याशित थी. झामुमो ने टिकट बंटवारे से लेकर टिकट देकर वापस लेने तक के इस सफर में एक नया चेहरा को चुनावी मैदान में उतारा था. जिसका नाम हेमंत सोरेन भी नहीं जानते थे. नामांकन से एक दिन पहले देर शाम को रांची के नामकुम क्षेत्र के रहने वाले राम सूर्या मुंडा को चुनावी मैदान में उतारा गया. राम सूर्या मुंडा को टिकट देने से भाजपा के उम्मदीवार खासा उत्साहित थे और 50 हजार वोटों से जितने का दावा करते रहे.

विधानसभा में चुनाव परिणाम भी बिल्कुल उलटफेर भरा रहा. आखिर में नीलकंठ को सूर्या मुंडा से हार का सामना करना पड़ा. इस चुनाव परिणाम में एक तरह से नीलकंठ पर सूर्या मुंडा द्वारा ग्रहण लगाने जैसा काम किया गया. ऐसा ही परिणाम जिले के तोरपा विधानसभा सीट पर भी हुआ. जहां पर तीन बार से बीजेपी विधायक रहे कोचे मुंडा को झामुमो के सुदीप गुड़िया ने बड़े अंतर से हराकर कब्जा जमा लिया है.

नक्सलियों से मुक्त रही खूंटी

जिले में ऐसा पहली बार हुआ जब पूरा साल नक्सली घटनाओं से मुक्त रहा है. अपवाद में कुछ आगजनी की घटनाएं हुईं, लेकिन समय रहते आगजनी करने वाले पीएलएफआई के सदस्यों को सलाखों में भेजा गया है. कहा जा सकता है कि पुलिस के लिए साल 2024 बेहतर रहा. पूर्व में जहां खूंटी जिला नक्सल और उग्रवादी घटनाओं के कारण बदनाम रहता था, वहीं साल 2024 नक्सली घटनाओं से बाहर रहा है. इस वर्ष नक्सल हत्या नहीं के बराबर हुए हैं.

जिले में विगत दो माह के अंदर आगजनी और रंगदारी को लेकर पीएलएफआई द्वारा दो घटना को अंजाम दिया गया था. आगजनी की घटना में शामिल आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. 2024 में पीएलएफआई के कुल 27 नक्सली को गिरफ्तार किया गया है. जिसमें एरिया कमांडर हर्षिद गुड़िया, आंद्रियस कंडुलना उर्फ तुफानजी, हार्डकोर सदस्य राजेश तोपनो उर्फ मलिंगा शामिल है. वहीं कुल 6 हथियार समेत 428 कारतूस, छह बाइक और 35 मोबाइल जब्त किया गया. साथ ही तीन माओवादी सदस्य भी गिरफ्तार किए गए, जिसमें एक एरिया कमांडर बच्चन मुंडा शामिल है.

नक्सल की जगह अफीम बनी पुलिस के लिए चुनौतियां

जिले में भले ही नक्सल पुलिस के लिए इस साल चुनौती नहीं रहे, लेकिन जिले में अफीम की खेती पुलिस के लिए बड़ी चुनौती बनकर सामने है. विगत वर्ष की तुलना में इस वर्ष भी वृहद पैमाने पर अफीम की खेती लगाई गई है. गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष पुलिस अफीम के खिलाफ कार्रवाई का तरीका बदलते हुए खेतों को ट्रैक्टर से नष्ट कर रही है, साथ ही खेतों के मालिकों पर एफआईआर कर उन्हें जेल भेजने की तैयारी में है. अफीम के खिलाफ हुई कार्रवाई के दौरान इस साल पुलिस ने कुल 55 मामले दर्ज किए हैं. जिसमें 57 आरोपियों की गिरफ्तारी भी हुई है.

इस वर्ष खूंटी जिले में कुल 38.65 किलोग्राम अफीम जब्त किया गया है. वहीं दस हजार 756 किलो डोडा, 20.30 किलो गांजा और 2.47 किलो ब्राउन शुगर जब्त किया है. वहीं कुल 1873.92 एकड़ में लगी अफीम की फसल नष्ट किया जा चुका है. इसके साथ ही साल 2024 में भगवान बिरसा मुंडा के एक वंशज की सड़क हादसे में मौत हुई है. जिले में एक नाबालिग छात्रा से गैंगरेप की घटना ने शर्मशार किया तो जरियागड़ इलाके में एक प्रेमी ने अपनी प्रेमिका को कई टुकड़ों में काटकर हत्या कर सनसनी फैला दी थी.

ये भी पढ़ें- Year Ender 2024: जामताड़ा के लिए खट्टी मीठी यादों से भरपूर रहा साल, सियासी घटनाओं की रही चर्चा
Year Ender 2024: लातेहार में उतार-चढ़ाव से भरा रहा वर्ष, नक्सलियों के पतन से बूढ़ा पहाड़ में पहली बार फहरा झंडा

Year Ender 2024: कोडरमा में कई योजनाएं हुईं पूरी, तो कई रह गयी अधूरी, बिजली-थर्मल पावर प्लांट से लेकर जाने सियासत के बारे में

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.