जोधपुर: नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो द्वारा गत मई में 850 किलो गांजा बरामद करने के मामले में ब्यूरो को बड़ी सफलता हासिल हुई है. ब्यूरो की टीम ने ओडिशा से जोधपुर आए गांजे के मुख्य रिसीवर को गिरफ्तार किया है. इससे पूछताछ में कई बड़ी जानकारियां सामने आने की संभावना है.
एनसीबी के ज्वाइंट डायरेक्टर घनश्याम सोनी ने बताया कि ऑपरेशन शंकर के जरिए हमने गांजे की खेप पकड़ी थी. इसके बाद ऑपरेशन त्रिनेत्र चलाकर आरोपियों को पकड़ना शुरू किया गया. पूर्व में अनिल विश्नोई और गुमान सिंह गहलोत को गिरफ्तार किया गया था. इसके बाद जोधपुर में गांजे के मुख्य डीलर बलदेव सिंह गहलोत उर्फ बंटी का नाम सामने आया था, जिसने ये बड़ी खेप मंगवाई थी. एनसीबी उसे गिरफ्तार करने के लगातार प्रयास चल कर रही थी. उसे पता चल गया था की एनसीबी उसकी प्रॉपर्टी और खाते सीज करने की कार्रवाई करने जा रही है. उसकी गिरफ्तार के बाद अब उड़ीसा से जोधपुर तक आने वाले गंजे की खेप में शामिल लोगों का पता चल सकेगा और इस पूरी सिंडिकेट का भी खुलासा होने की संभावना है.
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शिक्षण संस्थान और हुक्का बार में सप्लाई : प्रारंभिक पड़ताल में पता चला है कि जोधपुर के राजीव गांधी थाना क्षेत्र निवासी बलदेव गहलोत उर्फ बंटी उड़ीसा के सिलूर से गांजा मंगवाता रहा है. वह जोधपुर में तीन से चार हजार किलो गांजा खपा चुका है. जोधपुर में उसके सप्लायर नागौर रोड स्थित बड़े शिक्षण संस्थान आईआईटी, निफ्ट के बाहर गांजे की सप्लाई करते थे. इसके अलावा शहर में चलने वाले हुक्का बार और कैफे में भी गांजा सप्लाई होता था. हालांकि, मई की कार्रवाई के बाद लगाम लगी है.