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बिहार में शनिवार को भी सरकारी अस्पतालों में लटका रहेगा ताला, कोलकाता की घटना को लेकर हड़ताल जारी - Strike In Bihar Hospital

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Aug 16, 2024, 9:32 PM IST

Kolkata Doctor Rape Murder Case : कोलकाता में डॉक्टर के साथ रेप कर हत्या मामले की आग फिलहाल शांत होती नहीं दिखाई पड़ रही है. आरजीकर कांड को लेकर बिहार में डॉक्टरों ने कल यानी शनिवार को भी कार्य बहिष्कार का फैसला लिया है. आगे पढ़ें पूरी खबर.

डॉक्टर की हड़ताल (कॉसेप्ट फोटो)
डॉक्टर की हड़ताल (कॉसेप्ट फोटो) (AINS)
डॉ सहजानंद और डॉ सुनील कुमार का बयान. (ETV Bharat)

पटना : कोलकाता के आरजीकर मेडिकल कॉलेज की घटना को लेकर चिकित्सक आक्रोशित हैं. पिछले तीन दिनों से बिहार के सरकारी अस्पताल में ओपीडी और रूटिंग सर्जरी के कार्य बहिष्कार पर हैं. शुक्रवार को सभी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में घटना के विरोध में जूनियर डॉक्टरों ने इमरजेंसी कार्य को ठप रखा, जिससे लाचार मरीजों और उनके परिजनों को काफी परेशानी हुई. चिकित्सकों की यह हड़ताल समाप्त नहीं हुई है, क्योंकि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन बिहार इकाई ने कल शनिवार को भी हड़ताल की घोषणा कर दी है.

शनिवार को भी बिहार के अस्पताल में ताला : इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) की बिहार शाखा की ओर से शनिवार को प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में ओपीडी और रूटिंग सर्जरी को विरोध स्वरूप बंद रखने का निर्णय लिया गया है. इस निर्णय का बिहार स्वास्थ्य सेवा संघ ने भी सपोर्ट किया है. जूनियर डॉक्टर नेटवर्क ने भी इस निर्णय का सपोर्ट करते हुए कहा है कि जूनियर डॉक्टर इमरजेंसी सेवा से भी कार्य बहिष्कार पर रहेंगे. सभी की मांग है कि सेंट्रल मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट को प्रभावी ढंग से लागू किया जाए.

आईएमए की प्रेस विज्ञप्ति.
आईएमए की प्रेस विज्ञप्ति. (ETV Bharat)

'जैसा कोरोना के समय था, वैसी व्यवस्था हो' : आईएमए के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ सहजानंद प्रसाद सिंह ने कहा कि, कोरोना महामारी के समय स्वास्थ्य कर्मियों के ऊपर हमले पर जो कानून लागू हो रहा था, उसे प्रभावी ढंग से लागू किया जाए. ऐसा इसलिए कि स्वास्थ्य कर्मी अस्पताल में सुरक्षित महसूस कर सकें.

''कोई भी स्वास्थ्य कर्मी किसी की जान नहीं लेना चाहता है, लेकिन बंगाल में जिस प्रकार से यह निर्मम घटना घटी है, पिछले दिनों केरल में भी चिकित्सक के ऊपर हिंसा की खबर सामने आई थी. इस घटना के विरोध में हम लोग अस्पताल में हड़ताल का कॉल दिए हैं, लेकिन इमरजेंसी सेवा इसमें शामिल नहीं है. मरीजों की वेदना को देखते हुए इमरजेंसी सेवा जारी है.''- डॉ सहजानंद प्रसाद सिंह, आईएमए के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष

आईएमए की प्रेस कांफ्रेंस
आईएमए की प्रेस कांफ्रेंस (ETV Bharat)

'अस्पताल में घुसकर साक्ष्य को मिटाने की कोशिश हुई' : इंडियन मेडिकल एसोसिएशन बिहार सचिव डॉक्टर सुनील कुमार ने बताया कि बंगाल की घटना बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण और झकझोर देने वाली है. प्रदेश के जूनियर और रेजीडेंट डॉक्टर खुद को उस घटना से जोड़ पा रहे हैं, क्योंकि वह महिला चिकित्सक उन लोगों की हम उम्र थी. इसके बाद से बंगाल सरकार के पोषित गुंडों द्वारा सीबीआई को जांच मिलने के बाद जिस प्रकार से अस्पताल में घुसकर तोड़फोड़ कर साक्ष्य को मिटाने की कोशिश की गई है, इससे आक्रोश और बढ़ गया है.

''इस घटना के आक्रोश में जूनियर डॉक्टर और रेजीडेंट डॉक्टर अस्पताल में इमरजेंसी सेवा का भी बहिष्कार कर रहे हैं. वह इमरजेंसी सेवा के बहिष्कार का समर्थन नहीं करते लेकिन जूनियर डॉक्टर की भावनाओं को भी नजरअंदाज और निरादर नहीं कर सकते. सरकार साक्ष्य को मिटाने की कोशिश में अस्पताल में घुसने वाले लफंगों की पहचान कर उन पर कड़ी कार्रवाई करें और महिला चिकित्सक के साथ जो घटना घटी है उसके जितने भी दोषी हैं उनको फांसी हो.''- डॉ सुनील कुमार, बिहार सचिव, आईएमए

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डॉ सहजानंद और डॉ सुनील कुमार का बयान. (ETV Bharat)

पटना : कोलकाता के आरजीकर मेडिकल कॉलेज की घटना को लेकर चिकित्सक आक्रोशित हैं. पिछले तीन दिनों से बिहार के सरकारी अस्पताल में ओपीडी और रूटिंग सर्जरी के कार्य बहिष्कार पर हैं. शुक्रवार को सभी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में घटना के विरोध में जूनियर डॉक्टरों ने इमरजेंसी कार्य को ठप रखा, जिससे लाचार मरीजों और उनके परिजनों को काफी परेशानी हुई. चिकित्सकों की यह हड़ताल समाप्त नहीं हुई है, क्योंकि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन बिहार इकाई ने कल शनिवार को भी हड़ताल की घोषणा कर दी है.

शनिवार को भी बिहार के अस्पताल में ताला : इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) की बिहार शाखा की ओर से शनिवार को प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में ओपीडी और रूटिंग सर्जरी को विरोध स्वरूप बंद रखने का निर्णय लिया गया है. इस निर्णय का बिहार स्वास्थ्य सेवा संघ ने भी सपोर्ट किया है. जूनियर डॉक्टर नेटवर्क ने भी इस निर्णय का सपोर्ट करते हुए कहा है कि जूनियर डॉक्टर इमरजेंसी सेवा से भी कार्य बहिष्कार पर रहेंगे. सभी की मांग है कि सेंट्रल मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट को प्रभावी ढंग से लागू किया जाए.

आईएमए की प्रेस विज्ञप्ति.
आईएमए की प्रेस विज्ञप्ति. (ETV Bharat)

'जैसा कोरोना के समय था, वैसी व्यवस्था हो' : आईएमए के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ सहजानंद प्रसाद सिंह ने कहा कि, कोरोना महामारी के समय स्वास्थ्य कर्मियों के ऊपर हमले पर जो कानून लागू हो रहा था, उसे प्रभावी ढंग से लागू किया जाए. ऐसा इसलिए कि स्वास्थ्य कर्मी अस्पताल में सुरक्षित महसूस कर सकें.

''कोई भी स्वास्थ्य कर्मी किसी की जान नहीं लेना चाहता है, लेकिन बंगाल में जिस प्रकार से यह निर्मम घटना घटी है, पिछले दिनों केरल में भी चिकित्सक के ऊपर हिंसा की खबर सामने आई थी. इस घटना के विरोध में हम लोग अस्पताल में हड़ताल का कॉल दिए हैं, लेकिन इमरजेंसी सेवा इसमें शामिल नहीं है. मरीजों की वेदना को देखते हुए इमरजेंसी सेवा जारी है.''- डॉ सहजानंद प्रसाद सिंह, आईएमए के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष

आईएमए की प्रेस कांफ्रेंस
आईएमए की प्रेस कांफ्रेंस (ETV Bharat)

'अस्पताल में घुसकर साक्ष्य को मिटाने की कोशिश हुई' : इंडियन मेडिकल एसोसिएशन बिहार सचिव डॉक्टर सुनील कुमार ने बताया कि बंगाल की घटना बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण और झकझोर देने वाली है. प्रदेश के जूनियर और रेजीडेंट डॉक्टर खुद को उस घटना से जोड़ पा रहे हैं, क्योंकि वह महिला चिकित्सक उन लोगों की हम उम्र थी. इसके बाद से बंगाल सरकार के पोषित गुंडों द्वारा सीबीआई को जांच मिलने के बाद जिस प्रकार से अस्पताल में घुसकर तोड़फोड़ कर साक्ष्य को मिटाने की कोशिश की गई है, इससे आक्रोश और बढ़ गया है.

''इस घटना के आक्रोश में जूनियर डॉक्टर और रेजीडेंट डॉक्टर अस्पताल में इमरजेंसी सेवा का भी बहिष्कार कर रहे हैं. वह इमरजेंसी सेवा के बहिष्कार का समर्थन नहीं करते लेकिन जूनियर डॉक्टर की भावनाओं को भी नजरअंदाज और निरादर नहीं कर सकते. सरकार साक्ष्य को मिटाने की कोशिश में अस्पताल में घुसने वाले लफंगों की पहचान कर उन पर कड़ी कार्रवाई करें और महिला चिकित्सक के साथ जो घटना घटी है उसके जितने भी दोषी हैं उनको फांसी हो.''- डॉ सुनील कुमार, बिहार सचिव, आईएमए

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