जयपुर. जो लोग आयकर दाता हैं और खाद्य सुरक्षा योजना की सूची में नाम है या फिर घर में फोर व्हीलर वाहन है और खाद्य सुरक्षा के तहत मिलने वाला सस्ता गेहूं ले रहे हैं. तो उन्हें खाद्य सुरक्षा योजना की सूची से अपना नाम कटवाना होगा. ऐसा नहीं करने पर खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग अभियान चलाकर ऐसे लोगों के नाम काटेगा. जो आयकरदाता होने या घर में चौपहिया वाहन होने के बावजूद खाद्य सुरक्षा योजना का सस्ता गेहूं ले रहे हैं. ऐसे लोगों से 27 रुपए प्रति किलो की दर से रिकवरी भी की जाएगी. खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री सुमित गोदारा ने कहा, विभाग इसके लिए अभियान चलाएगा.
प्रदेश में दस लाख नए नाम जोड़े : खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री सुमित गोदारा ने मीडिया से बातचीत में कहा, राजस्थान में खाद्य सुरक्षा योजना की सूची में पंजीयन की सीमा 4.46 करोड़ है. जबकि 4.44 करोड़ नाम इसमें जुड़े हुए हैं. हाल ही में करीब दस लाख लोगों के नाम नए जोड़े गए हैं. जिनमें करीब 1.70 लाख विशेषयोग्यजन और 9 लाख के आसपास अवयस्क बच्चे और शादी होकर आने वाली महिलाएं हैं. अब हम सीलिंग सीमा के पास पहुंचे हैं.
ई-केवाईसी नहीं तो हट जाएगा नाम : उन्होंने कहा, इसके साथ ही खाद्य सुरक्षा योजना में पंजीकृत लोगों की ई-केवाईसी का काम भी चल रहा है. जिसमें 4.44 करोड़ लोगों में से 3.62 करोड़ लोगों ने ई-केवाईसी करवाई है. बाकि लोगों से भी जल्द से जल्द ई-केवाईसी करवाने को कहा जा रहा है. इसके लिए आखिरी तारीख 31 अक्टूबर रखी गई है. अगर कोई ई-केवाईसी नहीं करवाता है तो उसका नाम खाद्य सुरक्षा योजना से हटा दिया जाएगा.
गिव अप योजना में खुद हटवाएं नाम : उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की पहल पर गिव अप योजना भी शुरू की गई है. जिसके पास खुद का चौपहिया वाहन है (ट्रैक्टर और व्यावसायिक वाहन को छोड़कर) या जो लोग आयकर देते हैं. वो इस योजना से स्वतः ही नाम कटवा लें. ऐसे लोगों का विभाग अभियान चलाकर नाम हटाएगा और 27 रुपए प्रति किलो की दर से राशि वसूली जाएगी.
परिवहन, आयकर विभाग से ले रहे हैं आंकड़े : उन्होंने कहा कि इस कवायद के तहत परिवहन विभाग और आयकर विभाग से आंकड़े मांगे जा रहे हैं. इसके साथ ही विभाग उचित मूल्य दुकानदारों की मदद से भी अभियान चलाकर ऐसे लोगों को खुद अपने नाम कटवाने के लिए प्रेरित करेगा. उन्होंने कहा, इस अभियान का मकसद है की सक्षम लोगों के नाम हटाकर वंचित पात्र लोगों के नाम इस योजना में जोड़े जाए. ताकि प्रधानमंत्री गरीब अन्न कल्याण योजना का फायदा अंतिम पंक्ति में बैठे पात्र व्यक्ति तक पहुंचे.