गोरखपुर : जिले की पुलिस ने बेरोजगारों को ठगने वाले एक 'बंटी और बबली' को गिरफ्तार किया है. पुलिस का दावा है कि पति व पत्नी ने डेढ़ दर्जन से ज्यादा बेरोजगारों को नौकरी का झांसा दिया था. कई माह करने के बाद कर्मचारियों को वेतन भी नहीं दिया. वहीं, मकान का किराया न देने पर इस फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ. आरोपी पति अनपढ़ व पत्नी आठवीं पास है. पुलिस ने आरोपियों के पास से कई कागजात और कुछ नगदी भी बरामद की है.
मामले का खुलासा करते हुए एडिशनल एसपी अंशिका वर्मा ने बताया कि बेरोजगार युवक-युवतियों से आरोपियों ने कुल मिलाकर आठ लाख रुपये भी ले लिए. पीड़ितों को बताया गया कि यह सिक्योरिटी फीस है जो बाद में वापस हो जाएगी. उन्होंने बताया कि किसी से 52 हजार, किसी से 40 हजार तो किसी से कुछ और रकम वसूली गई. उन्होंने बताया कि युवक-युवतियों को कंप्यूटर पर डाटा एंट्री का काम करने की जानकारी दी गई थी. जिसमें 18 लोगों की नियुक्ति भी की गई थी.
एडिशनल एसपी अंशिका वर्मा ने बताया कि युवक-युवतियों को पता लगा था कि वह हेल्थ इंश्योरेंस की डाटा एंट्री कर रहे हैं. लेकिन, सब कुछ फर्जी था. काफी समय तक आरोपियों ने मकान का किराया भी नहीं दिया था. जिसके बाद मकान मालिक ने रामगढ़ ताल पुलिस को फर्जी कंपनी चलाने वालों की जानकारी दी. पुलिस ने जब मामले की जांच शुरू की तो पता चला कि न तो इस नाम की कोई कंपनी रजिस्टर्ड है और न ही इस तरह की डाटा एंट्री WHO कराती है. इन पति-पत्नी के पास से पुलिस ने 10 लैपटॉप, एक प्रिंटर, 6 फर्जी नियुक्ति पत्र और आईकार्ड भी बरामद किए हैं.
पुलिस के मुताबिक, रामगढ़ताल थाना क्षेत्र के भगत चौराहे पर किराए के मकान में सुप्रिया एण्ड लक्ष्मी सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड के नाम से यह फर्जी कंपनी चल रही थी. मकान मालिक की शिकायत पर पुलिस ने देवरिया के गौरी बाजार के रहने वाले अमरनाथ सिंह और उसकी पत्नी सोनी सिंह को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. एडिशनल एसपी अंशिका वर्मा ने बताया कि डाटा फीडिंग के नाम पर बेरोजगार युवकों को नौकरी पर रखा गया था. इन्हें 6 महीने का वेतन भी नहीं दिया गया और मकान मालिक का डेढ़ लाख रुपए किराया भी हो गया था. मकान मालिक की शिकायत पर पुलिस ने कार्रवाई की है. बिना रजिस्ट्रेशन के चल रही कंपनी के कूटरचित दस्तावेज को भी पुलिस ने कब्जे में लिया है.