नई दिल्ली: केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी की गई एनआईआरएफ रैंकिंग में कॉलेज की श्रेणी में, देशभर के कॉलेजों में से डीयू के हिंदू कॉलेज ने पहला स्थान प्राप्त किया है. हिंदू कॉलेज ने यह उपलब्धि सात साल से पहले नंबर पर काबिज मिरांडा हाउस कॉलेज को पीछे छोड़कर हासिल की. इस उपलब्धि पर कॉलेज की प्राचार्या प्रो. अंजू श्रीवास्तव से ईटीवी भारत ने खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कॉलेज को पहला स्थान मिलने पर खुशी जाहिर की.
यह बच्चों के हित में: उन्होंने कहा कि हमारे कॉलेज का यह 125वां साल चल रहा है. हम काफी समय से इस प्रतियोगिता में भाग ले रहे हैं और हर बार हम अपनी तरफ से प्रतियोगिता के लिए काफी मेहनत करके सारा डेटा देते हैं. लेकिन, ऐसा पहली बार हुआ है कि हम रैंकिंग में पहले स्थान पर आए हैं. टॉप 5 में तो हम कई साल से बने हुए हैं, लेकिन इस बार पहले स्थान पर आने पर लग रहा है कि हम सही रास्ते पर जा रहे हैं. यह बच्चों के हित में भी है.
बच्चों को बनाना चाहते हैं स्किल्ड: प्रो. अंजू श्रीवास्तव ने आगे बताया कि हमने इस साल भी वही किया जो हम हर साल करते आ रहे थे. इस बार हमने बच्चों के लिए आधुनिक समय की मांग और बच्चों की जरूरत को देखते हुए कई सारे स्किल ट्रेनिंग प्रोग्राम शुरू किए हैं. हमारा एक स्किल डेवलपमेंट सेंटर भी है, जिसमें हमें दिल्ली यूनिवर्सिटी ने भी ग्रांट दी है. उसमें हम तरह तरह की चीजों से बच्चों को स्किल्ड करना चाहते हैं.
प्रयासों का मिला परिणाम: उन्होंने कहा कि हम बच्चों को ऐसा एक्सपोजर दे रहे हैं कि वह कॉलेज से निकलने के बाद एंटरप्रेन्योरशिप या कोई स्टार्टअप शुरू करना चाहते हैं या रिसर्च में करियर बनाना चाहते हैं, तो उसके लिए निर्णय ले सकें. इसके अलावा हम अपने शिक्षकों की मदद से बच्चों के लिए इंटर्नशिप आयोजित करने के साथ समर जॉब कैंप का भी आयोजन करते हैं. साथ ही रिसर्च प्रोजेक्ट भी देते हैं, जिसमें हम फंडिंग करते हैं. हमारे कई डोनर्स हैं, जिन्होंने कई सारी स्कॉलरशिप शुरू की हैं, इनसे भी बच्चों को पूरे साल का एक वित्तीय मदद मिलती है. हमारे इन सभी प्रयासों का ही परिणाम हमें नंबर एक रैंकिंग के रूप में मिला है.
ग्रेजुएशन आउटकम्स में मिले काफी अच्छे अंक: हिंदू कॉलेज की प्राचार्य ने यह भी कहा कि बच्चों को कॉलेज में पढ़ाई के समय अच्छा एक्सपोजर देने से उनका एक माइंडसेट प्रोग्रेसिव बनता है. इसके लिए हम विशेष रूप से काम करते हैं. इसी से ग्रेजुएशन आउटकम अच्छा आता है. बच्चा कॉलेज से निकलकर किसी न किसी क्षेत्र में अपना करियर बनाता है या आगे की पढ़ाई करता है.
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रिसर्च में किया है काफी स्केलअप: प्रो. अंजू श्रीवास्तव ने कहा कि रिसर्च में हमने काफी स्केलअप किया है. हमारे शिक्षकों के काफी पेटेंट भी हैं. इसके अलावा शिक्षक छात्रों साथ मिलकर रिसर्च पेपर पब्लिश कर रहे हैं. इसका भी हमें लाभ मिला है. अच्छे जरनल में पेपर पब्लिश हो रहे हैं. इसका भी अच्छा एक्सपोजर मिल रहा है. टीचिंग लर्निंग एक्सपोजर पहले से ही हमारे पास है. रैंकिंग के लिए एक पैरामीटर होता है पब्लिक परसेप्शन. इसमें हम पहले से ही अच्छे थे और बेहतर भी हुए हैं.
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