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अब जल रक्षकों ने खोला सुक्खू सरकार के खिलाफ मोर्चा, 6 सितंबर को विधानसभा के बाहर गरजेंगे - Himachal Waterguard Protest

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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Aug 31, 2024, 2:32 PM IST

Himachal Waterguard Protest on 6 September: हिमाचल प्रदेश जल रक्षक महासंघ ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और अब वो 6 सितंबर को मानसून सेशन के दौरान अपनी मांगों के लेकर विधानसभा के बाहर प्रदर्शन करेंगे.

Himachal Waterguard Protest on 6 September
6 सितंबर को जल रक्षक करेंगे प्रदर्शन (ETV Bharat)
रवि ठाकुर, प्रदेशाध्यक्ष, जलरक्षक महासंघ (ETV Bharat)

शिमला: हिमाचल प्रदेश जल रक्षक महासंघ 6 सितंबर को मानसून सत्र के दौरान विधानसभा के बाहर गरजेंगे. शुक्रवार को भी जल रक्षक महासंघ रवि ठाकुर की अगुवाई में जल रक्षक विधानसभा के बाहर पहुंचे थे. सभी जल रक्षक चौड़ा मैदान में इकट्ठे होकर उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री से मिलने आए थे, लेकिन डिप्टी सीएम से उनकी मुलाकात नहीं हुई.

जल रक्षकों की मांगें

जिसके बाद जल रक्षकों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए यहां पर 6 सितंबर को धरना प्रदर्शन करने का फैसला लिया. जल रक्षक महासंघ के अध्यक्ष रवि ठाकुर ने कहा कि महासंघ की मुख्य मांग उनकी कांट्रैक्ट अवधि को घटाया जा सके, उनके लिए स्थायी पॉलिसी बनाई जा सके और जो 12 साल का अपना कार्यकाल पूरा कर चुके हैं, उनके लिए पोस्ट सृजित की जाए, ताकि वह कॉन्ट्रैक्ट पर आ सके. उन्होंने कहा कि कई जलरक्षकों को 12 साल का कार्यकाल पूरा किए हुए बहुत समय हो गया है, लेकिन अभी तक वो अनुबंध पर भी नहीं आए हैं.

अब तक मिला सिर्फ आश्वासन

जल रक्षक महासंघ अध्यक्ष रवि ठाकुर ने कहा कि पहले भी मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री से मिलकर वो अपनी मांगों के बारे में विस्तार से बचा चुके हैं, लेकिन उनको हर बार सिर्फ आश्वासन ही हाथ लगा है. उन्होंने कहा कि उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री से अपील की थी की उनकी कॉन्ट्रैक्ट में आने की अवधि को घटाया जाए. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भी अधिकारियों को निर्देश दिए थे कि जल रक्षकों की मांगों को कैबिनेट में लाया जाए, लेकिन बावजूद इसके अब तक जल रक्षक महासंघ की मांगों की ओर कोई गौर नहीं किया गया है.

जलरक्षकों में भारी रोष

रवि ठाकुर ने कहा कि जल रक्षकों को 5300 रुपए वेतन मिलता है. सालों-सालों काम करने के बाद भी अनुबंध में नहीं लिया जाता है. जिसके चलते जल रक्षक के तौर पर नियुक्त युवाओं की शादी भी नहीं हो रही है. जल रक्षक इतने कम वेतन में अपने परिवार का पालन पोषण भी नहीं कर पा रहे हैं. उन्होंने कहा कि सरकार उनकी मांगों को अनदेखा कर रही है, इसलिए 6 सितंबर को विधानसभा के बाहर जल रक्षक विरोध प्रदर्शन करेंगे.

ये भी पढ़े: सरकार के इशारों पर SP शिमला मेरे घर पर उड़ा रहे ड्रोन, सीमा न लांघे अधिकारी: जयराम ठाकुर

ये भी पढ़ें: जयराम ठाकुर को सनसनी फैलाने की आदत, नेता प्रतिपक्ष की ड्रोन से जासूसी नहीं करा रही सरकार: सीएम सुक्खू

रवि ठाकुर, प्रदेशाध्यक्ष, जलरक्षक महासंघ (ETV Bharat)

शिमला: हिमाचल प्रदेश जल रक्षक महासंघ 6 सितंबर को मानसून सत्र के दौरान विधानसभा के बाहर गरजेंगे. शुक्रवार को भी जल रक्षक महासंघ रवि ठाकुर की अगुवाई में जल रक्षक विधानसभा के बाहर पहुंचे थे. सभी जल रक्षक चौड़ा मैदान में इकट्ठे होकर उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री से मिलने आए थे, लेकिन डिप्टी सीएम से उनकी मुलाकात नहीं हुई.

जल रक्षकों की मांगें

जिसके बाद जल रक्षकों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए यहां पर 6 सितंबर को धरना प्रदर्शन करने का फैसला लिया. जल रक्षक महासंघ के अध्यक्ष रवि ठाकुर ने कहा कि महासंघ की मुख्य मांग उनकी कांट्रैक्ट अवधि को घटाया जा सके, उनके लिए स्थायी पॉलिसी बनाई जा सके और जो 12 साल का अपना कार्यकाल पूरा कर चुके हैं, उनके लिए पोस्ट सृजित की जाए, ताकि वह कॉन्ट्रैक्ट पर आ सके. उन्होंने कहा कि कई जलरक्षकों को 12 साल का कार्यकाल पूरा किए हुए बहुत समय हो गया है, लेकिन अभी तक वो अनुबंध पर भी नहीं आए हैं.

अब तक मिला सिर्फ आश्वासन

जल रक्षक महासंघ अध्यक्ष रवि ठाकुर ने कहा कि पहले भी मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री से मिलकर वो अपनी मांगों के बारे में विस्तार से बचा चुके हैं, लेकिन उनको हर बार सिर्फ आश्वासन ही हाथ लगा है. उन्होंने कहा कि उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री से अपील की थी की उनकी कॉन्ट्रैक्ट में आने की अवधि को घटाया जाए. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भी अधिकारियों को निर्देश दिए थे कि जल रक्षकों की मांगों को कैबिनेट में लाया जाए, लेकिन बावजूद इसके अब तक जल रक्षक महासंघ की मांगों की ओर कोई गौर नहीं किया गया है.

जलरक्षकों में भारी रोष

रवि ठाकुर ने कहा कि जल रक्षकों को 5300 रुपए वेतन मिलता है. सालों-सालों काम करने के बाद भी अनुबंध में नहीं लिया जाता है. जिसके चलते जल रक्षक के तौर पर नियुक्त युवाओं की शादी भी नहीं हो रही है. जल रक्षक इतने कम वेतन में अपने परिवार का पालन पोषण भी नहीं कर पा रहे हैं. उन्होंने कहा कि सरकार उनकी मांगों को अनदेखा कर रही है, इसलिए 6 सितंबर को विधानसभा के बाहर जल रक्षक विरोध प्रदर्शन करेंगे.

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