शिमला: हिमाचल की राजधानी शिमला के साथ लगते उपनगर संजौली में मस्जिद के अवैध निर्माण को लेकर नगर निगम के अधिकारियों के कार्यों प्रणाली भी संदेह के घेरे में आ गई है. प्रदेश में इन दिनों विधानसभा के मानसून सत्र चल रहा है. ऐसे में नियम 62 के तहत चौपाल से विधायक बलबीर वर्मा और शिमला शहरी से विधायक हरीश हरीश जनारथा ने संजौली में अवैध रूप से बनी मस्जिद को लेकर उत्पन्न तनाव पर ध्यानाकर्षण प्रस्ताव लाया. इस तरह से सदन में भी मामला खूब गूंजा. वहीं, ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने मीडिया से बात करते हुए अवैध निर्माण में सम्मिलित पाए जाने वाले नगर निगम के अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की बात कही है.
अनिरुद्ध सिंह ने कहा, "पिछले कई सालों से मस्जिद का अवैध निर्माण हो रहा था, लेकिन प्रशासन सोया रहा. इस मामले को लेकर दोषी अधिकारी के खिलाफ की कार्रवाई की जाएगी. इस बारे में नगर निगम आयुक्त से भी व्यक्तिगत तौर पर बात की जाएगी".
नोटिस देने का बाद कहां सोया रहा प्रशासन: मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि ये मामला मस्जिद, मंदिर या अन्य धार्मिक स्थल का नहीं है. ये मामला वैध और अवैध निर्माण का है. यह मामला नगर निगम की कोर्ट में 2010 से चल रहा है. इस दौरान मस्जिद के अवैध निर्माण को लेकर बार-बार नोटिस जारी किए गए, लेकिन फिर भी चार से पांच मंजिल अवैध तरीके से खड़ी कर दी गई. पहले मस्जिद की जगह पर एक सिंगल दुकान थी. जिस पर सरकार का मालिकाना हक है. ऐसे में इस जगह पर मस्जिद का नक्शा पास ही नहीं हो सकता है, जो सरासर नगर निगम की गलती है.
अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री से भी कई संगठन मिले हैं. जिस पर सीएम ने सख्त कार्रवाई करने का विश्वास दिलाया है. हिमाचल के स्थाई नागरिक को रहे बजरी का लाइसेंस मिलना चाहिए, इसको लेकर कानून बनाया जाए. बाहरी राज्यों से जो लोग आकर बसे हैं, उनकी भी सही तरह से जांच की जानी चाहिए. अनिरुद्ध सिंह ने कहा कई सालों से मस्जिद का अवैध निर्माण चल रहा था, लेकिन प्रशासन सोया हुआ था. मामले में दोषी अधिकारी के खिलाफ की कार्रवाई की जाएगी.
अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि अगर मस्जिद का निर्माण अवैध तरीके से हुआ है तो इसे गिराया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि यहां तो मकान के छज्जे बढ़ाने पर लोगों का बिजली पानी का कनेक्शन काट दिया जाता है, ऐसे में मस्जिद के अवैध निर्माण को लेकर भी कार्रवाई होनी चाहिए. अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि हिमाचल में भारी राज्यों से नए लोग आ रहे हैं. जिस कारण यहां पहले से रह रहे लोग भी बदनाम हो रहे हैं.
ये भी पढ़ें: हिमाचल में विधानसभा सदस्यता से अयोग्य घोषित विधायकों की पेंशन बंद, विपक्ष के विरोध के बीच पारित हुआ संशोधन बिल