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"बेकार की चीजों से सामान बनाकर नशे से खुद को दूर रख रहे हैं युवा"... डी एडिक्शन सेंटर में दिख रहा गजब का उत्साह - Kullu De Addiction Center - KULLU DE ADDICTION CENTER

नशा से युवाओं को दूर रखने के लिए कुल्लू में एक अनोखी पहल की जा रही है. युवा बेकार की वस्तुओं से कई तरह के जरूरत के सामान बना रहे हैं. डी एडिक्शन सेंटर में इलाज करा रहे युवा इसे लेकर उत्साहित है. पढ़ें पूरी खबर...

Kullu De Addiction Center
नशे से दूर रहने के लिए बेकार की चीजों से बना रहे सामान
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : May 1, 2024, 7:28 PM IST

कुल्लू: हिमाचल प्रदेश में भांग, शराब और हेरोइन के शिकार युवाओं की संख्या जहां बढ़ती जा रही है. वहीं प्रदेश सरकार भी युवाओं को नशे से दूर रखने के लिए कई प्रयास कर रही है. जिला कुल्लू की अगर बात करें तो यहां पर भी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के द्वारा डी एडिक्शन सेंटर का संचालन किया जा रहा है. यहां पर भी नशे से पीड़ित युवाओं को नशे से बाहर निकलने और भविष्य में भी इसकी लत से बचाने के प्रयास किए जा रहे हैं. इसके अलावा युवा आगामी समय में नशे के जाल में न फंस सके, इसके लिए भी उन्हें कई तरह के कार्यक्रम आयोजित करवाए जा रहे हैं. जिसमें बेकार पड़ी वस्तुओं से भी चीज बना कर युवा खुद को नशे से दूर रख रहे हैं.

जिला कुल्लू के भुंतर में चल रहे डी एडिक्शन सेंटर में अपना इलाज करवा रहे युवक और युवतियों के द्वारा भी बेकार पड़ी वस्तुओं से कई चीजों का निर्माण किया गया है. डी एडिक्शन सेंटर के द्वारा इन सभी चीजों को बिक्री के लिए ढालपुर के प्रदर्शनी मैदान में भी रखा गया है. यहां पर प्रदर्शनी मैदान में लगाए गए स्लॉट में युवक और युवतियों के द्वारा मोमबत्ती, आर्ट एंड क्राफ्ट और अन्य कई चीजों को तैयार कर रखा गया है. ताकि वे अपना इलाज करवाने के बाद इस तरह की चीज बनाकर अपने लिए स्वरोजगार की राह को भी तैयार कर सके.

डी एडिक्शन सेंटर के प्रभारी डॉक्टर सत्यव्रत वैद्य का कहना है कि बीते 3 सालों की बात करें तो यहां पर 6000 से अधिक लोगों का इलाज किया गया है. इनमें कई युवतियां भी शामिल है. जो नशे के दलदल में फंस चुकी थी और अब यहां से वह इलाज करवा कर वापस अपने घर चली गई है. उन्होंने बताया कि केंद्र की ओर से ही युवक व युवतियों को बेकार पड़ी वस्तुएं उपलब्ध करवाई जाती हैं, ताकि वह अपना ध्यान नशे से हटकर इन चीजों की ओर लगा सके.

उन्होंने कहा कि डी एडिक्शन सेंटर में नशे के शिकार युवाओं का इलाज किया जाता है और कई ऐसे युवक है जो अब नशे के दलदल से बाहर आ चुके हैं. ऐसे में आगामी समय में युवाओं के लिए इस तरह के अन्य कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे. ताकि वह दोबारा नशे के चंगुल में ना फंस सके.

ये भी पढ़ें: हिमाचल में हाईटेक हुआ नशे का कारोबार, वाट्सअप के जरिए घर पहुंच जाता था चिट्टा

कुल्लू: हिमाचल प्रदेश में भांग, शराब और हेरोइन के शिकार युवाओं की संख्या जहां बढ़ती जा रही है. वहीं प्रदेश सरकार भी युवाओं को नशे से दूर रखने के लिए कई प्रयास कर रही है. जिला कुल्लू की अगर बात करें तो यहां पर भी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के द्वारा डी एडिक्शन सेंटर का संचालन किया जा रहा है. यहां पर भी नशे से पीड़ित युवाओं को नशे से बाहर निकलने और भविष्य में भी इसकी लत से बचाने के प्रयास किए जा रहे हैं. इसके अलावा युवा आगामी समय में नशे के जाल में न फंस सके, इसके लिए भी उन्हें कई तरह के कार्यक्रम आयोजित करवाए जा रहे हैं. जिसमें बेकार पड़ी वस्तुओं से भी चीज बना कर युवा खुद को नशे से दूर रख रहे हैं.

जिला कुल्लू के भुंतर में चल रहे डी एडिक्शन सेंटर में अपना इलाज करवा रहे युवक और युवतियों के द्वारा भी बेकार पड़ी वस्तुओं से कई चीजों का निर्माण किया गया है. डी एडिक्शन सेंटर के द्वारा इन सभी चीजों को बिक्री के लिए ढालपुर के प्रदर्शनी मैदान में भी रखा गया है. यहां पर प्रदर्शनी मैदान में लगाए गए स्लॉट में युवक और युवतियों के द्वारा मोमबत्ती, आर्ट एंड क्राफ्ट और अन्य कई चीजों को तैयार कर रखा गया है. ताकि वे अपना इलाज करवाने के बाद इस तरह की चीज बनाकर अपने लिए स्वरोजगार की राह को भी तैयार कर सके.

डी एडिक्शन सेंटर के प्रभारी डॉक्टर सत्यव्रत वैद्य का कहना है कि बीते 3 सालों की बात करें तो यहां पर 6000 से अधिक लोगों का इलाज किया गया है. इनमें कई युवतियां भी शामिल है. जो नशे के दलदल में फंस चुकी थी और अब यहां से वह इलाज करवा कर वापस अपने घर चली गई है. उन्होंने बताया कि केंद्र की ओर से ही युवक व युवतियों को बेकार पड़ी वस्तुएं उपलब्ध करवाई जाती हैं, ताकि वह अपना ध्यान नशे से हटकर इन चीजों की ओर लगा सके.

उन्होंने कहा कि डी एडिक्शन सेंटर में नशे के शिकार युवाओं का इलाज किया जाता है और कई ऐसे युवक है जो अब नशे के दलदल से बाहर आ चुके हैं. ऐसे में आगामी समय में युवाओं के लिए इस तरह के अन्य कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे. ताकि वह दोबारा नशे के चंगुल में ना फंस सके.

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