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हिमाचल में बिजली बोर्ड के कर्मियों ने सीएम सुक्खू को लिखी चिट्ठी, हमको भी चाहिए OPS - Letter to CM Sukhu

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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Jul 17, 2024, 7:42 PM IST

Himachal Electricity Board employees OPS demand: हिमाचल प्रदेश में बिजली बोर्ड के कर्मचारियों ने ओल्ड पेंशन स्कीम को लेकर सीएम सुक्खू को पत्र लिखा है. पत्र में बिजली बोर्ड में कार्यरत सभी कर्मचारियों व इंजीनियरों के लिए एक समान पुरानी पेंशन प्रणाली लागू किए जाने की मांग की गई है.

Himachal Electricity Board
हिमाचल प्रदेश बिजली बोर्ड (कॉन्सेप्ट इमेज)

शिमला: हिमाचल में वित्तीय संकट से घिरी सुक्खू सरकार के सामने लगातार चुनौतियों आ रही हैं. हाई कोर्ट ने सरकार को पेंशनर्स के वित्तीय लाभ हर हाल में देने के सख्त निर्देश दिए हैं. इसी बीच हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड के कर्मचारियों ने भी बुधवार को सीएम सुक्खू को चिट्ठी लिखकर ओपीएस देने की मांग रखी है.

ये चिट्ठी हिमाचल पावर इंजीनियर्स एसोसिएशन (एचपीईए) के अध्यक्ष लोकेश ठाकुर ने सीएम को भेजी है जिसमें बिजली बोर्ड में कार्यरत सभी कर्मचारियों व इंजीनियरों के लिए एक समान पुरानी पेंशन प्रणाली लागू किए जाने की मांग की गई है.

बिना ओल्ड पेंशन स्कीम के 6500 कर्मचारी

हिमाचल प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड में 6500 के करीब कर्मचारियों को सुक्खू सरकार की ओल्ड पेंशन स्कीम को बहाल करने का लाभ नहीं मिला है. हालांकि सरकार का दावा है कि हिमाचल में 1.36 लाख कर्मचारियों को ओपीएस का लाभ दिया जा रहा है. इसमें बिजली बोर्ड के कर्मचारियों को भी आंकड़े में शामिल किया गया है लेकिन हिमाचल पावर इंजीनियर्स एसोसिएशन के मुताबिक बिजली बोर्ड कर्मचारियों को अभी तक ओपीएस के लाभों से वंचित रखा गया है.

ऐसे में सरकार के इस आंकड़े पर भी सवाल उठ रहे हैं. वहीं, सीएम सुक्खू को लिखी गई चिट्ठी में कहा गया है कि नवगठित ऊर्जा निगमों में भर्ती किए गए कर्मचारियों व इंजीनियरों की पुरानी पेंशन एकतरफा समाप्त कर दी गई है.

इसके अलावा विभिन्न प्रांतों में अनबंडलिंग के बाद भर्ती किए गए कर्मियों को एनपीएस में स्थानांतरित किया गया है. ऐसे में विद्युत अधिनियम 2003 में कहीं पर भी विद्युत बोर्ड के अनबंडलिंग के बाद भर्ती किए गए विद्युत कर्मचारियों को पुरानी पेंशन नहीं देने का कोई उल्लेख नहीं है. चिट्ठी में लिखा गया है कि प्रदेश में ओल्ड पेंशन स्कीम को लेकर कोई एकरूपता नहीं है. राज्य के तहत कई विभागों ओपीएस को लागू किया गया है. वहीं, कहीं पर कर्मचारियों को एनपीएस के तहत रखा गया है.

विसंगतियां होंगी पैदा

सीएम को लिखे गए पत्र में चेताया गया है कि हाल ही में राजस्थान, छत्तीसगढ़ और झारखंड की सरकारों ने ऊर्जा निगमों में कार्यरत सभी कर्मचारियों और इंजीनियरों के लिए पुरानी पेंशन स्कीम को लागू किया है. वहीं केंद्र सरकार भी एनपीएस के तहत काम कर रहे केंद्रीय कर्मचारियों के लिए पेंशन प्रणाली में बदलाव करने जा रही है.

इस तरह से अगर प्रदेश में भी पावर सेक्टर में कार्य कर कर्मचारियों को एक समान प्रणाली लागू नहीं की गई तो इससे विसंगतियां पैदा हो सकती हैं. ऐसे में हिमाचल पावर इंजीनियर्स एसोसिएशन (एचपीईए) के अध्यक्ष लोकेश ठाकुर ने सीएम सुक्खू से प्रदेश में सभी विभागों में एकरूपता लाने को कहा है. इसके अलावा बिजली बोर्ड में सेवाएं दे रहे सभी कर्मचारियों और इंजीनियरों को भी पुरानी पेंशन स्कीम को लागू करने की मांग की है.

ये भी पढ़ें: राजस्व कर्मचारियों का सरकार को अल्टीमेटम, फैसला ना बदला तो पटवारखानों व कानूनगो ऑफिसों में लगा देंगे ताला

शिमला: हिमाचल में वित्तीय संकट से घिरी सुक्खू सरकार के सामने लगातार चुनौतियों आ रही हैं. हाई कोर्ट ने सरकार को पेंशनर्स के वित्तीय लाभ हर हाल में देने के सख्त निर्देश दिए हैं. इसी बीच हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड के कर्मचारियों ने भी बुधवार को सीएम सुक्खू को चिट्ठी लिखकर ओपीएस देने की मांग रखी है.

ये चिट्ठी हिमाचल पावर इंजीनियर्स एसोसिएशन (एचपीईए) के अध्यक्ष लोकेश ठाकुर ने सीएम को भेजी है जिसमें बिजली बोर्ड में कार्यरत सभी कर्मचारियों व इंजीनियरों के लिए एक समान पुरानी पेंशन प्रणाली लागू किए जाने की मांग की गई है.

बिना ओल्ड पेंशन स्कीम के 6500 कर्मचारी

हिमाचल प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड में 6500 के करीब कर्मचारियों को सुक्खू सरकार की ओल्ड पेंशन स्कीम को बहाल करने का लाभ नहीं मिला है. हालांकि सरकार का दावा है कि हिमाचल में 1.36 लाख कर्मचारियों को ओपीएस का लाभ दिया जा रहा है. इसमें बिजली बोर्ड के कर्मचारियों को भी आंकड़े में शामिल किया गया है लेकिन हिमाचल पावर इंजीनियर्स एसोसिएशन के मुताबिक बिजली बोर्ड कर्मचारियों को अभी तक ओपीएस के लाभों से वंचित रखा गया है.

ऐसे में सरकार के इस आंकड़े पर भी सवाल उठ रहे हैं. वहीं, सीएम सुक्खू को लिखी गई चिट्ठी में कहा गया है कि नवगठित ऊर्जा निगमों में भर्ती किए गए कर्मचारियों व इंजीनियरों की पुरानी पेंशन एकतरफा समाप्त कर दी गई है.

इसके अलावा विभिन्न प्रांतों में अनबंडलिंग के बाद भर्ती किए गए कर्मियों को एनपीएस में स्थानांतरित किया गया है. ऐसे में विद्युत अधिनियम 2003 में कहीं पर भी विद्युत बोर्ड के अनबंडलिंग के बाद भर्ती किए गए विद्युत कर्मचारियों को पुरानी पेंशन नहीं देने का कोई उल्लेख नहीं है. चिट्ठी में लिखा गया है कि प्रदेश में ओल्ड पेंशन स्कीम को लेकर कोई एकरूपता नहीं है. राज्य के तहत कई विभागों ओपीएस को लागू किया गया है. वहीं, कहीं पर कर्मचारियों को एनपीएस के तहत रखा गया है.

विसंगतियां होंगी पैदा

सीएम को लिखे गए पत्र में चेताया गया है कि हाल ही में राजस्थान, छत्तीसगढ़ और झारखंड की सरकारों ने ऊर्जा निगमों में कार्यरत सभी कर्मचारियों और इंजीनियरों के लिए पुरानी पेंशन स्कीम को लागू किया है. वहीं केंद्र सरकार भी एनपीएस के तहत काम कर रहे केंद्रीय कर्मचारियों के लिए पेंशन प्रणाली में बदलाव करने जा रही है.

इस तरह से अगर प्रदेश में भी पावर सेक्टर में कार्य कर कर्मचारियों को एक समान प्रणाली लागू नहीं की गई तो इससे विसंगतियां पैदा हो सकती हैं. ऐसे में हिमाचल पावर इंजीनियर्स एसोसिएशन (एचपीईए) के अध्यक्ष लोकेश ठाकुर ने सीएम सुक्खू से प्रदेश में सभी विभागों में एकरूपता लाने को कहा है. इसके अलावा बिजली बोर्ड में सेवाएं दे रहे सभी कर्मचारियों और इंजीनियरों को भी पुरानी पेंशन स्कीम को लागू करने की मांग की है.

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