शिमला: हिमाचल प्रदेश विधानसभा में सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने 17 फरवरी को वित्त वर्ष 2024-25 के लिए बजट पेश किया. इस दौरान सीएम सुक्खू ने विभिन्न वर्गों के तहत कर्मचारियों और जनप्रतिनिधियों के मानदेय में बढ़ोतरी की है. वहीं, अब एसएमसी अध्यापकों ने सुक्खू सरकार द्वारा पेश किए गए बजट पर विरोध जताया.
एसएमसी अध्यापक निर्मल ठाकुर ने बताया कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू द्वारा जो बजट पेश किया गया, इसमें एसएमसी अध्यापकों के मानदेय में सिर्फ 1900 रुपए की मासिक बढ़ोतरी की गई है. यह उनके साथ मजाक है. एसएमसी शिक्षकों का कहना है कि वे नियमितीकरण की मांग को लेकर 27 तारीख से निरंतर क्रमिक अनशन पर बैठे हैं और 8 तारिक से निरंतर पेन डाउन स्ट्राइक पर हैं. बच्चों की परीक्षा अगले सप्ताह से शुरू होगी. बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो गई है. हजारों स्कूलों में परीक्षा करवाने के लिए अध्यापक नहीं है, लेकिन सरकार अब भी गंभीर नहीं है. अब 19 फरवरी से एसएमसी अध्यापक पूरी तरह से कक्षाओं का बहिष्कार करेंगे और स्कूल नहीं जाएंगे. उन्होंने कहा कि 19 फरवरी को सभी अध्यापक अपने परिवार समेत विधानसभा के बाहर प्रदर्शन करेंगे और इतने कम मानदेय बढ़ोतरी का विरोध करेंगे.
नियमितीकरण के विपरीत मात्र ₹1900 का करेंगे विरोध
एसएमसी अध्यापकों का कहना है कि शिक्षा मंत्री ने हमें 12 फरवरी को बुलाया था. उन्होंने हमें ये आश्वासन दिया था की कैबिनेट सब कमेटी द्वारा फाइनल रिपोर्ट तैयार कर ली गई है. जो 14 फरवरी को कैबिनेट मीटिंग में लाई जाएगी, जो कि कैबिनेट कैबिनेट मीटिंग को देखने को नहीं मिला. उन्होंने कहा कि उन लोगों को उम्मीद थी 17 फरवरी को बजट में उनकी मांगें मानी जाएंगी, लेकिन सरकार ने ₹1900 मानदेय बढ़ाकर मजाक किया है. जिससे एसएमसी अध्यापकों में भारी आक्रोश है. जिसका प्रभाव बच्चों पर पड़ रहा है और इसका असर आने वाले समय में देखने को मिलेगा.