शिमला: हिमाचल सरकार द्वारा ट्रेजरी को बंद करने पर नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में सरकार की नाकामियों की वजह से अराजकता की स्थिति उत्पन्न हो गई है. इससे बड़ा दुर्भाग्य क्या होगा कि पिछले दो महीने से प्रदेश की ट्रेजरी अघोषित रूप से बंद है, लोग सरकार से अपने पैसे भी वापस नहीं पा रहे हैं. ट्रेजरी से हर प्रकार के भुगतान रुके हैं, जिसकी वजह से प्रदेश का नुकसान हो रहा है.
जयराम ठाकुर ने कहा कि हिमाचल में आज तक ऐसी स्थिति कभी नहीं आई की इस प्रकार से अघोषित रूप से ट्रेजरी बंद करनी पड़ी हो और आम आदमियों से लेकर तमाम सेवाओं के वेंडर्स के भुगतान रुके पड़े हो. आज तक प्रदेश में ऐसी स्थिति नहीं आई की एसेंशियल दवाओं की सप्लाई भी दवा सप्लायरों ने रोक दी हो.
पूर्व सीएम जयराम ठाकुर ने कहा, "व्यवस्था परिवर्तन के नाम पर हिमाचल प्रदेश में सुक्खू सरकार वह सारे काम कर रही है, जो एक नाकाम सरकार की निशानी होती है. इतनी नाकामी के साथ प्रदेश के लोगों को परेशान करने के बाद भी यह सरकार व्यवस्था परिवर्तन का हवाला देकर वाहवाही लूटना चाहती है. सुक्खू सरकार व्यवस्था पतन की सरकार है, जिसकी नाकामी की कीमत पूरे प्रदेश के लोग चुका रहे हैं".
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि इस समय पूरा प्रदेश सरकार की वजह से परेशानी उठा रहा है. विकास के काम ठप पड़े हैं. स्कूल जैसे संस्थान बंद किए जा रहे हैं. सार्वजनिक वितरण प्रणाली को सरकार बर्बाद करने पर आमादा है. सुख की सरकार में स्वास्थ्य व्यवस्था का जिस प्रकार बेड़ागर्क हुआ है, वह पूरे प्रदेश से छुपा नहीं है. दवाइयों के पैसे मांगते-मांगते दवा सप्लायरों ने दवाओं की सप्लाई भी अस्पताल में बंद कर दी है.
उन्होंने आरोप लगाए कि हिमकेयर के भुगतान रोके जाने की वजह से प्रदेशवासियों को मिलने वाले नि:शुल्क इलाज का रास्ता सरकार बंद कर चुकी है. प्रदेश में जहां भी जाओ लोग सरकार की नाकामी का हवाला दे रहे हैं. सरकार के पास पड़े लोगों के अपने पैसे भी सरकार नहीं दे पा रही है. अस्पतालों में दवाई नहीं है और न ही कर्मचारियों के इलाज के बिल पास हो रहे हैं. ऐसी स्थिति प्रदेश में कभी नहीं आई जब लोगों का सरकार से भरोसा उठ गया हो.
जयराम ठाकुर ने कहा कि इस प्रकार से ट्रेजरी को अघोषित रूप से बंद करके प्रदेश के विकास कार्यों को कैसे गति दी जा सकती है? सरकार को इसके परिणाम के बारे में सोचना चाहिए. अगर ट्रेजरी बंद होगी तो प्रदेश का काम प्रभावी तरीके से कैसे चलेगा. जिस तरह यह सरकार चल रही है, उससे प्रदेश का भला होने वाला नहीं है. सरकार को चुनाव में किए गए वादों की याद दिला रहा है. झूठी गारंटियों के दम पर आई कांग्रेस ने अब गारंटियों से किनारा ही कर लिया है.
मुख्यमंत्री से निवेदन है कि वह इस तरह की गैर जिम्मेदारी से बचें और लोगों की समस्याओं को समझते हुए ट्रेजरी पर लगाया गया पहरा हटाएं. लोगों के बिलों का भुगतान रोककर इस तरह उन्हें परेशान करना सरकार का काम नहीं है. सरकार व्यवस्था परिवर्तन के नाम पर अराजकता फैलाना बंद करे.