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जिला अदालतों में मुकदमों की धीमी सुनवाई पर हाईकोर्ट गंभीर, डिस्ट्रिक्ट जज से मांगी रिपोर्ट - High Court on Pending Cases

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : 2 hours ago

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रयागराज की जिला अदालत में मुकदमों की सुनवाई में हो रही देरी पर चिंता जताई है. अदालत ने कहा कि यह निराशाजनक स्थिति है. प्रथम दृष्टया जिला जज का कामकाज अव्यव​स्थित है.

Photo Credit- ETV Bharat
इलाहाबाद हाईकोर्ट का आदेश (Photo Credit- ETV Bharat)

प्रयागराज: हाईकोर्ट ने इलाहाबाद की जिला अदालत में मुकदमों की सुनवाई में हो रही देरी पर चिंता जताई है. कोर्ट ने कहा कि यह निराशाजनक स्थिति है. कोर्ट ने कहा कि प्रथम दृष्टया जिला जज का कामकाज अव्यव​स्थित है. अशफाक नाम के अभियुक्त की जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति अजय भनोट ने कहा कि ऐसा लगता है कि अदालतें लंबे समय से जेल में रह रहे विचाराधीन कैदियों के प्रति बेपरवाह हैं.

कोर्ट ने जिला जज इलाहाबाद एक नई रिपोर्ट प्रस्तुत कर स्पष्टीकरण देने के लिए कहा है कि आदेशों के बावजूद मुकदमे में क्यों देरी हो रही है. अशफाक पर धूमनगंज थाने में हत्या व अन्य मामलों में मुकदमा दर्ज है. उसने हाईकोर्ट में जमानत के लिए अर्जी दाखिल की. याची के वकील ने कोर्ट को बताया कि आरोपी जुलाई 2019 से जेल में है और एक भी गवाह का बयान अभी दर्ज नहीं है. इस पर कोर्ट ने कहा कि यह अदालत बार-बार यह महसूस कर रही है कि इलाहाबाद में मुकदमे बेहद धीमी गति से चल रहे हैं. इस संबंध में न्यायालय ने पहले भी आदेश पारित किए, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ.

इसके पहले कोर्ट ने इलाहाबाद के जिला न्यायाधीश से इस मामले को देखने और जिन मामलों में आरोपी लंबे समय से जेल में हैं, उनकी सुनवाई में तेजी लाने के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी मांगी थी. 17 सितंबर को हाईकोर्ट ने जिला जज की ओर से ट्रायल में देरी को लेकर भेजे गए स्पष्टीकरण को खारिज कर दिया था.

कोर्ट ने कहा कि गवाहों की उपस्थिति सुनिश्चित के लिए कठोर उपाय करने में ट्रायल कोर्ट की विफलता का सही जवाब नहीं दिया गया है. 25 सितंबर को अदालत को फिर से सूचित किया गया कि अभी तक किसी भी गवाह से पूछताछ नहीं की गई है. इस पर कोर्ट ने ताजा रिपोर्ट मांगी है.

ये भी पढ़ें- शर्मनाक: सोनभद्र में आदिवासी युवक को पहले बेरहमी से पीटा फिर चेहरे पर किया पेशाब - Shameful incident in Sonbhadra

प्रयागराज: हाईकोर्ट ने इलाहाबाद की जिला अदालत में मुकदमों की सुनवाई में हो रही देरी पर चिंता जताई है. कोर्ट ने कहा कि यह निराशाजनक स्थिति है. कोर्ट ने कहा कि प्रथम दृष्टया जिला जज का कामकाज अव्यव​स्थित है. अशफाक नाम के अभियुक्त की जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति अजय भनोट ने कहा कि ऐसा लगता है कि अदालतें लंबे समय से जेल में रह रहे विचाराधीन कैदियों के प्रति बेपरवाह हैं.

कोर्ट ने जिला जज इलाहाबाद एक नई रिपोर्ट प्रस्तुत कर स्पष्टीकरण देने के लिए कहा है कि आदेशों के बावजूद मुकदमे में क्यों देरी हो रही है. अशफाक पर धूमनगंज थाने में हत्या व अन्य मामलों में मुकदमा दर्ज है. उसने हाईकोर्ट में जमानत के लिए अर्जी दाखिल की. याची के वकील ने कोर्ट को बताया कि आरोपी जुलाई 2019 से जेल में है और एक भी गवाह का बयान अभी दर्ज नहीं है. इस पर कोर्ट ने कहा कि यह अदालत बार-बार यह महसूस कर रही है कि इलाहाबाद में मुकदमे बेहद धीमी गति से चल रहे हैं. इस संबंध में न्यायालय ने पहले भी आदेश पारित किए, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ.

इसके पहले कोर्ट ने इलाहाबाद के जिला न्यायाधीश से इस मामले को देखने और जिन मामलों में आरोपी लंबे समय से जेल में हैं, उनकी सुनवाई में तेजी लाने के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी मांगी थी. 17 सितंबर को हाईकोर्ट ने जिला जज की ओर से ट्रायल में देरी को लेकर भेजे गए स्पष्टीकरण को खारिज कर दिया था.

कोर्ट ने कहा कि गवाहों की उपस्थिति सुनिश्चित के लिए कठोर उपाय करने में ट्रायल कोर्ट की विफलता का सही जवाब नहीं दिया गया है. 25 सितंबर को अदालत को फिर से सूचित किया गया कि अभी तक किसी भी गवाह से पूछताछ नहीं की गई है. इस पर कोर्ट ने ताजा रिपोर्ट मांगी है.

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