प्रयागराज: हाईकोर्ट ने इलाहाबाद की जिला अदालत में मुकदमों की सुनवाई में हो रही देरी पर चिंता जताई है. कोर्ट ने कहा कि यह निराशाजनक स्थिति है. कोर्ट ने कहा कि प्रथम दृष्टया जिला जज का कामकाज अव्यवस्थित है. अशफाक नाम के अभियुक्त की जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति अजय भनोट ने कहा कि ऐसा लगता है कि अदालतें लंबे समय से जेल में रह रहे विचाराधीन कैदियों के प्रति बेपरवाह हैं.
कोर्ट ने जिला जज इलाहाबाद एक नई रिपोर्ट प्रस्तुत कर स्पष्टीकरण देने के लिए कहा है कि आदेशों के बावजूद मुकदमे में क्यों देरी हो रही है. अशफाक पर धूमनगंज थाने में हत्या व अन्य मामलों में मुकदमा दर्ज है. उसने हाईकोर्ट में जमानत के लिए अर्जी दाखिल की. याची के वकील ने कोर्ट को बताया कि आरोपी जुलाई 2019 से जेल में है और एक भी गवाह का बयान अभी दर्ज नहीं है. इस पर कोर्ट ने कहा कि यह अदालत बार-बार यह महसूस कर रही है कि इलाहाबाद में मुकदमे बेहद धीमी गति से चल रहे हैं. इस संबंध में न्यायालय ने पहले भी आदेश पारित किए, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ.
इसके पहले कोर्ट ने इलाहाबाद के जिला न्यायाधीश से इस मामले को देखने और जिन मामलों में आरोपी लंबे समय से जेल में हैं, उनकी सुनवाई में तेजी लाने के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी मांगी थी. 17 सितंबर को हाईकोर्ट ने जिला जज की ओर से ट्रायल में देरी को लेकर भेजे गए स्पष्टीकरण को खारिज कर दिया था.
कोर्ट ने कहा कि गवाहों की उपस्थिति सुनिश्चित के लिए कठोर उपाय करने में ट्रायल कोर्ट की विफलता का सही जवाब नहीं दिया गया है. 25 सितंबर को अदालत को फिर से सूचित किया गया कि अभी तक किसी भी गवाह से पूछताछ नहीं की गई है. इस पर कोर्ट ने ताजा रिपोर्ट मांगी है.
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