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HC ने दिए आदेश, बंदरों और कुत्तों के आतंक मामले में बनाई जाए स्टेटस रिपोर्ट - Monkey and Dogs problem

Status report in Monkey and Dogs problem: हिमाचल की राजधानी शिमला में पूरे प्रदेश में बंदरों और कुत्तों का आतंक सबसे ज्यादा है. प्रदेश हाईकोर्ट ने वन विभाग और नगर निगम शिमला से बंदरों और कुत्तों के आतंक को नियंत्रित करने के लिए उपाय संबंधि स्टेटस रिपोर्ट मांगी है.

Monkey and Dogs problem
कुत्तों और बंदरों की समस्या (ETV Bharat फाइल फोटो)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Jul 1, 2024, 10:19 PM IST

शिमला: प्रदेश हाईकोर्ट ने वन विभाग और नगर निगम शिमला से बंदरों और कुत्तों के आतंक को नियंत्रित करने के उपाय संबंधी स्टेटस रिपोर्ट दायर करने के आदेश दिए. कोर्ट ने इनके आतंक से प्रदेशवासियों को निजात दिलाने के लिए शिमला नगर निगम और वन विभाग को एनीमल वेलफेयर बोर्ड और वेटरनरी एंड एनिमल साइंसेज के कॉलेजों के साथ सलाह मशवरा कर स्टेटस रिपोर्ट तैयार करने के आदेश दिए.

मुख्य न्यायाधीश एमएस रामचंद्र राव और न्यायाधीश सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने नगर निगम शिमला से उम्मीद जताई है कि वह शहरवासियों को इस आतंक से छुटकारा दिलाने के लिए जल्द से जल्द कारगर कदम उठाए जाएंगे.

कोर्ट ने वन विभाग और नगर निगम को आपसी तालमेल बिठाकर पशु चिकित्सा शाखा वाले पालमपुर कृषि विश्वविद्यालय द्वारा सुझाए जाने वाले उपायों पर विचार करने के पश्चात इस समस्या से निजात दिलाने के आदेश दिए थे.

उल्लेखनीय है कि प्रदेश में बंदर और कुत्ते प्राचीन समय से हैं और इनके उत्पात और आतंक की वजह से अब प्रदेश के नागरिकों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. हाईकोर्ट ने प्रदेश भर के शहरों और ग्रामीण इलाकों में बंदरों के उत्पात और आवारा कुत्तों के आतंक से बचाव से जुड़े मुद्दों को लेकर लंबित जनहित याचिकाओं में केन्द्र सरकार के स्वामित्व वाले पशु कल्याण बोर्ड को पक्षकार बनाया था.

बता दें कि हिमाचल की राजधानी शिमला में पूरे प्रदेश में बंदरों का आतंक सबसे ज्यादा है. यहां ग्रामीण क्षेत्रों में बंदर किसानों व बागवानों की फसलों को नुकसान पहुंचाते हैं. वहीं, शिमला शहरी क्षेत्र में बंदर लोगों को बहुत तंग करते हैं. शिमला में मंकी बाइट के मामले भी सामने आते रहते हैं. हाल ही में अभी कुछ समय पहले शिमला शहर के ढांडा में एक बच्ची ने बंदरों के डर से छत से छलांग लगा दी थी जिससे उसकी मौत हो गई थी.

ये भी पढ़ें: मंडी में टैक्सी चालक को बनाया था मारने का प्लान, घाघस के पास उतारा मौत के घाट

शिमला: प्रदेश हाईकोर्ट ने वन विभाग और नगर निगम शिमला से बंदरों और कुत्तों के आतंक को नियंत्रित करने के उपाय संबंधी स्टेटस रिपोर्ट दायर करने के आदेश दिए. कोर्ट ने इनके आतंक से प्रदेशवासियों को निजात दिलाने के लिए शिमला नगर निगम और वन विभाग को एनीमल वेलफेयर बोर्ड और वेटरनरी एंड एनिमल साइंसेज के कॉलेजों के साथ सलाह मशवरा कर स्टेटस रिपोर्ट तैयार करने के आदेश दिए.

मुख्य न्यायाधीश एमएस रामचंद्र राव और न्यायाधीश सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने नगर निगम शिमला से उम्मीद जताई है कि वह शहरवासियों को इस आतंक से छुटकारा दिलाने के लिए जल्द से जल्द कारगर कदम उठाए जाएंगे.

कोर्ट ने वन विभाग और नगर निगम को आपसी तालमेल बिठाकर पशु चिकित्सा शाखा वाले पालमपुर कृषि विश्वविद्यालय द्वारा सुझाए जाने वाले उपायों पर विचार करने के पश्चात इस समस्या से निजात दिलाने के आदेश दिए थे.

उल्लेखनीय है कि प्रदेश में बंदर और कुत्ते प्राचीन समय से हैं और इनके उत्पात और आतंक की वजह से अब प्रदेश के नागरिकों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. हाईकोर्ट ने प्रदेश भर के शहरों और ग्रामीण इलाकों में बंदरों के उत्पात और आवारा कुत्तों के आतंक से बचाव से जुड़े मुद्दों को लेकर लंबित जनहित याचिकाओं में केन्द्र सरकार के स्वामित्व वाले पशु कल्याण बोर्ड को पक्षकार बनाया था.

बता दें कि हिमाचल की राजधानी शिमला में पूरे प्रदेश में बंदरों का आतंक सबसे ज्यादा है. यहां ग्रामीण क्षेत्रों में बंदर किसानों व बागवानों की फसलों को नुकसान पहुंचाते हैं. वहीं, शिमला शहरी क्षेत्र में बंदर लोगों को बहुत तंग करते हैं. शिमला में मंकी बाइट के मामले भी सामने आते रहते हैं. हाल ही में अभी कुछ समय पहले शिमला शहर के ढांडा में एक बच्ची ने बंदरों के डर से छत से छलांग लगा दी थी जिससे उसकी मौत हो गई थी.

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