ETV Bharat / state

हाईकोर्ट का आदेश- परीक्षाओं में नकल से व्यक्ति ही नहीं पूरे समाज का नुकसान, यूपी कांस्टेबल भर्ती में नकल के आरोपी की जमानत खारिज - Allahabad High Court News

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि सरकारी नौकरी के लिए होने वाली परीक्षाओं में नकल से सिर्फ किसी एक व्यक्ति का ही नहीं, पूरे समाज का नुकसान होता है. नकल करने कराने में शामिल लोगों से सख्ती से निपटा जाना चाहिए.

हाईकोर्ट का आदेश
हाईकोर्ट का आदेश (Photo Credit; ETV Bharat)
author img

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Aug 2, 2024, 9:34 PM IST

प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि सरकारी नौकरी के लिए होने वाली परीक्षाओं में नकल से सिर्फ किसी एक व्यक्ति का ही नहीं, पूरे समाज का नुकसान होता है. नकल करने कराने में शामिल लोगों से सख्ती से निपटा जाना चाहिए. नकल से योग्यता और समान अवसर के सिद्धांत कमजोर होते हैं. उन युवाओं का नुकसान होता है, जो अपनी योग्यता पर भरोसा करते हुए कड़ी मेहनत करते हैं. न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल ने यह टिप्पणी करते हुए यूपी कांस्टेबल भर्ती परीक्षा में गड़बड़ी करने के आरोपी अमित कुमार की जमानत अर्जी नामंजूर कर दी है.

शिकोहाबाद के पीआरटी सरस्वती इंटर कॉलेज में 17 फरवरी 2024 को कांस्टेबल चयन के लिए यूपी पुलिस भर्ती बोर्ड की ओर से परीक्षा आयोजित की गई थी. इस दौरान सचिन यादव के स्थान पर अमित कुमार बैठकर परीक्षा देता मिला था. बायोमैट्रिक सत्यापन के दौरान वह पकड़ा गया. संबंधित थाने में धोखाधड़ी, यूपी सार्वजनिक परीक्षा अधिनियम व अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया. मुकदमा लंबित रहने के दौरान से उसने जमानत के लिए हाईकोर्ट में अर्ज़ी दाखिल की.

आरोपी के वकील ने कहा कि उसे झूठे मामले में फंसाया गया है. 17 फरवरी 2024 से वह जेल में बंद है. उसका कोई आपराधिक इतिहास नहीं है. जमानत देने पर वह दुरुपयोग नहीं करेगा. वहीं अपर शासकीय अधिवक्ता ने जमानत का विरोध किया. कोर्ट ने जमानत नामंजूर करते हुए कहा कि सरकारी परीक्षाओं में गड़बड़ी करने वालों से सख्ती से निपटा जाना चाहिए.

यह भी पढ़ें : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा- वैवाहिक विवादों में अदालतों का व्यवहारिक नजरिया अपनाना जरूरी

प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि सरकारी नौकरी के लिए होने वाली परीक्षाओं में नकल से सिर्फ किसी एक व्यक्ति का ही नहीं, पूरे समाज का नुकसान होता है. नकल करने कराने में शामिल लोगों से सख्ती से निपटा जाना चाहिए. नकल से योग्यता और समान अवसर के सिद्धांत कमजोर होते हैं. उन युवाओं का नुकसान होता है, जो अपनी योग्यता पर भरोसा करते हुए कड़ी मेहनत करते हैं. न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल ने यह टिप्पणी करते हुए यूपी कांस्टेबल भर्ती परीक्षा में गड़बड़ी करने के आरोपी अमित कुमार की जमानत अर्जी नामंजूर कर दी है.

शिकोहाबाद के पीआरटी सरस्वती इंटर कॉलेज में 17 फरवरी 2024 को कांस्टेबल चयन के लिए यूपी पुलिस भर्ती बोर्ड की ओर से परीक्षा आयोजित की गई थी. इस दौरान सचिन यादव के स्थान पर अमित कुमार बैठकर परीक्षा देता मिला था. बायोमैट्रिक सत्यापन के दौरान वह पकड़ा गया. संबंधित थाने में धोखाधड़ी, यूपी सार्वजनिक परीक्षा अधिनियम व अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया. मुकदमा लंबित रहने के दौरान से उसने जमानत के लिए हाईकोर्ट में अर्ज़ी दाखिल की.

आरोपी के वकील ने कहा कि उसे झूठे मामले में फंसाया गया है. 17 फरवरी 2024 से वह जेल में बंद है. उसका कोई आपराधिक इतिहास नहीं है. जमानत देने पर वह दुरुपयोग नहीं करेगा. वहीं अपर शासकीय अधिवक्ता ने जमानत का विरोध किया. कोर्ट ने जमानत नामंजूर करते हुए कहा कि सरकारी परीक्षाओं में गड़बड़ी करने वालों से सख्ती से निपटा जाना चाहिए.

यह भी पढ़ें : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा- वैवाहिक विवादों में अदालतों का व्यवहारिक नजरिया अपनाना जरूरी

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.