पटना: पटना हाईकोर्ट के जस्टिस विवेक चौधरी ने आठ ट्रैवल एजेंसियों की आपराधिक रिट पर सुनवाई की. सुनवाई में पटना जंक्शन परिसर के बाहर आरपीएफ को ट्रैवल एजेंसी के दफ्तर में छापेमारी को अवैध बताया और सभी आपराधिक मामले को रद्द कर दिया. पटना हाईकोर्ट ने कहा कि आरपीएफ आईआरसीटीसी को शिकायत कर सकता हैं. आईआरसीटीसी को शिकायत पर कार्रवाई करने का अधिकार है.
पटना हाईकोर्ट में सुनवाई: पटना कोर्ट ने यात्री परिसर का विस्तृत व्याख्या करते हुए कहा कि रेलवे प्लेटफार्म, ट्रैन और रेलवे यार्ड में ही आरपीएफ किसी को पकड़ सकती हैं. इसके बाहर आरपीएफ को कार्रवाई करने का कोई अधिकार नहीं है. कोर्ट ने सभी पक्षों की ओर से दी गई दलील को सुनने के बाद अपने 21 पन्ने के फैसले में कहा कि रेलवे स्टेशन परिसर के बाहर आरपीएफ को कार्रवाई करने का कोई अधिकार नहीं है.
'RPF करे IRCTC को शिकायत': पटना हाईकोर्ट ने कहा कि ट्रैवल्स एजेंसी को आईआरसीटीसी टिकट देने का लाइसेंस देती है. ऐसे में ट्रैवल्स एजेंसी टिकट का कालाबाजारी करती हैं तो उसकी शिकायत आईआरसीटीसी से की जानी चाहिए. शिकायत पर आईआरसीटीसी कार्रवाई करेगी न कि आरपीएफ. ट्रेवल्स एजेंसियों के अधिवक्ता प्रशान्त कश्यप ने कोर्ट को बताया कि पटना जंक्शन के बाहर अवस्थित ट्रेवल्स एजेंसियों के दफ्तर में आरपीएफ छापेमारी कर कम्प्यूटर, लैपटॉप नगद राशि सहित अन्य कागजात को जब्त कर लिया.
आरपीएफ गिरफ्तार कर सीधे जेल भेज देती हैं: अधिवक्ता ने बताया कि आरपीएफ दफ्तर में मौजूद लोग को पकड़ कर जेल भेज देते हैं,जबकि कानून के तहत सात वर्ष से कम सजा वाले अपराध में पुलिस को थाने से ही जमानत दे देना है. आरपीएफ गिरफ्तार कर सीधे जेल भेज देती हैं. उनका कहना था कि तब तो स्टेशन परिसर के बाहर हाई कोर्ट स्थित रेलवे रिजर्वेशन काउंटर भी आरपीएफ के क्षेत्राधिकार में आ जायेगा.
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