पटना: भागलपुर के तिलकामांझी शाखा के एलआईसीकर्मी नीरज कुमार सिंह द्वारा अपनी पत्नी को छोड़ दूसरी महिला के शादी करने के मामले पटना हाईकोर्ट ने सुनवाई की. पटना हाईकोर्ट ने जस्टिस पीबी बजनथ्री की खंडपीठ ने नीरज कुमार सिंह की अपील को खारिज कर दिया. हाईकोर्ट ने कहा पहली शादी की फोटो और शादी कराने वाले पुजारी के गवाह को हम माना और पति नीरज कुमार को एक लाख रुपए का बतौर मुकदमा खर्च देने का आदेश दिया.
छह माह के अंदर करना होगा भुगतान: न्यायाधीश पीबी बजनथ्री की खंडपीठ ने भागलपुर के तिलकामांझी निवासी नीरज कुमार सिंह की अपील को खारिज कर दी. कोर्ट ने अपीलकर्ता को पहली पत्नी के साथ अपने वैवाहिक संबंध को बहाल करने का निर्देश दिया था. जिसे उसने शादी के दो वर्ष बाद ही छोड़ दिया था. खंडपीठ ने कहा कि नीरज ने बिना किसी उचित कारण के पहली पत्नी को छोड़ दिया और इसलिए वह इस निर्णय की तारीख से छह महीने के भीतर मुकदमे की लागत की राशि का भुगतान करने का आदेश दिया.
क्या है मामला: बता दें कि एलआईसीकर्मी ने अपनी सहकर्मी के साथ काम करते प्यार हुआ और घरवालों से छुपकर हिन्दू रीति रिवाज से शादी कर ली, लेकिन अपीलार्थी ने दहेज के लालच में दो साल बाद पत्नी को छोड़कर कर दूसरी शादी कर ली. पटना हाईकोर्ट ने परित्यकता पत्नी को दापंत्य जीवन में वापस लाने का निर्देश दिया. पटना हाईकोर्ट ने नीरज कुमार सिंह की अपील को खारिज करते हुए यह फैसला पहली पत्नी के पक्ष में निर्णय सुनाया है.
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