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हरियाणा में पराली जलाने पर होगी FIR, सरकार का नया फरमान जारी

फसलों में आग लगाने वाले किसानों के लिए सरकार और जिला प्रशासन में नया फरमान जारी कर दिया है. अब तुरंत होगी कार्रवाई.

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By ETV Bharat Haryana Team

Published : 3 hours ago

Haryana new law on stubble
Haryana new law on stubble (Etv Bharat)

कुरुक्षेत्र: हरियाणा में धान फसल अवशेष में आग लगाने के मामलों को रोकने के लिए जिला प्रशासन और सरकार ने अब किसानों के लिए नया फरमान जारी कर दिया है. जिससे किसान फसल अवशेष में आग न लगाकर उसका प्रबंध करें. उपायुक्त राजेश जोगपाल ने कहा कि खेतों में पराली जलाने की घटना में किसान या किसी भी व्यक्ति की संलिप्तता पाई गई, तो संबंधित के खिलाफ तुरंत FIR दर्ज की जाएगी.

57 किसानों पर केस दर्ज: उन्होंने यह भी कहा कि जिस किसान के फार्म में रेड एंट्री दर्ज होगी. उस किसान की आगामी सीजन में मंडियों में एमएसपी पर फसल भी नहीं खरीदी जाएगी. अब तक जिला कुरुक्षेत्र में सैटेलाइट से आई हुई आगजनी की घटनाओं में से 57 किसानों पर 1 लाख 42 हजार 500 जुर्माना लगाया जा चुका है. तथा अब तक 11 किसानों के फार्म रिकॉर्ड में रेड एंट्री दर्ज की जा चुकी है. तथा 46 किसानों के फार्म रिकॉर्ड में एंट्री करने बारे राजस्व अधिकारी को निर्देश दिए गए हैं.

आगजनी की घटनाओं में नजर रखेगी टीम: उपायुक्त राजेश जोगपाल ने कहा कि जिले में कहीं पर भी खेतों में पराली न जले इसके लिए विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से जागरूक करने का काम किया गया है. इतना ही नहीं आगजनी की घटनाओं की मॉनिटरिंग के लिए संबंधित उप मण्डल अधिकारी (नागरिक) की अध्यक्षता में उप मण्डल वाईज टीमें भी गठित की गई है. जिसमें तहसीलदार, खण्ड विकास एवं पंचायत अधिकारी, उप मण्डल अधिकारी (पंचायती राज), सम्बन्धित थाना प्रभारी एवं कृषि विभाग के अधिकारी शामिल है. सभी 417 गांव के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किए गए है व सभी खण्ड स्तरों पर 4 सदस्यीय अधिकारियों की टीमों का गठन करते हुए आगजनी की घटनाओं पर नजर रखी जा रही है.

खेतों में पहुंचकर होगी कार्रवाई: उपायुक्त राजेश जोगपाल ने कहा कि सेटेलाइट के माध्यम से भी सीधी निगरानी रखी जा रही है. यदि कोई किसान अपने खेतों में पराली में आग लगाता है, तो तुरंत इसकी सूचना सेटेलाइट के माध्यम से अधिकारियों के पास पहुंच जाती है. जिसपर अधिकारी खेतों में पहुंच कर कार्रवाई कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि नियुक्त किए गए अधिकारियों को कार्रवाई के लिए सख्त दिशा-निर्देश दिए गए है. ताकि पर्यावरण दूषित होने से बच सके.

इस नंबर पर दे सकते हैं आगजनी की सूचना: किसानों की भूमि की उपजाऊ शक्ति नष्ट न हो, मित्र कीटों को नुकसान न पहुंचे, राजमार्गों पर होने वाली दुर्घटनाओं से बचा जा सके तथा भविष्य में बच्चों व आमजन के स्वास्थ्य पर प्रभाव ना पहुंचे. इसके लिए एनजीटी ने दिशा निर्देश जारी कर पराली में आग ना लगाने बारे आदेश जारी किए गए हैं. उन्होंने बताया कि कोई भी किसान पराली में आगजनी की सूचना पुलिस हेल्पलाइन न. 112 पर भी दे सकता है ताकि मामले में त्वरित कार्रवाई की जा सके.

ये भी पढ़ें: हरियाणा का अनोखा जिला, जहां पराली सिरदर्द नहीं बल्कि मुनाफे का सौदा, जानिए कैसे

ये भी पढ़ें: 'जहरीली' हुई हरियाणा की हवा, तीन जिलों में खतरे के निशान से ऊपर पहुंचा वायु प्रदूषण, जानें अपने शहर का हाल

कुरुक्षेत्र: हरियाणा में धान फसल अवशेष में आग लगाने के मामलों को रोकने के लिए जिला प्रशासन और सरकार ने अब किसानों के लिए नया फरमान जारी कर दिया है. जिससे किसान फसल अवशेष में आग न लगाकर उसका प्रबंध करें. उपायुक्त राजेश जोगपाल ने कहा कि खेतों में पराली जलाने की घटना में किसान या किसी भी व्यक्ति की संलिप्तता पाई गई, तो संबंधित के खिलाफ तुरंत FIR दर्ज की जाएगी.

57 किसानों पर केस दर्ज: उन्होंने यह भी कहा कि जिस किसान के फार्म में रेड एंट्री दर्ज होगी. उस किसान की आगामी सीजन में मंडियों में एमएसपी पर फसल भी नहीं खरीदी जाएगी. अब तक जिला कुरुक्षेत्र में सैटेलाइट से आई हुई आगजनी की घटनाओं में से 57 किसानों पर 1 लाख 42 हजार 500 जुर्माना लगाया जा चुका है. तथा अब तक 11 किसानों के फार्म रिकॉर्ड में रेड एंट्री दर्ज की जा चुकी है. तथा 46 किसानों के फार्म रिकॉर्ड में एंट्री करने बारे राजस्व अधिकारी को निर्देश दिए गए हैं.

आगजनी की घटनाओं में नजर रखेगी टीम: उपायुक्त राजेश जोगपाल ने कहा कि जिले में कहीं पर भी खेतों में पराली न जले इसके लिए विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से जागरूक करने का काम किया गया है. इतना ही नहीं आगजनी की घटनाओं की मॉनिटरिंग के लिए संबंधित उप मण्डल अधिकारी (नागरिक) की अध्यक्षता में उप मण्डल वाईज टीमें भी गठित की गई है. जिसमें तहसीलदार, खण्ड विकास एवं पंचायत अधिकारी, उप मण्डल अधिकारी (पंचायती राज), सम्बन्धित थाना प्रभारी एवं कृषि विभाग के अधिकारी शामिल है. सभी 417 गांव के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किए गए है व सभी खण्ड स्तरों पर 4 सदस्यीय अधिकारियों की टीमों का गठन करते हुए आगजनी की घटनाओं पर नजर रखी जा रही है.

खेतों में पहुंचकर होगी कार्रवाई: उपायुक्त राजेश जोगपाल ने कहा कि सेटेलाइट के माध्यम से भी सीधी निगरानी रखी जा रही है. यदि कोई किसान अपने खेतों में पराली में आग लगाता है, तो तुरंत इसकी सूचना सेटेलाइट के माध्यम से अधिकारियों के पास पहुंच जाती है. जिसपर अधिकारी खेतों में पहुंच कर कार्रवाई कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि नियुक्त किए गए अधिकारियों को कार्रवाई के लिए सख्त दिशा-निर्देश दिए गए है. ताकि पर्यावरण दूषित होने से बच सके.

इस नंबर पर दे सकते हैं आगजनी की सूचना: किसानों की भूमि की उपजाऊ शक्ति नष्ट न हो, मित्र कीटों को नुकसान न पहुंचे, राजमार्गों पर होने वाली दुर्घटनाओं से बचा जा सके तथा भविष्य में बच्चों व आमजन के स्वास्थ्य पर प्रभाव ना पहुंचे. इसके लिए एनजीटी ने दिशा निर्देश जारी कर पराली में आग ना लगाने बारे आदेश जारी किए गए हैं. उन्होंने बताया कि कोई भी किसान पराली में आगजनी की सूचना पुलिस हेल्पलाइन न. 112 पर भी दे सकता है ताकि मामले में त्वरित कार्रवाई की जा सके.

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