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हरदा विस्फोट के चश्मदीद से सुनिए, कितने लोगों की रजिस्टर में आज थी आखिरी हाजिरी

Harda Firecracker Factory Explosion: हरदा के पटाखा फैक्ट्री में हुआ विस्फोट इतना तेज था कि शहर कांप उठा. धमाके के चलते कई आसपास के कई घर, नर्सरी और दूसरे स्थान भी इसकी चपेट में आए. वहीं हर बार की तरह एक बार फिर प्रशासन ने जांच कमेटी गठित कर दी है.

harda firecracker factory explosion
हरदा विस्फोट के चश्मदीद से सुनिए
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Feb 6, 2024, 6:54 PM IST

हरदा विस्फोट के चश्मदीद से सुनिए

भोपाल। हरदा में फटाखा फैक्ट्री में लगी आग आखिर पेटलावद का सिक्वल क्यों बनी. क्या जांच एजेसियां बिठाया जाना, हर बार की औपचारिकता है. दोषियों को कड़ी कार्रवाई के बयान क्या केवल फौरी एक्शन होते हैं. अगर वाकई सख्ती होती है, तो इसी फैक्टी में ये आग लगने का दूसरा मौका बताया जा रहा है. किसकी शह पर अवैध पटाखा फैक्ट्री चलाने वाले राजू अग्रवाल जैसे लोग शह पाते हैं. प्रत्यक्षदर्शी से जानिए कितने लोग पटाखा फैक्ट्री में मौजूद थे. वो कौन लोग थे जिनकी रजिस्ट्रर में आखिरी हाजिरी आज दर्ज हुई. वो कौन शख्स था, जिसने इस घटना की पहली वीडियो बनाई और धमाका इतना बड़ा था कि वीडियो बनाने वाला भी घायल हो गया.

पेटलावद के बाद हरदा, कार्रवाई सबक कब बनेगी

इसके पहले एमपी पेटलावद में इसी तरह से अवैध फैक्ट्री में आग और मौतें देख चुका है. क्या उस घटना को सबक नहीं बन जाना चाहिए था. ऐसी अवैध फैक्ट्रियों पर अगर समय रहते ही कार्रवाई हो गई होती तो क्या मुमकिन था कि हरदा में इस तादात में मासूम लोगों को घायल होना और मारा जाना. क्या जांच कमेटियां दोषियों को कड़ी सजा दी जाएगी. ये इतने रस्मन होते हैं कि किसी हादसे के बाद बुखार की तरह उतर जाते हैं. कमेटी इस बार भी बनी है. कब तक जांच रिपोर्ट आएगी कब दोषियों को सजा सुनाई जाएगी इसका इंतजार कीजिए. इंतजार नए हादसे तक जितना लंबा भी हो सकता है.

जिला प्रशासन जाग जाता तो टल जाता हादसा

ऐसा नहीं कि ये अवैध फैकट्री अचानक लोगों की निगाह में आई हो. हरदा के आस पास ही पटाखे की कई अवैध फैक्ट्रियां चल रही है. इनके बारे में जिला प्रशासन को आम लोग कई बार शिकायत दर्ज करा चुके हैं, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई. केवल मामला इस पैक्ट्री के मालिक राजू अग्रवाल का ही नहीं है. सोए रहे प्रशासन की भी जवाबदारी है. इस बार भी घटना की जांच लोकर 6 सदस्यीय टीम गठित कर दी गई है, लेकिन क्या जांच के साथ ऐसा एक्शन हो पाएगा कि हरदा की घटना दोहराई ना जा सके.

चश्मदीद से सुनिए हादसे के वक्त कितने लोग फैक्ट्री में थे

इस पूरी घटना के चश्मदीद शिव राजपूत ने ईटीवी भारत को बताया कि 'घटना के समय करीब 80 लोग फैक्ट्री के अंदर मौजूद थे. असल में फैक्ट्री मे नियुक्त गार्ड जो ठीक घटना के समय ही बाहर चाय लेने आया था. उसका कहना था कि उसने ही रजिस्टर में अस्सी लोगों की हाजिरी दर्ज की थी. उनकी एंट्री कराई थी. केवल जो फैक्ट्री में थे, उन्हीं की जान गई या घायल हुए हों ऐसा नहीं है. शिव बताते हैं कि धमाका इतना बड़ा था कि पास की नर्सरी में काम कर रहे लोग भी घायल हुए हैं. शिव ने बताया कि 14 शव तो उन्होंने मर्चुरी मे देखे हैं. ये आंकड़ा अभी और बढ़ सकता है. उन्होंने कहा कि धमाके की वजह से जो आस पास बड़े-बड़े पत्थर उछले उससे भी लोग घायल हुए और मौतें हुई हैं.

यहां पढ़ें...

घटना का पहला वीडियो बनाने वाला भी बुरी तरह घायल

जिस नौजवान ने इस विस्फोट का वीडियो बनाया था, बताया जा रहा है कि वीडियो बनाने के दौरान ही वो धमाके में उछले पत्थरों की वजह से बुरी तरह से घायल हो गया.

हरदा विस्फोट के चश्मदीद से सुनिए

भोपाल। हरदा में फटाखा फैक्ट्री में लगी आग आखिर पेटलावद का सिक्वल क्यों बनी. क्या जांच एजेसियां बिठाया जाना, हर बार की औपचारिकता है. दोषियों को कड़ी कार्रवाई के बयान क्या केवल फौरी एक्शन होते हैं. अगर वाकई सख्ती होती है, तो इसी फैक्टी में ये आग लगने का दूसरा मौका बताया जा रहा है. किसकी शह पर अवैध पटाखा फैक्ट्री चलाने वाले राजू अग्रवाल जैसे लोग शह पाते हैं. प्रत्यक्षदर्शी से जानिए कितने लोग पटाखा फैक्ट्री में मौजूद थे. वो कौन लोग थे जिनकी रजिस्ट्रर में आखिरी हाजिरी आज दर्ज हुई. वो कौन शख्स था, जिसने इस घटना की पहली वीडियो बनाई और धमाका इतना बड़ा था कि वीडियो बनाने वाला भी घायल हो गया.

पेटलावद के बाद हरदा, कार्रवाई सबक कब बनेगी

इसके पहले एमपी पेटलावद में इसी तरह से अवैध फैक्ट्री में आग और मौतें देख चुका है. क्या उस घटना को सबक नहीं बन जाना चाहिए था. ऐसी अवैध फैक्ट्रियों पर अगर समय रहते ही कार्रवाई हो गई होती तो क्या मुमकिन था कि हरदा में इस तादात में मासूम लोगों को घायल होना और मारा जाना. क्या जांच कमेटियां दोषियों को कड़ी सजा दी जाएगी. ये इतने रस्मन होते हैं कि किसी हादसे के बाद बुखार की तरह उतर जाते हैं. कमेटी इस बार भी बनी है. कब तक जांच रिपोर्ट आएगी कब दोषियों को सजा सुनाई जाएगी इसका इंतजार कीजिए. इंतजार नए हादसे तक जितना लंबा भी हो सकता है.

जिला प्रशासन जाग जाता तो टल जाता हादसा

ऐसा नहीं कि ये अवैध फैकट्री अचानक लोगों की निगाह में आई हो. हरदा के आस पास ही पटाखे की कई अवैध फैक्ट्रियां चल रही है. इनके बारे में जिला प्रशासन को आम लोग कई बार शिकायत दर्ज करा चुके हैं, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई. केवल मामला इस पैक्ट्री के मालिक राजू अग्रवाल का ही नहीं है. सोए रहे प्रशासन की भी जवाबदारी है. इस बार भी घटना की जांच लोकर 6 सदस्यीय टीम गठित कर दी गई है, लेकिन क्या जांच के साथ ऐसा एक्शन हो पाएगा कि हरदा की घटना दोहराई ना जा सके.

चश्मदीद से सुनिए हादसे के वक्त कितने लोग फैक्ट्री में थे

इस पूरी घटना के चश्मदीद शिव राजपूत ने ईटीवी भारत को बताया कि 'घटना के समय करीब 80 लोग फैक्ट्री के अंदर मौजूद थे. असल में फैक्ट्री मे नियुक्त गार्ड जो ठीक घटना के समय ही बाहर चाय लेने आया था. उसका कहना था कि उसने ही रजिस्टर में अस्सी लोगों की हाजिरी दर्ज की थी. उनकी एंट्री कराई थी. केवल जो फैक्ट्री में थे, उन्हीं की जान गई या घायल हुए हों ऐसा नहीं है. शिव बताते हैं कि धमाका इतना बड़ा था कि पास की नर्सरी में काम कर रहे लोग भी घायल हुए हैं. शिव ने बताया कि 14 शव तो उन्होंने मर्चुरी मे देखे हैं. ये आंकड़ा अभी और बढ़ सकता है. उन्होंने कहा कि धमाके की वजह से जो आस पास बड़े-बड़े पत्थर उछले उससे भी लोग घायल हुए और मौतें हुई हैं.

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घटना का पहला वीडियो बनाने वाला भी बुरी तरह घायल

जिस नौजवान ने इस विस्फोट का वीडियो बनाया था, बताया जा रहा है कि वीडियो बनाने के दौरान ही वो धमाके में उछले पत्थरों की वजह से बुरी तरह से घायल हो गया.

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