कुचामनसिटी. नागौर लोकसभा सीट पर चुनाव परिणाम आ गया है. इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार हनुमान बेनीवाल ने जीत दर्ज कर ली है. हनुमान ने बीजेपी प्रत्याशी ज्योति मिर्धा को हराया है. बेनीवाल ने मिर्धा को 41215 मतों से हराया. इस लोकसभा चुनाव में नागौर लोकसभा सीट पर मुकाबला दिलचस्प रहा. बेनीवाल दूसरी बार लोकसभा सांसद बने हैं.
लोकसभा में फिर गूंजेगी बेनीवाल की दहाड़: बेनीवाल लगातार दूसरी बार लोकसभा सांसद बने हैं. अब एक बार फिर लोकसभा में बेनीवाल की दहाड़ गूंजेगी. पिछले कार्यकाल के दौरान बेनीवाल 3 साल तक भाजपा के साथ रहे, लेकिन बाद में केंद्र सरकार की ओर से तीन कृषि कानून लाए जाने के बाद भाजपा के साथ गठबंधन तोड़ दिया था. इस बार लोकसभा चुनाव से ठीक पहले बेनीवाल की राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के साथ कांग्रेस ने गठबंधन कर लिया था. पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा सहित कांग्रेस के कई विधायकों ने बेनीवाल के समर्थन में प्रचार-प्रसार किया था.
मायरा शब्द के सवाल पर हनुमान बेनीवाल ने कहा कि अभी वोटों से मायरा भर दिया और जब उनके परिवार में काम होगा, तो नोटों से भी मायरा भर देंगे. बेनीवाल ने सीएम भजनलाल शर्मा पर तंज कसते हुए कहा कि ये पहले पार्टी कार्यालय में खाने की व्यवस्था देखते थे. मैंने पहले भी कहा था कि चुनाव परिणाम के बाद उन्हें वहीं काम करना है. बता दें कि यहां बेनीवाल और मिर्धा के अलावा बसपा के गजेंद्र सिंह राठौड़, अभिनव राजस्थान पार्टी के डॉ अशोक चौधरी, राष्ट्रीय जनशक्ति पार्टी (सेकुलर) के हनुमान सिंह कालवी, निर्दलीय हरिराम, निर्दलीय प्रेमराज खारडिया, निर्दलीय अमीन खान, निर्दलीय राजकुमार जाट भी मैदान में थे.
ज्योति मिर्धा की लगातार चौथी हार: ज्योति मिर्धा की यह लगातार चौथी हार है. मिर्धा पूर्व में कांग्रेस के टिकट पर वर्ष 2009 में लोकसभा सांसद बनी थीं. इसके बाद वर्ष 2014 के चुनाव में मोदी लहर में मिर्धा भाजपा के सीआर चौधरी से हार गई थी. वर्ष 2019 के चुनाव में भी कांग्रेस प्रत्याशी रही ज्योति मिर्धा हनुमान बेनीवाल के सामने चुनाव हार गई थी. हाल ही में वे कांग्रेस का साथ छोड़कर भाजपा में शामिल हो गई. बीजेपी ने मिर्धा को नागौर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ाया, लेकिन वे कांग्रेस प्रत्याशी से हार गईं. इस बार वे भाजपा की तरफ से लड़ीं, लेकिन एक बार फिर हार का सामना करना पड़ा.