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ग्वालियर हाईकोर्ट: 'स्टेट्स सिंबल नहीं है सरकारी सुरक्षा, भाजपा नेताओं को करना होगा ढाई करोड़ का भुगतान' - Gwalior High Court Decision

Gwalior High Court Decision : हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने भाजपा के दो नेताओं की याचिका को खारिज करते हुए ढाई करोड़ रुपये का भुगतान करने का आदेश दिया है. मामला अनावश्यक रूप से सरकारी सिक्योरिटी गार्ड अपने पास रखने से जुड़ा है.

Gwalior High Court
हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Mar 15, 2024, 9:31 PM IST

स्टेट्स सिंबल नहीं है सरकारी सुरक्षा-हाईकोर्ट

ग्वालियर। अनावश्यक रूप से सरकारी सिक्योरिटी लेने और उसे स्टेट्स सिंबल मानने को लेकर हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने सख्ती दिखाई है. ऐसी ही एक याचिका को खारिज करते हुए कोर्ट ने दोनों भाजपा नेताओं पर ढाई करोड़ रुपये की पेनाल्टी लगाई है. साथ ही डीजीपी को ऐसे मामलों में संज्ञान लेकर पॉलिसी निर्धारित करने के निर्देश भी कोर्ट ने दिए हैं.

याचिका खारिज, करना होगा ढाई करोड़ का भुगतान

ग्वालियर के भाजपा नेता संजय शर्मा और उनके भाई दिलीप शर्मा की याचिका को खारिज करते हुए हाईकोर्ट ने उन्हें तगड़ा झटका दिया है. हाईकोर्ट ने कहा है कि अनावश्यक रूप से सिक्योरिटी गार्ड अपने पास रखने और उसका भुगतान आरआई के पास जमा नहीं कराने के एवज में भाजपा नेता और उनके भाई को करीब ढाई करोड़ से ज्यादा की राशि जमा कराना होगी. शासन अपने स्तर पर यह राशि भाजपा नेताओं से वसूल सकता है.

'सुरक्षा उपलब्ध कराने के तय हों मानक'

हाईकोर्ट ने अपने आदेश में यह भी कहा कि "शासन द्वारा सुरक्षा गार्ड उपलब्ध कराने के लिए मानक तय होना चाहिए, क्योंकि अधिकांश लोग स्टेट्स सिंबल के रूप में किसी न किसी तरह से सरकारी खामियों का लाभ उठाते हुए सुरक्षा प्राप्त कर लेते हैं". कोर्ट ने डीजीपी को मामले में संज्ञान लेकर पॉलिसी निर्धारित करने के निर्देश दिए हैं.

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high court penalty bjp leaders
भाजपा नेताओं को सरकारी सिक्योरिटी गार्ड लेने पर करना होगा ढाई करोड़ का भुगतान

भाजपा नेताओं ने ली थी सरकारी सिक्योरिटी

भाजपा नेता संजय शर्मा और उनके भाई दिलीप शर्मा ने 2012 में हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की थी जिसमें उन्होंने कहा था कि उनके परिवार में एक व्यक्ति की हत्या हुई है वह अपने आप को असुरक्षित महसूस करते हैं. इस कारण उन्हें सुरक्षा दी जाए और कोर्ट में गवाही के समय भी यह सुरक्षा उनके साथ रहे. दोनों भाइयों की सुरक्षा 2012 से जुलाई 2018 तक रही है. दोनों के साथ दो-दो पुलिस सुरक्षाकर्मियों के अलावा घर पर एक चार का गार्ड भी तैनात रहता था.खास बात यह है कि यह मामला काफी पहले खत्म भी हो चुका है इसलिए हाईकोर्ट ने भाजपा नेता संजय शर्मा की याचिका को खारिज करते हुए उन पर यह पेनल्टी इंपोज की है.

स्टेट्स सिंबल नहीं है सरकारी सुरक्षा-हाईकोर्ट

ग्वालियर। अनावश्यक रूप से सरकारी सिक्योरिटी लेने और उसे स्टेट्स सिंबल मानने को लेकर हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने सख्ती दिखाई है. ऐसी ही एक याचिका को खारिज करते हुए कोर्ट ने दोनों भाजपा नेताओं पर ढाई करोड़ रुपये की पेनाल्टी लगाई है. साथ ही डीजीपी को ऐसे मामलों में संज्ञान लेकर पॉलिसी निर्धारित करने के निर्देश भी कोर्ट ने दिए हैं.

याचिका खारिज, करना होगा ढाई करोड़ का भुगतान

ग्वालियर के भाजपा नेता संजय शर्मा और उनके भाई दिलीप शर्मा की याचिका को खारिज करते हुए हाईकोर्ट ने उन्हें तगड़ा झटका दिया है. हाईकोर्ट ने कहा है कि अनावश्यक रूप से सिक्योरिटी गार्ड अपने पास रखने और उसका भुगतान आरआई के पास जमा नहीं कराने के एवज में भाजपा नेता और उनके भाई को करीब ढाई करोड़ से ज्यादा की राशि जमा कराना होगी. शासन अपने स्तर पर यह राशि भाजपा नेताओं से वसूल सकता है.

'सुरक्षा उपलब्ध कराने के तय हों मानक'

हाईकोर्ट ने अपने आदेश में यह भी कहा कि "शासन द्वारा सुरक्षा गार्ड उपलब्ध कराने के लिए मानक तय होना चाहिए, क्योंकि अधिकांश लोग स्टेट्स सिंबल के रूप में किसी न किसी तरह से सरकारी खामियों का लाभ उठाते हुए सुरक्षा प्राप्त कर लेते हैं". कोर्ट ने डीजीपी को मामले में संज्ञान लेकर पॉलिसी निर्धारित करने के निर्देश दिए हैं.

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भाजपा नेताओं ने ली थी सरकारी सिक्योरिटी

भाजपा नेता संजय शर्मा और उनके भाई दिलीप शर्मा ने 2012 में हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की थी जिसमें उन्होंने कहा था कि उनके परिवार में एक व्यक्ति की हत्या हुई है वह अपने आप को असुरक्षित महसूस करते हैं. इस कारण उन्हें सुरक्षा दी जाए और कोर्ट में गवाही के समय भी यह सुरक्षा उनके साथ रहे. दोनों भाइयों की सुरक्षा 2012 से जुलाई 2018 तक रही है. दोनों के साथ दो-दो पुलिस सुरक्षाकर्मियों के अलावा घर पर एक चार का गार्ड भी तैनात रहता था.खास बात यह है कि यह मामला काफी पहले खत्म भी हो चुका है इसलिए हाईकोर्ट ने भाजपा नेता संजय शर्मा की याचिका को खारिज करते हुए उन पर यह पेनल्टी इंपोज की है.

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