ग्वालियर: सीमा सुरक्षा बल यानी बीएसएफ में आरक्षक जनरल ड्यूटी की ट्रेनिंग लेने आए 9 युवकों के असली कागजातों की खोजबीन के लिए पुलिस प्रदेश के मुरैना सहित राजस्थान के धौलपुर और यूपी गई. जहां से उसने इन संदिग्धों के दस्तावेज अपने कब्जे में लिए हैं. इसके साथ ही नियुक्ति पत्र जारी करने वाले शहर रायपुर भी एक टीम पुलिस की रवाना हुई है. बताया जा रहा है कि फर्जीवाडे़ का यह नेटवर्क मध्य प्रदेश सहित उत्तर प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ तक फैला हुआ है. पूरे मामले की छानबीन के लिए एसपी ने एसआईटी का गठन कर दिया है.
एग्जाम में बैठे थे सॉल्वर, अफसरों ने पकड़ा
गौरतलब है कि 5 दिन पहले बीएसएफ अकादमी के टेकनपुर स्थित ट्रेनिंग सेंटर में प्रशिक्षण लेने आए 9 संदिग्ध युवकों को वहां मौजूद अफसरों ने पकड़ा था. इन लोगों के फोटो और हस्ताक्षर सहित दस्तावेजों में अंतर पाया गया था. पुलिस के मुताबिक जो लोग यहां ज्वाइनिंग देने आए थे. वह परीक्षा में शामिल नहीं हुए थे. उनकी जगह सॉल्वर एक्जाम में बैठे थे. इसमें मध्य प्रदेश के अलावा उत्तर प्रदेश और राजस्थान के भी युवक शामिल हैं.
SIT ने जब्त किए दस्तावेज
पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए विशेष जांच दल यानी एसआईटी का गठन किया है. एसआईटी के कर्मचारियों ने छात्रों के ठिकानों पर जाकर उनके मूल दस्तावेज जब्त किए हैं. इसके अलावा आरक्षक जनरल ड्यूटी की परीक्षा आयोजित करने वाले रायपुर में भी पुलिस की एक टीम जांच पड़ताल के लिए भेजी गई है. जो लोग फर्जी तरीके से बीएसएफ के टेकनपुर स्थित ट्रेनिंग सेंटर में पहुंचे थे. उनमें आगरा का पवन गुर्जर, अलीगढ़ का संदीप कुमार, राजाखेड़ा का संदीप सिंह, फतेहाबाद का दलवीर सिंह, मुरैना का रामदास सिंह, अजय राजावत, आकाश सिंह शिकोहाबाद, अनिल कुमार सिंह मुरैना, परविंदर सिंह धौलपुर शामिल है.
बढ़ सकती है आरोपियों की संख्या
पुलिस का कहना है कि गिरफ्तार लोगों को इस परीक्षा में शामिल करने वाले दलालों और अन्य लोगों की भूमिका को देखते हुए इस मामले में आरोपियों की संख्या लगभग दोगुनी हो सकती है. फिलहाल यह सभी आरोपी बिलौआ पुलिस की रिमांड पर हैं. उनकी रिमांड मंगलवार को खत्म होगी.