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Rising Rajasthan : राजस्थानी अंदाज में किया जाएगा पावणों का स्वागत, खरीदारी करने पर नो प्रॉफिट-नो लॉस का डिस्काउंट

राइजिंग राजस्थान में आने वाले इन्वेस्टर्स को लुभाने के लिए उनके स्वागत-सत्कार पर फोकस किया गया है. इसमें जयपुर के व्यापारियों की भूमिका अहम होगी.

पावणों का स्वागत
पावणों का स्वागत (ETV Bharat (Symbolic))
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Nov 13, 2024, 7:29 AM IST

जयपुर : राइजिंग राजस्थान में आने वाले पावणों का स्वागत इलायची-सुपारी खिलाकर, साफा और दुपट्टा पहनाकर राजस्थानी अंदाज में किया जाएगा. साथ ही यहां खरीदारी करने वाले देसी-विदेशी इन्वेस्टर्स को नो प्रॉफिट-नो लॉस के आधार पर डिस्काउंट दिया जाएगा. इसके साथ ही जयपुर के सभी बाजारों में पावणों को राजस्थानी संस्कृति की झलक भी देखने को मिलेगी.

नो लॉस नो प्रॉफिट डिस्काउंट : जयपुर व्यापार महासंघ के अध्यक्ष सुभाष गोयल ने बताया कि राइजिंग राजस्थान से व्यापार बढ़ेगा. कृषि और शिक्षा क्षेत्र में रोजगार के अवसर मिलेंगे. राइजिंग राजस्थान से राजस्थान का तो विकास होगा ही, उद्योग और व्यापार भी बढ़ेगा. व्यापारियों में भी खुशी है कि जयपुर में राइजिंग राजस्थान का आयोजन हो रहा है. ऐसे में जयपुर आने वाले पावणों का स्वागत करने के लिए जयपुर के डेढ़ लाख व्यापारी तैयार हैं. यहां उन्हें विरासत के साथ-साथ नयापन भी देखने को मिलेगा. राजस्थानी परंपरा से उनका स्वागत किया जाएगा. इत्र-इलायची, दुपट्टा-साफा और फूलों के साथ स्वागत किया जाएगा. जहां से वो शॉपिंग करेंगे. वहां नो लॉस नो प्रॉफिट डिस्काउंट दिया जाएगा. राइजिंग राजस्थान से यहां के मूर्ति, ज्वेलरी, ठठेरा, कठपुतली, जूतियां, चूड़ियां जैसे लघु उद्योग पनपेंगे.

पढ़ें. आईटी एवं स्टार्टअप प्री-समिट में 43 कंपनियों के साथ 6052 करोड़ के एमओयू हुए

फॉर्मेलिटी बनकर रह जाएगा प्रोग्राम : वहीं, जोहरी बाजार व्यापार मंडल के अध्यक्ष कैलाश मित्तल ने कहा कि 9 से 11 दिसंबर तक राजस्थान के लिए बाहर से मेहमान आ रहे हैं. उनका किस तरह स्वागत करना है, इसकी रूपरेखा तैयार कर ली गई है. उन्हें जयपुर शहर को दिखाया जाएगा. राजस्थान की संस्कृति के अनुसार उनका स्वागत किया जाएगा, लेकिन इससे पहले जयपुर के बाजारों के जीर्णोद्धार की जरूरत है. इसके साथ ही परकोटे में अस्थाई अतिक्रमण बड़ी चुनौती है. ई-रिक्शा को लेकर के कई बार मीटिंग हो चुकी है. कई बार प्लान तैयार किए जा चुके हैं, लेकिन अब तक ई-रिक्शा की समस्या पर प्रशासन ने आंखें मूंद रखी है. इसके अलावा पार्किंग व्यवस्था भी एक बड़ा चैलेंज है. इस परिस्थिति में किसी तरह का इन्वेस्टमेंट नहीं आएगा और ये प्रोग्राम एक फॉर्मेलिटी बनकर रह जाएगा.

पढे़ं. राइजिंग राजस्थान इन्वेस्टमेंट में बीकानेर में होंगे 30520 करोड़ रुपए के एमओयू, हजारों लोगों को मिलेगा रोजगार

हालांकि, व्यापारियों की इस शिकायत पर संज्ञान लेते हुए अस्थाई अतिक्रमण पर कार्रवाई का दौर शुरू किया गया है. इस संबंध में महापौर कुसुम यादव ने कहा कि हमारे यहां उद्योग में जबरदस्त क्रांति आने वाली है. युवाओं को रोजगार मिलने वाला है. सभी व्यापार मंडलों से आग्रह किया है कि जो भी पावणे आ रहे हैं, उनका राजस्थान के कल्चर के हिसाब से स्वागत किया जाए. व्यापारियों ने आश्वस्त किया है कि जितने भी पावणे आएंगे उनका पुष्प वर्षा करके, सुपारी खिलाकर, साफा-दुपट्टा पहनाकर स्वागत किया जाएगा. वो मानती हैं कि व्यापार जगत में यदि क्रांति आ रही है तो जयपुर के सभी नागरिकों को स्वागत करना चाहिए. उन्होंने कहा कि व्यापारियों ने अपनी जो पीड़ा रखी है उसके अनुसार ई-रिक्शा पर तो कार्रवाई करनी ही चाहिए. इन पर सख्ती भी की जाएगी और जो निगम की पार्किंग में मनमानी करने, अनियमितता रखने वाले ठेकेदारों का ठेका भी निरस्त किया जाएगा.

जयपुर : राइजिंग राजस्थान में आने वाले पावणों का स्वागत इलायची-सुपारी खिलाकर, साफा और दुपट्टा पहनाकर राजस्थानी अंदाज में किया जाएगा. साथ ही यहां खरीदारी करने वाले देसी-विदेशी इन्वेस्टर्स को नो प्रॉफिट-नो लॉस के आधार पर डिस्काउंट दिया जाएगा. इसके साथ ही जयपुर के सभी बाजारों में पावणों को राजस्थानी संस्कृति की झलक भी देखने को मिलेगी.

नो लॉस नो प्रॉफिट डिस्काउंट : जयपुर व्यापार महासंघ के अध्यक्ष सुभाष गोयल ने बताया कि राइजिंग राजस्थान से व्यापार बढ़ेगा. कृषि और शिक्षा क्षेत्र में रोजगार के अवसर मिलेंगे. राइजिंग राजस्थान से राजस्थान का तो विकास होगा ही, उद्योग और व्यापार भी बढ़ेगा. व्यापारियों में भी खुशी है कि जयपुर में राइजिंग राजस्थान का आयोजन हो रहा है. ऐसे में जयपुर आने वाले पावणों का स्वागत करने के लिए जयपुर के डेढ़ लाख व्यापारी तैयार हैं. यहां उन्हें विरासत के साथ-साथ नयापन भी देखने को मिलेगा. राजस्थानी परंपरा से उनका स्वागत किया जाएगा. इत्र-इलायची, दुपट्टा-साफा और फूलों के साथ स्वागत किया जाएगा. जहां से वो शॉपिंग करेंगे. वहां नो लॉस नो प्रॉफिट डिस्काउंट दिया जाएगा. राइजिंग राजस्थान से यहां के मूर्ति, ज्वेलरी, ठठेरा, कठपुतली, जूतियां, चूड़ियां जैसे लघु उद्योग पनपेंगे.

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फॉर्मेलिटी बनकर रह जाएगा प्रोग्राम : वहीं, जोहरी बाजार व्यापार मंडल के अध्यक्ष कैलाश मित्तल ने कहा कि 9 से 11 दिसंबर तक राजस्थान के लिए बाहर से मेहमान आ रहे हैं. उनका किस तरह स्वागत करना है, इसकी रूपरेखा तैयार कर ली गई है. उन्हें जयपुर शहर को दिखाया जाएगा. राजस्थान की संस्कृति के अनुसार उनका स्वागत किया जाएगा, लेकिन इससे पहले जयपुर के बाजारों के जीर्णोद्धार की जरूरत है. इसके साथ ही परकोटे में अस्थाई अतिक्रमण बड़ी चुनौती है. ई-रिक्शा को लेकर के कई बार मीटिंग हो चुकी है. कई बार प्लान तैयार किए जा चुके हैं, लेकिन अब तक ई-रिक्शा की समस्या पर प्रशासन ने आंखें मूंद रखी है. इसके अलावा पार्किंग व्यवस्था भी एक बड़ा चैलेंज है. इस परिस्थिति में किसी तरह का इन्वेस्टमेंट नहीं आएगा और ये प्रोग्राम एक फॉर्मेलिटी बनकर रह जाएगा.

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हालांकि, व्यापारियों की इस शिकायत पर संज्ञान लेते हुए अस्थाई अतिक्रमण पर कार्रवाई का दौर शुरू किया गया है. इस संबंध में महापौर कुसुम यादव ने कहा कि हमारे यहां उद्योग में जबरदस्त क्रांति आने वाली है. युवाओं को रोजगार मिलने वाला है. सभी व्यापार मंडलों से आग्रह किया है कि जो भी पावणे आ रहे हैं, उनका राजस्थान के कल्चर के हिसाब से स्वागत किया जाए. व्यापारियों ने आश्वस्त किया है कि जितने भी पावणे आएंगे उनका पुष्प वर्षा करके, सुपारी खिलाकर, साफा-दुपट्टा पहनाकर स्वागत किया जाएगा. वो मानती हैं कि व्यापार जगत में यदि क्रांति आ रही है तो जयपुर के सभी नागरिकों को स्वागत करना चाहिए. उन्होंने कहा कि व्यापारियों ने अपनी जो पीड़ा रखी है उसके अनुसार ई-रिक्शा पर तो कार्रवाई करनी ही चाहिए. इन पर सख्ती भी की जाएगी और जो निगम की पार्किंग में मनमानी करने, अनियमितता रखने वाले ठेकेदारों का ठेका भी निरस्त किया जाएगा.

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