उदयपुर. दुनिया में अपनी खूबसूरती के लिए मशहूर झीलों की नगरी उदयपुर को सोमवार को एक नई सौगात मिली, जहां एक ओर देशभर में भगवान श्रीराम की प्राण-प्रतिष्ठा को लेकर उत्साह का माहौल है, तो वहीं दूसरी ओर उदयपुर में दोहरी खुशी देखने को मिली. झीलों की नगरी उदयपुर में दूसरे रोप-वे की शुरुआत हुई. असम के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया ने पूजा-अर्चना के बाद नीमच माता रोप-वे का फीता काटकर शुभारंभ किया. इस रोप-वे से भक्त अब आसानी से नीमच माता के दर्शन का लाभ ले सकेंगे.
उदयपुर को मिली सौगात : जिला कलेक्टर अरविंद कुमार पोसवाल ने बताया कि झीलों की नगरी उदयपुर में पर्यटन को बढ़ावा देने और श्रद्धालुओं की सुविधा के मद्देनजर जिला प्रशासन और उदयपुर विकास प्राधिकरण की ओर से नीमच माता मंदिर तक रोप-वे का निर्माण किया गया है, जिसका लोकार्पण गुलाबचंद कटारिया ने किया. यह प्राकृतिक सौंदर्य, झील दर्शन और देव दर्शन का अनूठा संगम होगा. फतहसागर झील उदयपुर में एक विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है, जहां साल भर देशी-विदेशी पर्यटकों का आवागमन रहता है. नीमच माता मंदिर उदयपुर शहर के प्रमुख धार्मिक एवं पर्यटक स्थलों में से एक है. पहाड़ी पर स्थित नीमच माता मंदिर शहरी आमजन के अतिरिक्त पर्यटकों की आस्था का स्थल है. विशेषकर नवरात्रि के पर्व पर मंदिर पर श्रद्धालुओं की संख्या काफी अधिक रहती है.
इनके लिए होगा सुविधाजनक : यह मंदिर पहाड़ी की चोटी पर स्थित होने के कारण केवल शारीरिक रूप से सक्षम श्रद्धालु ही मंदिर के दर्शन कर पाते थे, जबकि वरिष्ठ नागरिक, दिव्यांगजन दर्शन से वंचित रह जाते थे. इस रोप-वे के चलने से सबसे बड़ा फायदा बुजुर्गों, दिव्यांगजन एवं शारिरिक रूप से अक्षम लोगों को होगा ओर ये सुगमता से मंदिर में दर्शन कर सकेंगे.
3 मिनट का होगा सफर : नीमच माता मंदिर स्थल तक रोप-वे से सफर तीन मिनट में पूरा किया जाएगा. रोप-वे से मंदिर स्थल तक जाने और उतरते वक्त रोप-वे के मध्य में एक मिनट का ठहराव भी रखा गया है. रोप-वे का अपर टर्मिनल स्थल ऊंचाई पर होने एवं रोप-वे के मध्य में एक मिनट का ठहराव होने से शहरवासी और पर्यटक उदयपुर शहर के नैसर्गिक सौन्दर्य को भी निहार सकेंगे.