जयपुर. 22 जनवरी को नए भारत का निर्माण हुआ है. अयोध्या में राम मंदिर भारतीय संस्कृतिक राष्ट्रवाद का नया अध्याय है. ये कहना है प्रदेश के राज्यपाल कलराज मिश्र का. मिश्र बुधवार को डॉ. भीमराव अम्बेडकर विधि विश्वविद्यालय के दूसरे दीक्षांत समारोह में संबोधित कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने कानून की शिक्षा का अधिकाधिक भारतीयकरण किए जाने का भी आह्वान किया. साथ ही संविधान को गीता-कुरान जैसा पवित्र ग्रंथ बताया. इस दौरान राज्यपाल ने विधि विश्वविद्यालय में मैनपावर की कमी को जल्द दूर करने को लेकर भी आश्वस्त किया.
राज्यपाल ने दिया इन बातों पर जोर : भीमराव अंबेडकर विधि विश्वविद्यालय के दूसरे दीक्षांत समारोह में कानून के छात्रों को डिग्रियां बांटी गई. यहां एलएलएम, बीएएलएलबी और एलएलबी की 70 छात्राओं सहित सैकड़ों छात्रों को डिग्रियां दी गई. वहीं, दो छात्रों को स्वर्ण पदक व 20 छात्रों को मेरिट सर्टिफिकेट देते हुए राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि विधि विश्वविद्यालयों को चाहिए कि वो कानून की शिक्षा के अंतर्गत नागरिकों के समान अधिकारों के लिए कार्य करने के लिए छात्रों को तैयार करें. उन्होंने संसद में पारित तीन नए कानून भारतीय न्याय संहिता, भारतीय सक्षम अधिनियम और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की भी चर्चा की. साथ ही कहा कि ब्रिटिश काल के कानूनों की जगह इन कानूनों के आने से देश में विधिक क्षेत्र में बड़ा बदलाव हुआ है.
इसे भी पढ़ें - साइबर सुरक्षा हैकाथॉन का समापन, राज्यपाल कलराज मिश्र ने AI के सकारात्मक इस्तेमाल पर दिया जोर
संविधान के महत्व पर डाला प्रकाश : राज्यपाल ने डॉ. भीमराव अम्बेडकर को याद करते हुए कहा कि वह सिर्फ संविधान निर्माता ही नहीं, बल्कि बहुत बड़े विधिवेता रहे हैं. उनसे सीख लेते हुए विधि शिक्षा प्राप्त करने वाले छात्रों को अपनी शिक्षा का लाभ समाज के कमजोर, वंचित और न्याय के लिए संघर्षरत लोगों को देने के लिए भी तत्पर रहना चाहिए. इस दौरान उन्होंने छात्रों को दीक्षांत का भी वृहद अर्थ समझाया. साथ ही संविधान को गीता, कुरान, बाइबल जैसा पवित्र ग्रंथ बताते हुए कहा कि संविधान के 22 भागों में भारतीय सभ्यता संस्कृति से संबंधित राम, सीता, लक्ष्मण, कृष्ण, महावीर, बुद्ध से लेकर विक्रमादित्य और अकबर सभी को चित्रित किया है. इस दौरान राज्यपाल ने आश्वास्त किया कि विश्वविद्यालय में जल्द नियुक्ति की जाएगी, ताकि यहां बेहतर कार्य और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दी जा सके.
इस मौके पर मौजूद रहे उपमुख्यमंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा ने प्राचीन न्याय परंपरा की चर्चा करते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने न्याय व्यवस्था को नए आयाम दिए हैं. इस दौरान उन्होंने विधि विश्वविद्यालय में रिक्त पड़े पदों पर भारतीयों को लेकर कहा कि पूरी समीक्षा करके जिन भी विश्वविद्यालय-कॉलेज में पद रिक्त हैं, वहां रिक्रूटमेंट करेंगे. विद्या संबल योजना के तहत भी कुछ शिक्षक लगाए जाएंगे. हालांकि पूर्व में बीजेपी ने ही कांग्रेस सरकार की ओर से विद्या संबल योजना के तहत अस्थाई शिक्षकों को लगाने का विरोध भी किया था. जिस पर बैरवा ने कहा कि इन शिक्षकों को सिर्फ एक-दो घंटे पढ़ाई करने के लिए रखते हैं, उसका पेमेंट देते हैं. ये सिर्फ एक व्यवस्था का हिस्सा है.
इसे भी पढ़ें - आरयू का 78वां स्थापना दिवस समारोह, गवर्नर बोले- उच्च शिक्षा को और विकसित करने पर देना होगा जोर
छात्र संघ चुनाव पर बोले उपमुख्यमंत्री : वहीं, कांग्रेस शासनकाल में शुरू किए गए सरकारी कॉलेजों के पास अपना इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं होने के सवाल पर उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा ने कहा कि करीब 270 कॉलेज की इमारत निर्माणाधीन है. जल्द उनका उद्घाटन किया जाएगा. हालांकि, कुछ में विवाद हैं, जिन्हें दूर करने का प्रयास किया जा रहा है. इस दौरान उन्होंने छात्र संघ चुनाव शुरू करने को लेकर टका सा जवाब देते हुए कहा कि कांग्रेस ने ही छात्र संघ चुनाव को शुरू किया था और उन्होंने ही बंद कराया है.