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किशनगढ़ के CUR में शिक्षक दिवस कार्यक्रम में राज्यपाल बागड़े ने की शिरकत, बोले- शिक्षा ऋषियों का ऋण, हमें चुकाना है - Teachers Day 2024

किशनगढ़ के बांदरसिंदरी स्थित राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय में शिक्षक दिवस सम्मान समारोह में राज्यपाल हरिभाऊ किशनराव बागडे़ ने शिरकत की. इस दौरान उन्होंने शिक्षकों का सम्मान भी किया. साथ ही शिक्षक की महत्ता पर प्रकाश डाला.

CENTRAL UNIVERSITY OF RAJASTHAN
सेंट्रल यूनिवर्सिटी में शिक्षक दिवस समारोह (ETV Bharat kishangarh)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Sep 5, 2024, 8:31 PM IST

किशनगढ़: मार्बल सिटी किशनगढ़ के बांदरसिंदरी स्थित राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय में शिक्षक दिवस सम्मान समारोह आयोजित किया गया. कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे राज्यपाल हरिभाऊ किशनराव बागड़े ने कहा कि शिक्षा के रूप में हमें ऋषियों से ऋण मिला है. इसे चुकाना हम सभी का उत्तरदायित्व है.

उन्होंने 'आजादी के मतवाले' प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया. इसमें राष्ट्र के लिए अपना सर्वस्व त्याग करने वाले देशभक्तों के योगदान को प्रदर्शित किया गया था. उन्होंने कहा कि 1857 से लेकर 1947 तक करीब नब्बे साल का आजादी का इतिहास सभी को पढ़ना चाहिए. खुदीराम बोस और अनंत कान्हेरे की आयु 16 से 19 वर्ष की ही थी. इन्हें याद करके युवा पीढ़ी को राष्ट्रभक्ति की प्रेरणा लेनी चाहिए.

इसे भी पढ़ें : सम्मानित होने वाले टीचर्स की सूची से काटा नाम और किया निलंबित, विरोध में उतरे शिक्षकों ने किया प्रदर्शन - Teachers Protest in Jodhpur

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय मूल्यांकन और प्रत्यायन परिषद (एनएएसी) में राजस्थान केन्द्रीय विश्वविद्यालय का प्रदर्शन देखकर बहुत अच्छा अनुभव हुआ है. शिक्षक बच्चों के भविष्य का निर्माण करते हैं. वे हमारे प्रेरणा स्त्रोत हैं. पंडित दीनदयाल उपाध्याय कहा करते थे कि व्यष्टि और समष्टि को जोड़ने वाला प्रथम सूत्र शिक्षक है. वे शिक्षा को समाज की जननी मानते रहे हैं.

बख्तियार ने जला दिया था नालंदा : उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा में गुणवत्ता हमारी सर्वोच्छ प्राथमिकता होना चाहिए. किसी भी राष्ट्र के लिए वहां की उच्च शिक्षा समृद्ध सांस्कृतिक और वैज्ञानिक संपत्ति है. इससे विद्यार्थियों का व्यक्तिगत विकास ही नहीं होता बल्कि देश भी आर्थिक, तकनीकी और सामाजिक रूप में सुदृढ़ होता है. राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विकसित भारत 2047 के लिए कई लक्ष्य निर्धारित किए हैं. उनमें एक है देश के विश्वविद्यालयों में विदेश से भी विद्यार्थी पढ़ने के लिए आएं. बहुत पहले विदेशी विद्यार्थी नालंदा विश्वविद्यालय में पढ़ने के लिए आते थे. बख्तियार खिलजी ने नालंदा का भव्य दिव्य पुस्तकालय जला दिया. कईं महीनों तक वह जलता रहा. आज फिर से नालंदा विश्वविद्यालय का पुर्नजीवन प्रधानमंत्री मोदी ने किया है. शिक्षा में वही श्रेष्ठता हमें फिर से निर्मित करनी है.

इसे भी पढ़ें : सीएम भजनलाल ने अपने गुरु का किया सम्मान, स्कूल से जुड़ी यादों को किया साझा - CM Bhajanlal Honored His Teacher

व्यक्ति की प्रगति का श्रेय शिक्षक को : राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आनन्द भालेराव ने कहा कि भारत में प्राचीन समय से गुरु शिष्य परम्परा रही है. इसके माध्यम से मिले वेद, विज्ञान, कला, ज्योतिष एवं साहित्य के ज्ञान ने भारत को विश्व गुरु बनाया. कणाद की परमाणु संरचना, बौधायन की गणित, चरक की आयुर्वेद, सुश्रुत की शल्य चिकित्सा, वराहमिहिर की खगोल शास्त्र के विषय में की गई खोजों को सभी याद करते हैं. प्रत्येक व्यक्ति की प्रगति का श्रेय शिक्षक को जाता है.

इनका हुआ सम्मान : डॉ. नीरज गुप्ता ने कहा कि टीचर एक्सीलेंस अवार्ड की शुरुआत वर्ष 2023 में की गई थी. इस वर्ष भारत के 15 राज्यों से कई नामांकन प्राप्त हुए थे. प्रथम चरण में इनमें से 47 का चयन किया गया. द्वितीय चरण के बाद 12 शिक्षकों को अंतिम चयन के लिए चुना गया. इनमें से 4 शिक्षकों का सम्मान किया गया. आईआईटी रूड़की के प्रो. कौशिक पाल, आईआईटी दिल्ली के प्रो. कुमार नीरज झा, केन्द्रीय विश्वविद्यालय हरियाणा की डॉ. अनिता कुमारी और एमएनआईटी जयपुर की डॉ. निरजा सारस्वत को टीचर एक्सीलेंस अवार्ड से सम्मानित किया गया. कश्मीर केन्द्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. ए. रविन्द्र नाथ को विशेष रूप से सम्मानित किया गया.

किशनगढ़: मार्बल सिटी किशनगढ़ के बांदरसिंदरी स्थित राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय में शिक्षक दिवस सम्मान समारोह आयोजित किया गया. कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे राज्यपाल हरिभाऊ किशनराव बागड़े ने कहा कि शिक्षा के रूप में हमें ऋषियों से ऋण मिला है. इसे चुकाना हम सभी का उत्तरदायित्व है.

उन्होंने 'आजादी के मतवाले' प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया. इसमें राष्ट्र के लिए अपना सर्वस्व त्याग करने वाले देशभक्तों के योगदान को प्रदर्शित किया गया था. उन्होंने कहा कि 1857 से लेकर 1947 तक करीब नब्बे साल का आजादी का इतिहास सभी को पढ़ना चाहिए. खुदीराम बोस और अनंत कान्हेरे की आयु 16 से 19 वर्ष की ही थी. इन्हें याद करके युवा पीढ़ी को राष्ट्रभक्ति की प्रेरणा लेनी चाहिए.

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उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय मूल्यांकन और प्रत्यायन परिषद (एनएएसी) में राजस्थान केन्द्रीय विश्वविद्यालय का प्रदर्शन देखकर बहुत अच्छा अनुभव हुआ है. शिक्षक बच्चों के भविष्य का निर्माण करते हैं. वे हमारे प्रेरणा स्त्रोत हैं. पंडित दीनदयाल उपाध्याय कहा करते थे कि व्यष्टि और समष्टि को जोड़ने वाला प्रथम सूत्र शिक्षक है. वे शिक्षा को समाज की जननी मानते रहे हैं.

बख्तियार ने जला दिया था नालंदा : उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा में गुणवत्ता हमारी सर्वोच्छ प्राथमिकता होना चाहिए. किसी भी राष्ट्र के लिए वहां की उच्च शिक्षा समृद्ध सांस्कृतिक और वैज्ञानिक संपत्ति है. इससे विद्यार्थियों का व्यक्तिगत विकास ही नहीं होता बल्कि देश भी आर्थिक, तकनीकी और सामाजिक रूप में सुदृढ़ होता है. राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विकसित भारत 2047 के लिए कई लक्ष्य निर्धारित किए हैं. उनमें एक है देश के विश्वविद्यालयों में विदेश से भी विद्यार्थी पढ़ने के लिए आएं. बहुत पहले विदेशी विद्यार्थी नालंदा विश्वविद्यालय में पढ़ने के लिए आते थे. बख्तियार खिलजी ने नालंदा का भव्य दिव्य पुस्तकालय जला दिया. कईं महीनों तक वह जलता रहा. आज फिर से नालंदा विश्वविद्यालय का पुर्नजीवन प्रधानमंत्री मोदी ने किया है. शिक्षा में वही श्रेष्ठता हमें फिर से निर्मित करनी है.

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व्यक्ति की प्रगति का श्रेय शिक्षक को : राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आनन्द भालेराव ने कहा कि भारत में प्राचीन समय से गुरु शिष्य परम्परा रही है. इसके माध्यम से मिले वेद, विज्ञान, कला, ज्योतिष एवं साहित्य के ज्ञान ने भारत को विश्व गुरु बनाया. कणाद की परमाणु संरचना, बौधायन की गणित, चरक की आयुर्वेद, सुश्रुत की शल्य चिकित्सा, वराहमिहिर की खगोल शास्त्र के विषय में की गई खोजों को सभी याद करते हैं. प्रत्येक व्यक्ति की प्रगति का श्रेय शिक्षक को जाता है.

इनका हुआ सम्मान : डॉ. नीरज गुप्ता ने कहा कि टीचर एक्सीलेंस अवार्ड की शुरुआत वर्ष 2023 में की गई थी. इस वर्ष भारत के 15 राज्यों से कई नामांकन प्राप्त हुए थे. प्रथम चरण में इनमें से 47 का चयन किया गया. द्वितीय चरण के बाद 12 शिक्षकों को अंतिम चयन के लिए चुना गया. इनमें से 4 शिक्षकों का सम्मान किया गया. आईआईटी रूड़की के प्रो. कौशिक पाल, आईआईटी दिल्ली के प्रो. कुमार नीरज झा, केन्द्रीय विश्वविद्यालय हरियाणा की डॉ. अनिता कुमारी और एमएनआईटी जयपुर की डॉ. निरजा सारस्वत को टीचर एक्सीलेंस अवार्ड से सम्मानित किया गया. कश्मीर केन्द्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. ए. रविन्द्र नाथ को विशेष रूप से सम्मानित किया गया.

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