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पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर पर गोरखपुर में मुकदमा, प्रशासन ने किया गेस्ट हाउस में किया था नजरबंद

गोरखपुर में डॉक्टर-सिपाही विवाद में गोरखपुर पहुंचे पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर पर केस दर्ज हुआ है.

अमिताभ ठाकुर, पूर्व आईपीएस
अमिताभ ठाकुर, पूर्व आईपीएस (Photo Credit: ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 15, 2024, 10:35 PM IST

Updated : Oct 16, 2024, 3:03 PM IST

गोरखपुर : डॉक्टर और सिपाही विवाद में पीड़ित सिपाही की ओर से एफआईआर दर्ज कराने के लिए गोरखपुर पहुंचे पूर्व आईपीएस और आजाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर को गोरखपुर जिला प्रशासन ने सिंचाई डाक बंगले में नजर बंद कर दिया. उन्हें कई घंटे तक डाक बंगले में नजरबंद रखने के बाद ट्रेन में बिठा कर लखनऊ वापस भेज दिया. वहीं देर रात अमिताभ पर मुकदमा भी दर्ज किया गया है. जिसके बाद अमिताभ का कहना है कि वे वापस गोरखपुर अपना विरोध दर्ज कराने लौटेंगे. उन्होंने केस को राजनीति से प्रेरित बताया.

अमिताभ ठाकुर ने दर्ज केस को राजनीति से प्रेरित बताया है. (Photo Credit; ETV Bharat)

बता दें, डॉक्टर-सिपाही मामले में लगातार प्रदर्शन हो रहे हैं. पूर्व आईपीएस का आरोप है कि प्रशासन पीड़ित पुलिसकर्मी के परिजनों की आवाज नहीं सुन रहा है. कोर्ट ने मामले का संज्ञान लिया है, लेकिन जेल में बंद सिपाही की हालत के लिए जिम्मेदार गैस्ट्रोलॉजी के डॉ. अनुज सरकारी के खिलाफ प्रशासन कोई एक्शन नहीं ले रहा है. ऐसे में सिपाही के पक्ष में लोग लामबंद हो रहे हैं. इसी क्रम में अमिताभ ठाकुर भी मंगलवार को गोरखपुर पहुंचे थे, लेकिन उन्हें पहले सिंचाई डाक बंगले में आवंटित कक्ष में प्रवेश दिया गया और कुछ देर बाद कक्ष आवंटित न होने का हवाला देकर जबरदस्ती निकाला जाने लगा.

जानकारी देते पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर. (Video Credit : ETV Bharat)

आजाद अधिकार सेना की प्रवक्ता डॉ. नूतन ठाकुर ने विज्ञप्ति के माध्यम से बताया है कि लगभग इसी समय एसीएम तृतीय, सीओ कैंट और इंस्पेक्टर कैंट सहित भारी पुलिस बल ने आकर अमिताभ ठाकुर को अवैध रूप से नजरबंदी में ले लिया. इसके बाद पुलिस ने सिंचाई डाक बंगले के अंदर मौजूद आजाद अधिकार सेना के सभी लोगों को बाहर निकाल दिया और बाहर से सिंचाई डाक बंगले के गेट को बंद कर दिया.

डाॅ. नूतन ठाकुर के मुताबिक इसके बाद पुलिस अभिताभ ठाकुर को लगभग 4:30 घंटे तक अवैध नजरबंदी की स्थिति में रखा. इसके बाद लगभग 2:30 बजे पुलिस अपने साथ अपनी अभिरक्षा में गोरखपुर रेलवे स्टेशन लेकर पहुंची और लखनऊ जाने वाली ट्रेन में बैठा कर लखनऊ रवाना कर दिया. अमिताभ ठाकुर ने इस पूरे प्रकरण को उच्चस्तरीय राजनीतिक दबाव में किया गया अत्यंत निंदनीय कार्य बताया है. उन्होंने कहा कि वे अपनी रणनीति लखनऊ जाकर तय करेंगे. उनकी पार्टी सिपाही का एफआईआर दर्ज होने तक इस मामले में लगी रहेगी और आज उनके साथ हुए विधि विरुद्ध कार्यों के संबंध में भी विधिक कार्रवाई करेगी.

अमिताभ ठाकुर ने कहा, दर्ज मुकदमा राजनीति से प्रेरित और फर्जी : इधर, आजाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर ने कैंट थाने में अपने ऊपर दर्ज मुकदमे को उच्चस्तरीय राजनीतिक दबाव में किया गया और पूरी तरह फर्जी बताया है. कहा है कि गेस्ट हाउस के केयरटेकर जितेंद्र कुमार पर दबाव डालकर उनके गेस्ट हाउस में जबरदस्ती घुसने की एफआईआर दर्ज कराई गई है. कहा कि वह कानूनी रूप से अपने आप को इस मामले में निर्दोष साबित करेंगे. जिस संबंध में उनके पास पर्याप्त साक्ष्य हैं. उन्होंने लगभग 4:30 घंटे सिंचाई डाक बंगले में नजरबंद रखे जाने और जबरदस्ती लखनऊ जाने की ट्रेन में बैठाने को मानवाधिकारों का घोर उल्लंघन और आपराधिक कार्य बताया. उन्होंने कहा कि वह इस संबंध में विधिक कार्यवाही करेंगे. पार्टी की प्रवक्ता डॉ. नूतन ठाकुर ने अमिताभ ठाकुर का एक वीडियो सन्देश जारी करते हुए उनकी बातों का जिक्र किया है. अमिताभ ठाकुर ने कहा कि सिपाही को न्याय दिलवाने के साथ कल अपने साथ हुए अन्याय के मामले में विधिक और प्रशासनिक कार्रवाई करने वे शीघ्र ही गोरखपुर आएंगे.

बता दें, करीब 2 सप्ताह पूर्व गोरखपुर के कैंट थाना क्षेत्र के गैस्ट्रोलॉजी के डॉ. अनुज सरकारी के क्लीनिक पर सस्पेंड सिपाही पंकज कुमार अपनी पत्नी के इलाज के लिए गया था. वहां किसी बात को लेकर वाद-विवाद के बाद क्लीनिक पर तैनात बाउंसर और स्टाफ ने मारपीट कर दी. उस समय सिपाही की पत्नी और उसकी बेटी भी मौजूद थी. यह घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद है. सीसीटीवी की फुटेज भी खूब वायरल हुई थी. सिपाही पंकज ने अगले दिन कैंट पुलिस से शिकायत की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई. वहीं सिपाही पर हमला करने के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया. इस मामले डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर स्थानीय संगठन, राजनीतिक दल और अमिताभ ठाकुर आंदोलनरत हैं.

यह भी पढ़ें : यूपी के पूर्व IAS अफसर के घर से 50 करोड़ चोरी, अखिलेश-अमिताभ ठाकुर ने उठाए सवाल, उत्तराखंड DGP बोले- घटना नहीं हुई - UP Ex IAS 50 Crores Stolen

यह भी पढ़ें : इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के छात्रों के समर्थन में अमिताभ ठाकुर ने दिया धरना, पुलिस के लिए कही ऐसी बात

गोरखपुर : डॉक्टर और सिपाही विवाद में पीड़ित सिपाही की ओर से एफआईआर दर्ज कराने के लिए गोरखपुर पहुंचे पूर्व आईपीएस और आजाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर को गोरखपुर जिला प्रशासन ने सिंचाई डाक बंगले में नजर बंद कर दिया. उन्हें कई घंटे तक डाक बंगले में नजरबंद रखने के बाद ट्रेन में बिठा कर लखनऊ वापस भेज दिया. वहीं देर रात अमिताभ पर मुकदमा भी दर्ज किया गया है. जिसके बाद अमिताभ का कहना है कि वे वापस गोरखपुर अपना विरोध दर्ज कराने लौटेंगे. उन्होंने केस को राजनीति से प्रेरित बताया.

अमिताभ ठाकुर ने दर्ज केस को राजनीति से प्रेरित बताया है. (Photo Credit; ETV Bharat)

बता दें, डॉक्टर-सिपाही मामले में लगातार प्रदर्शन हो रहे हैं. पूर्व आईपीएस का आरोप है कि प्रशासन पीड़ित पुलिसकर्मी के परिजनों की आवाज नहीं सुन रहा है. कोर्ट ने मामले का संज्ञान लिया है, लेकिन जेल में बंद सिपाही की हालत के लिए जिम्मेदार गैस्ट्रोलॉजी के डॉ. अनुज सरकारी के खिलाफ प्रशासन कोई एक्शन नहीं ले रहा है. ऐसे में सिपाही के पक्ष में लोग लामबंद हो रहे हैं. इसी क्रम में अमिताभ ठाकुर भी मंगलवार को गोरखपुर पहुंचे थे, लेकिन उन्हें पहले सिंचाई डाक बंगले में आवंटित कक्ष में प्रवेश दिया गया और कुछ देर बाद कक्ष आवंटित न होने का हवाला देकर जबरदस्ती निकाला जाने लगा.

जानकारी देते पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर. (Video Credit : ETV Bharat)

आजाद अधिकार सेना की प्रवक्ता डॉ. नूतन ठाकुर ने विज्ञप्ति के माध्यम से बताया है कि लगभग इसी समय एसीएम तृतीय, सीओ कैंट और इंस्पेक्टर कैंट सहित भारी पुलिस बल ने आकर अमिताभ ठाकुर को अवैध रूप से नजरबंदी में ले लिया. इसके बाद पुलिस ने सिंचाई डाक बंगले के अंदर मौजूद आजाद अधिकार सेना के सभी लोगों को बाहर निकाल दिया और बाहर से सिंचाई डाक बंगले के गेट को बंद कर दिया.

डाॅ. नूतन ठाकुर के मुताबिक इसके बाद पुलिस अभिताभ ठाकुर को लगभग 4:30 घंटे तक अवैध नजरबंदी की स्थिति में रखा. इसके बाद लगभग 2:30 बजे पुलिस अपने साथ अपनी अभिरक्षा में गोरखपुर रेलवे स्टेशन लेकर पहुंची और लखनऊ जाने वाली ट्रेन में बैठा कर लखनऊ रवाना कर दिया. अमिताभ ठाकुर ने इस पूरे प्रकरण को उच्चस्तरीय राजनीतिक दबाव में किया गया अत्यंत निंदनीय कार्य बताया है. उन्होंने कहा कि वे अपनी रणनीति लखनऊ जाकर तय करेंगे. उनकी पार्टी सिपाही का एफआईआर दर्ज होने तक इस मामले में लगी रहेगी और आज उनके साथ हुए विधि विरुद्ध कार्यों के संबंध में भी विधिक कार्रवाई करेगी.

अमिताभ ठाकुर ने कहा, दर्ज मुकदमा राजनीति से प्रेरित और फर्जी : इधर, आजाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर ने कैंट थाने में अपने ऊपर दर्ज मुकदमे को उच्चस्तरीय राजनीतिक दबाव में किया गया और पूरी तरह फर्जी बताया है. कहा है कि गेस्ट हाउस के केयरटेकर जितेंद्र कुमार पर दबाव डालकर उनके गेस्ट हाउस में जबरदस्ती घुसने की एफआईआर दर्ज कराई गई है. कहा कि वह कानूनी रूप से अपने आप को इस मामले में निर्दोष साबित करेंगे. जिस संबंध में उनके पास पर्याप्त साक्ष्य हैं. उन्होंने लगभग 4:30 घंटे सिंचाई डाक बंगले में नजरबंद रखे जाने और जबरदस्ती लखनऊ जाने की ट्रेन में बैठाने को मानवाधिकारों का घोर उल्लंघन और आपराधिक कार्य बताया. उन्होंने कहा कि वह इस संबंध में विधिक कार्यवाही करेंगे. पार्टी की प्रवक्ता डॉ. नूतन ठाकुर ने अमिताभ ठाकुर का एक वीडियो सन्देश जारी करते हुए उनकी बातों का जिक्र किया है. अमिताभ ठाकुर ने कहा कि सिपाही को न्याय दिलवाने के साथ कल अपने साथ हुए अन्याय के मामले में विधिक और प्रशासनिक कार्रवाई करने वे शीघ्र ही गोरखपुर आएंगे.

बता दें, करीब 2 सप्ताह पूर्व गोरखपुर के कैंट थाना क्षेत्र के गैस्ट्रोलॉजी के डॉ. अनुज सरकारी के क्लीनिक पर सस्पेंड सिपाही पंकज कुमार अपनी पत्नी के इलाज के लिए गया था. वहां किसी बात को लेकर वाद-विवाद के बाद क्लीनिक पर तैनात बाउंसर और स्टाफ ने मारपीट कर दी. उस समय सिपाही की पत्नी और उसकी बेटी भी मौजूद थी. यह घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद है. सीसीटीवी की फुटेज भी खूब वायरल हुई थी. सिपाही पंकज ने अगले दिन कैंट पुलिस से शिकायत की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई. वहीं सिपाही पर हमला करने के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया. इस मामले डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर स्थानीय संगठन, राजनीतिक दल और अमिताभ ठाकुर आंदोलनरत हैं.

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Last Updated : Oct 16, 2024, 3:03 PM IST
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