गोपालगंज: बिहार के गोपालगंज में डायरिया तेजी से फैल रहा है. जिले के हथुआ प्रखंड के अटवा महादेवा गांव में डायरिया के प्रकोप से एक महिला की मौत हो गई, जबकि मृत महिला के दो बेटा व एक बेटी भी डायरिया से बीमार हो गये हैं. सभी को फौरन इलाज के लिए गोपालगंज सदर अस्पताल में भर्ती किया गया. जहां तीनों बच्चो का इलाज डॉक्टर की देखरेख में चल रहा है.
गोपालगंज में डायरिया से महिला की मौत: मृतका की पहचान चंदा देवी और बीमार बच्चों में मृतका के 7 वर्षीय बेटा मनीष कुमार, 9 वर्षीय बेटा अनीष कुमार व 12 वर्षीय बेटी मनीषा कुमारी शामिल है. घटना के संबंध में ग्रामीणों ने बताया कि अटवा महादेवा गांव निवासी चंदा देवी की तबीयत अचानक बिगड़ गई. इसके बाद उन्हें हथुआ अनुमंडलीय अस्पताल में भर्ती कराया गया. यहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई.
"डायरिया के कारण महिला चंदा देवी की मौत हो गई थी. परिजन शव लेकर घर के लिए रवाना हो गए. वहीं उनके बच्चे भी बीमार थे. उनके स्वास्थ्य में सुधार है मेडिकल टीम गांव पर विशेष नजर बनाए हुए हैं." -रमेश कुमार, उपाधीक्षक, हथुआ अनुमंडलीय अस्पताल
तीनों बच्चों को सदर अस्पताल में चल रहा इलाज: महिला की मौत के बाद उनके तीनों बच्चों की तबीयत बिगड़ गई. इसके बाद तीनों बच्चों को इलाज के लिए हथुआ अनुमंडलीय अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां प्राथमिक उपचार के बाद सभी बच्चों को बेहतर इलाज के लिए सदर अस्पताल रेफर कर दिया गया. हथुआ अनुमंडलीय अस्पताल के उपाधीक्षक रमेश कुमार ने बताया कि सदर अस्पताल में डॉक्टर के देखरेख में सभी का इलाज कराया गया.
क्या है डायरिया: दिन में 3 से ज्यादा बार पानी के साथ अधिक मात्रा में मलत्याग हो रहा हो तो यह डायरिया का लक्षण है. इस रोग से ग्रसित रोगी के शरीर में पानी की अत्यधिक कमी हो जाती है. इससे उसका शरीर कमजोर हो जाता है. यही कारण है कि शरीर में इन्फेक्शन फैलने का खतरा बहुत बढ़ जाता है. सही समय पर सही इलाज नहीं होने पर रोगी की जान भी जा सकती है. सामान्य रूप से डायरिया 3 से 7 दिनों तक में ही ठीक होता है. छोटे बच्चे और बुजुर्ग इसकी चपेट में ज्यादा आते हैं.
डायरिया के लक्षण: बार-बार मल त्याग करना. मल बहुत पतला होना या उपरोक्त दोनों ही स्थितियां हो जाना. पतले दस्त जिनमें जल का भाग अधिक होता है. थोड़े-थोड़े समय के अंतर से आते रहना. तीव्र दशाओं में रोगी के पेट के पूरे निचले भाग में दर्द और बेचैनी महसूस होती है. किसी रोगी को यह मलत्याग के कुछ समय पहले अधिक मालूम होती है. पुराना अतिसार रोग अगर बहुत समय तक बने रहे, या थोड़े ही समय में एकदम से. रोगी का शरीर कृश हो जाए तो डिहाइड्रेशन की दशा उत्पन्न हो सकती है.
ये भी पढ़ें
गोपालगंज में डायरिया का प्रकोप: 25 से ज्यादा बीमार, घर छोड़कर जा रहे हैं लोग
Aurangabad News : औरंगाबाद में डायरिया का प्रकोप, एक बच्ची की मौत.. 2 दर्जन से अधिक लोग बीमार
छपरा में डायरिया का बढ़ा प्रकोप, 48 घंटे में 200 लोग अस्पताल में भर्ती
मोतिहारी में डायरिया और हैजा का प्रकोप, केसरिया में कैंप कर रही स्वास्थ्य विभाग की टीम