जमुई: बिहार के कई जिलों के सरकारी अस्पतालों से डॉक्टर की लापरवाही की खबरें सामने आती हैं. मरीज की मौत और परिजनों के हंगामे की बात भी नई नहीं है. इस बीच दिल को सुकून देने वाली एक खबर जमुई के सरकारी अस्पताल से सामने आई है, जहां धरती के भगवान कहे जाने वाले डॉक्टर ने एक किशोरी को मौत के मुंह से निकाल लिया. किशोरी को डॉक्टर ने अपनी गोद में उठाया और फौरन इमरजेंसी में दौड़ते हुए ले गए.
जमुई में डॉक्टर ने कर दिया कमाल: इस दृश्य को जिसने भी देखा उसका एक बार फिर से डॉक्टर के प्रति विश्वास बढ़ गया है. सभी डॉक्टर का धन्यवाद करते हुए उनके काम के प्रति निष्ठा की तारीफ करते नहीं थक रहे. स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर वाकई डॉक्टर ऐसे काम करेंगे तो धरती में इनका स्थान भगवान की तरह ही हो जाएगा. जहां से उन्हें कोई नहीं हटा सकता.
मौत के मुंह से मरीज को वापस खींच लाए: बता दें कि घटना शुक्रवार रात की है. डॉक्टर ने कैसे किशोरी की जान बचाई इसका वीडियो सामने आया है. डॉक्टर की फुर्ती के कारण लड़की की जान बच सकी, नहीं तो उसे बचाना आसान नहीं होता. इलाज में थोड़ी सी भी देरी उसे मौत के मुंह में धकेल सकती थी.
बदहवास हालत में लेकर पहुंचे थे पिता: दरअसल बीते देर रात को सदर अस्पताल में डॉक्टर घनश्याम ड्यूटी पर थे. अचानक एक किशोरी उम्र लगभग 17 वर्ष नाम सिमरी कुमारी को परिजन लेकर पहुंचे. सिमरी का घर जमुई जिले के खैरा प्रखंड क्षेत्र के हरिहरपुर गांव में है. उसे उसके पिता उपेंद्र पासवान लेकर अस्पताल पहुंचे. उस समय लड़की बदहवास हालत में थी.
मोबाइल चार्ज में लगाने के दौरान लगा जोरदार झटका: जानकारी के अनुसार सिमरी अपने घर पर थी. लगातार बारिश हो रही थी. अपने कच्चे मकान में देर रात्रि जैसे ही मोबाइल फोन चार्ज करने के लिए सिमरी ने बिजली के बोर्ड में चार्जर का प्लग लगाया उसे जोरदार झटका लगा. सिमरी अचेत होकर जमीन पर गिर पड़ी. बेहोशी की हालत में बदहवास पिता बेटी को लेकर अस्पताल पहुंचे थे.
डॉक्टर गोद में मरीज को लेकर दौड़ पड़े: जब सिमरी को लेकर उसके पिता उपेंद्र पासवान सदर अस्पताल पहुंचे तो उस वक्त डॉक्टर घनश्याम ड्यूटी पर थे. उस समय वार्ड बॉय, नर्स, कंपाउंडर कोई मौजूद नहीं था. डॉक्टर घनश्याम ने किसी का इंतजार नहीं किया और बिना वार्ड बॉय , नर्स , कंपाउंडर का इंतजार किऐ खुद अचेत सिमरी को अपने गोद में लेकर दौड़ पड़े.
पूरी तरह से स्वस्थ है किशोरी: डॉक्टर घनश्याम तेजी के साथ इमरजेंसी की ओर बढ़े. उन्हें समझ में आ गया कि सिमरी को जल्द से जल्द इलाज की जरूरत है. डॉक्टर ने लड़की को इमरजेंसी वार्ड के बेड पर लिटाया और इलाज में जुट गए. इस दौरान डॉक्टर ने बदहवास सिमरी को हिम्मत देते हुए कहा कि घबराओ मत कुछ नहीं होगा. इलाज शुरू होने के बाद पीछे से वार्ड बॉय और कंपाउंडर पहुंचे. इलाज के बाद अब सिमरी पूरी तरह स्वस्थ हो चुकी है. सिमरी पिता ने राहत की सांस ली.