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Rajasthan: बड़ा बयान : घनश्याम तिवाड़ी बोले- जनसंख्या असंतुलन बम से भी ज्यादा घातक और विस्फोटक - GHANSHYAM TIWARI

राज्यसभा सांसद घनश्याम तिवाड़ी का बड़ा बयान. जनसंख्या असंतुलन बम से भी ज्यादा घातक और विस्फोटक. भारत की संस्कृति मजबूती से खड़ी है.

Ghanshyam Tiwari
कार्यक्रम के दौरान घनश्याम तिवाड़ी (ETV Bharat Ajmer)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Oct 18, 2024, 7:54 PM IST

अजमेर: राज्यसभा सांसद घनश्याम तिवाड़ी ने कहा कि कई देशों में जनसंख्या के समीकरणों के बदलाव के कारण वहां की संस्कृति ही नष्ट हो गई. भारत की संस्कृति मजबूती से आज भी खड़ी है, क्योंकि स्वामी दयानंद सरस्वती जैसे महापुरुषों ने संस्कृति को जीवंत रखा है. घनश्याम तिवाड़ी शुक्रवार को अजमेर में स्वामी दयानंद सरस्वती की 200वीं जयंती वर्ष के उपलक्ष आर्य समाज परोपकारिणी सभा की ओर से आयोजित कार्यक्रम में अतिथि के तौर पर शामिल हुए.

तिवाड़ी ने कहा कि स्वामी दयानंद सरस्वती के आदर्शों और उनके सिद्धांतों का अनुसरण करना आज के समय में बेहद जरूरी हो गया है. उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि पिछले कुछ दशकों में देश के विभिन्न हिस्सों में जनसांख्यिकीय समीकरण बदला जो कि देश के लिए घातक साबित हुआ. उन्होंने कहा कि जनसांख्यिकीय बदलावों ने द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.

घनश्याम तिवाड़ी, राज्यसभा सदस्य (ETV Bharat Ajmer)

तिवाड़ी ने कहा कि जितना नुकसान परमाणु बम से हो सकता है, उससे कहीं अधिक नुकसान जनसंख्या के समीकरण और अनुपात के बदलने पर होता है. इसलिए हमें अपने 'घर वापसी' को बढ़ावा देने के साथ ही घुसपैठ और धर्मांतरण को रोकना होगा.

स्वामी दयानंद सरस्वती के आदर्शों को अनुसरण करना जरूरी : घनश्याम तिवाड़ी ने कहा कि देश के विभाजन से पहले देश में 13 प्रतिशत अल्पसंख्यक तथा 87 प्रतिशत हिंदू जनसंख्या थी. इसी आधार पर संविधान सभा के गठन के समय प्रतिनिधित्व भी मिला था. इसके बाद देश के विभाजन फलस्वरूप पाकिस्तान, बांग्लादेश बने. तिवाड़ी ने कहा कि 22 प्रतिशत जनसंख्या पाकिस्तान में हिंदुओं की थी, जबकि अब मात्र 1.6 फीसदी हिन्दू वहां रह गए हैं. पूर्वी पाकिस्तान बांग्लादेश जिसमें 38 प्रतिशत जनसंख्या हिंदुओ की थी जो घट कर 7.5 फीसदी रह गई.

पढ़ें : भजनलाल सरकार लाएगी मीसा बंदियों की पेंशन के लिए कानून, घनश्याम तिवाड़ी बोले-कानून जरुरी, इसका स्वागत - Misa Prisoners Pension

उन्होंने कहा कि जातीय विद्वेष और धर्मांतरण के कारण हिंदुओं की जनसंख्या घट रही है. तिवाड़ी ने कहा कि जनसंख्या विस्फोट परमाणु विस्फोट से कम नहीं है. जनसंख्या विस्फोट संस्कृतियों को नष्ट कर देता है. देश में बंगाल, असम, बिहार समेत कई प्रदेश हैं, जहां हिंदुओं की संख्या घट रही है. इन्होंने यह भी कहा कि देश में अंदरूनी तौर पर ऐसी लहर चल रही है जिसका मकसद वैदिक संस्कृति को मानने वाले लोगों का विभाजन कर सतयुग से कलयुग तक के सांस्कृतिक ढांचे को नष्ट और भ्रष्ट किया जाए. तिवाड़ी ने स्वामी दयानंद सरस्वती को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि भारतीय स्वाधीनता संग्राम में स्वामी की प्रेरणा ने कई नेताओं को ब्रिटिश शासन के खिलाफ संगठित होकर लड़ने के लिए प्रेरित किया.

अजमेर: राज्यसभा सांसद घनश्याम तिवाड़ी ने कहा कि कई देशों में जनसंख्या के समीकरणों के बदलाव के कारण वहां की संस्कृति ही नष्ट हो गई. भारत की संस्कृति मजबूती से आज भी खड़ी है, क्योंकि स्वामी दयानंद सरस्वती जैसे महापुरुषों ने संस्कृति को जीवंत रखा है. घनश्याम तिवाड़ी शुक्रवार को अजमेर में स्वामी दयानंद सरस्वती की 200वीं जयंती वर्ष के उपलक्ष आर्य समाज परोपकारिणी सभा की ओर से आयोजित कार्यक्रम में अतिथि के तौर पर शामिल हुए.

तिवाड़ी ने कहा कि स्वामी दयानंद सरस्वती के आदर्शों और उनके सिद्धांतों का अनुसरण करना आज के समय में बेहद जरूरी हो गया है. उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि पिछले कुछ दशकों में देश के विभिन्न हिस्सों में जनसांख्यिकीय समीकरण बदला जो कि देश के लिए घातक साबित हुआ. उन्होंने कहा कि जनसांख्यिकीय बदलावों ने द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.

घनश्याम तिवाड़ी, राज्यसभा सदस्य (ETV Bharat Ajmer)

तिवाड़ी ने कहा कि जितना नुकसान परमाणु बम से हो सकता है, उससे कहीं अधिक नुकसान जनसंख्या के समीकरण और अनुपात के बदलने पर होता है. इसलिए हमें अपने 'घर वापसी' को बढ़ावा देने के साथ ही घुसपैठ और धर्मांतरण को रोकना होगा.

स्वामी दयानंद सरस्वती के आदर्शों को अनुसरण करना जरूरी : घनश्याम तिवाड़ी ने कहा कि देश के विभाजन से पहले देश में 13 प्रतिशत अल्पसंख्यक तथा 87 प्रतिशत हिंदू जनसंख्या थी. इसी आधार पर संविधान सभा के गठन के समय प्रतिनिधित्व भी मिला था. इसके बाद देश के विभाजन फलस्वरूप पाकिस्तान, बांग्लादेश बने. तिवाड़ी ने कहा कि 22 प्रतिशत जनसंख्या पाकिस्तान में हिंदुओं की थी, जबकि अब मात्र 1.6 फीसदी हिन्दू वहां रह गए हैं. पूर्वी पाकिस्तान बांग्लादेश जिसमें 38 प्रतिशत जनसंख्या हिंदुओ की थी जो घट कर 7.5 फीसदी रह गई.

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उन्होंने कहा कि जातीय विद्वेष और धर्मांतरण के कारण हिंदुओं की जनसंख्या घट रही है. तिवाड़ी ने कहा कि जनसंख्या विस्फोट परमाणु विस्फोट से कम नहीं है. जनसंख्या विस्फोट संस्कृतियों को नष्ट कर देता है. देश में बंगाल, असम, बिहार समेत कई प्रदेश हैं, जहां हिंदुओं की संख्या घट रही है. इन्होंने यह भी कहा कि देश में अंदरूनी तौर पर ऐसी लहर चल रही है जिसका मकसद वैदिक संस्कृति को मानने वाले लोगों का विभाजन कर सतयुग से कलयुग तक के सांस्कृतिक ढांचे को नष्ट और भ्रष्ट किया जाए. तिवाड़ी ने स्वामी दयानंद सरस्वती को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि भारतीय स्वाधीनता संग्राम में स्वामी की प्रेरणा ने कई नेताओं को ब्रिटिश शासन के खिलाफ संगठित होकर लड़ने के लिए प्रेरित किया.

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