भोजपुर: बिहार के भोजपुर में बुजुर्ग की शवयात्रा निकाली गई. जिसमें अंतिम संस्कार में शामिल लोग मातम मनाने के बजाय जश्न मनाते हुए दिखाई दिए. 108 साल की उम्र में एक बुजुर्ग शख्स की मौत हो गई. जिसके बाद जश्न मनाते हुए डीजे की धुन पर नाचते परिजनों ने रंग-गुलाल उड़ाते हुए अंतिम संस्कार के लिए शव यात्रा निकली.
फुहड़ होली गीत पर नाचे परिजन: इस शवयात्रा में आगे डीजे पर भोजपुरी के फुहड़ होली गीत बज रहा था और उसकी धुन पर मृतक के परिजन व रिश्तेदार एक दूसरे को अबीर-गुलाल लगाते हुए जमकर डांस कर रहे थे. जबकि इसके ठीक पीछे रंग बिरंगी बलून से एक ट्रैक्टर को सजाया गया था और उसपर शव को रख अंतिम संस्कार की यात्रा निकाली जा रही थी. वहीं पहली बार इस तरह की शवयात्रा को उस रास्ते से गुजरने वाले लोग भी चौंककर काफी देर तक देख रहे थे.
108 वर्ष की उम्र में बुजुर्ग की मौत: दरअसल यह पूरा वाक्या रविवार की दोपहर कृष्णागढ़ ओपी क्षेत्र के महुली गंगा घाट जाने वाले रास्ते के बीच की है. जहां मुफस्सिल थाना क्षेत्र के बारा बसंतपुर गांव निवासी सिद्धेश्वर पंडित की 108 वर्ष की उम्र में मौत हो गई. उनके शव को परिजन अंतिम संस्कार के लिए महुली गंगा घाट ले जा रहे थे, तब ही राहगीरों की नजर इस अनोखी शव यात्रा पर पड़ी और कई लोगों ने इसे अजीबो-गरीब बताया.
"मेरे नाना की 108 साल की उम्र में मौत हुई है. वो इतनी लंबी उम्र तक जिंदा रहे इस बात की खुशी है. अपनी खुशी को जाहिर करते हुए हम लोग डीजे के साथ उन्हें अंतिम विदाई दे रहे हैं."-रोहित कुमार, मृतक का नाती
डीजे के साथ निकली शव यात्रा: मृतक के पुत्र और अन्य परिजनों से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि इनके मरने के बाद उन्हें दुख नहीं बल्कि खुसी है. आज के समय मे सौ साल कोई नहीं जीता और सिद्धेश्वर पंडित की 108 साल में मौत हुई है, जिसकी वजह से खुसी मनाते हुए ट्रैक्टर को सजाया गया और उस पर शव रखा गया.
"शव वाहन के आगे डीजे गाड़ी और उसके पीछे दर्जनों लोग नाचते-गाते पैदल अंतिम संस्कार में जा रहे थे. ऐसा पहली बार देखा है कि लोग होली के फुहड़ गीतों पर गुलाल उड़ाते हुए शव लेकर जा रहे हों. अच्छा नहीं लगा कि शव को लोग ऐसे डीजे के साथ लेकर जा रहे थे."-अरविंद सिंह,राहगीर
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