अनूपगढ़: मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने नए जिलों की समीक्षा के लिए एक समिति का गठन किया है. इस समिति के अध्यक्ष पूर्व आईएएस ललित के पंवार ने शनिवार को नवगठित अनूपगढ़ जिले का दौरा किया. इस दौरान उन्होंने जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय में प्रशासनिक अधिकारियों, विधायक, जनप्रतिनिधियों और आमजन से अनूपगढ़ जिले के संबंध में उनकी राय जानी. उन्होंने कहा कि वे 30 अगस्त तक सभी जिलों के पुनर्गठन पर रिपोर्ट सरकार को प्रस्तुत करेंगे. इसके बाद सरकार अपना निर्णय लेगी.
लोगों ने कहा अनूपगढ़ जिला बनने के पूरे करता है सभी मापदंड: विधायक शिमला नायक, जिला बनाओ संघर्ष समिति के अध्यक्ष सुरेश बिश्नोई और अन्य जनप्रतिनिधियों ने बताया कि अनूपगढ़ 12 वर्षों के संघर्ष के बाद जिला बना है. यह सभी मापदंडों पर खरा उतरता है. उन्होंने यह भी कहा कि खाजूवाला और छतरगढ़ तहसील को भी अनूपगढ़ जिले में शामिल किया जाना चाहिए.
खाजूवाला से आए किसानों ने बताया कि जिले में शामिल होने से उन्हें अपनी फसल का उचित मूल्य मिलेगा और बेहतर लाभ प्राप्त होगा. विधायक शिमला नायक ने बताया कि अनूपगढ़ जिले के बनने से क्षेत्र के लोगों को बीकानेर या श्रीगंगानगर जाने की आवश्यकता नहीं रहती. जिससे उनका समय और धन दोनों की बचत हो रही है. उन्होंने कहा कि अनूपगढ़ से श्रीगंगानगर आने-जाने में तकरीबन 5 से 6 घंटे खराब हो जाते है. जिला बनाओ संघर्ष समिति के अध्यक्ष सुरेश बिश्नोई ने कहा कि खाजूवाला और छतरगढ़ क्षेत्र को अनूपगढ़ जिले में शामिल किया जाना आवश्यक है, ताकि किसानों को बेहतर एमएसपी मिल सके.
विधायक ने पूर्व विधायक पर की टिप्पणी: बैठक के दौरान भाजपा की पूर्व विधायक संतोष बावरी ने कहा कि गहलोत सरकार ने आनन-फानन में जिले बना दिए. इस पर वर्तमान कांग्रेस विधायक शिमला नायक ने कहा कि अनूपगढ़ को जिला बनाने से यहां की जनता को भारी लाभ हुआ है.अनूपगढ़ जिला बनने के लिए सभी पैमानों पर खरा उतरता है. बैठक के दौरान, जनप्रतिनिधियों ने स्थानीय समस्याओं से अवगत कराया. पूर्व प्रधान हरिराम मेघवाल ने जिला परिषद स्थापित करने की मांग की. जबकि नगर परिषद उपसभापति ने अनूपगढ़ में डीटीओ कार्यालय खोलने की बात की. विभिन्न संगठनों ने अनूपगढ़ को जिला बनाए रखने के लिए ज्ञापन सौंपे. जिनमें संयुक्त व्यापार संघ, बार संघ, और अन्य शामिल हैं.